Principal Promotion News: प्राचार्य पोस्टिंग पर फिर टली सुनवाई, अब सिंगल बेंच में 5 अगस्त को होगी सुनवाई, 1475 शिक्षकों की पदस्थापना अटकी
Principal Promotion News: प्रिंसिपल पोस्टिंग को लेकर दायर याचिका पर बिलासपुर हाई कोर्ट के सिंगल बेंच में लगातार सुनवाई चल रही है। सोमवार को सुनवाई के बाद सिंगल बेंच ने मंगलवार के लिए आगे बढ़ा दिया। मंगलवार को दोपहर बाद सुनवाई होगी।

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Principal Promotion News: बिलासपुर। प्राचार्य पदोन्नति के बाद पोस्टिंग को लेकर मामला लगातार अटकते जा रहा है। डिवीजन बेंच ने आधा दर्जन याचिकाओं को खारिज करते हुए राज्य शासन के निर्णय को सही ठहराया है। इसी तरह की एक याचिका सिंगल बेंच में चल रही है। याचिकाकर्ता शिक्षक अब रिटायर हो चुके हैं। उनकी याचिका पर बीते पांच दिनों से लगातार सुनवाई चल रही है।
प्राचार्य प्रमोशन को लेकर राज्य शासन द्वारा तय किए गए मापदंड व नियमों को चुनौती देते हुए नारायण प्रकाश तिवारी ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। डिवीजन बेंच में सुनवाई और फैसला आते तक याचिकाकर्ता शिक्षक रिटायर हो गए हैं। डिवीजन बेंच ने आधा दर्जन शिक्षकों की याचिका पर सुनवाई के बाद राज्य शासन तय किए गए मापदंडों व नियमों को सही ठहराते हुए सभी याचिका को खारिज कर दिया है। डिवीजन बेंच से याचिका खारिज होने के बाद राज्य शासन ने टी संवर्ग के शिक्षकों जिनको प्राचार्य के पद पर पदोन्नति देनी है,प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है। रिटायर शिक्षक की याचिका पेंडिंग होने के कारण टी संवर्ग के 1475 शिक्षक जिनको प्राचार्य के पद पर पोस्टिंग मिलनी है, मामला अटक गया है।
याचिकाकर्ता नारायण प्रकाश तिवारी की याचिका पर जस्टिस रविंद्र कुमार अग्रवाल के सिंगल बेंच में सुनवाई चल रही है। सोमवार को मामले की सुनवाई हुई। राज्य शासन की ओर से पैरवी करते हुए अतिरिक्त महाधिवक्ता यशवंत सिंह ठाकुर ने पक्ष रखा। हस्तक्षेप याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ताओं को कोर्ट के समक्ष अपनी बातें रख दी है। मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई करने की व्यवस्था दी है।
जस्टिस रजनी दुबे व जस्टिस एके प्रसाद की डिवीजन बेंच में सुनवाई के बाद बेंच ने 17 जून को फैसला सुरक्षित रख लिया था। डिवीजन बेंच में 9 जून से 17 जून तक लगातार सुनवाई हुई। याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ताओं ने अपने- अपने विषय में तथ्यों के साथ पक्ष रखा था। अतिरिक्त महाधिवक्ता के साथ ही हस्तक्षेप याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने याचिकाकर्ता व शासकीय पक्ष को मजबूती से रखा था। स्कूल शिक्षा विभाग ने 30 अप्रैल को प्राचार्य पदोन्नति की सूची जारी की थी, जिसे हाई कोर्ट ने 1 मई को स्थगित किया था। जिसमें सुनवाई चली। मामले की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट के डिवीजन बेंच ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। 17 को डिवीजन बेंच का फैसला आया। सभी आधा दर्जन याचिकाओं को खारिज करते हुए प्राचार्य पदोन्नति के लिए राज्य शासन द्वारा तय किए गए मापदंडों व नियमों को सही ठहराया।
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