President Visit: झलकियां: बस्तर ओलंपिक, माओवाद और विश्व चैंपियन महिला क्रिकेट टीम की राष्ट्रपति से चर्चा
President Visit: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भाषण के दौरान बस्तर में माओवाद के खात्मे से लेकर बस्तर ओलंपिक की चर्चा की। विश्व चैंपियन महिला क्रिकेट टीम और टीम का हिस्सा रही क्रांति गौड़ को लेकर खास बात की। राष्ट्रपति ने कहा, क्रांति गौड़ जनजातीय समाज से आती है। कड़ी मेहनत और लगन से वह विश्व चैंपियन टीम का अहम हिस्सा बनीं। क्रांति ने हिम्मत,परिश्रम और धैर्य का अनूठा उदाहरण पेश किया है। क्रांति का उदाहरण सामने रखने राष्ट्रपति मुर्मू ने समाज की बेटियों को क्रांति के समान हौसला रखकर आगे बढ़ने की सीख दी। बस्तर की बातें उनकी जेहन में रही। राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा माओवाद से पीड़ित बस्तर में आज ओलंपिक हो रहा है। यह बस्तर में बड़े बदलाव का संकेत है। माओवाद का उन्नमूलन संतोषप्रद को दिल को सुकून देने जैसा है।

सरगुजा। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का पूरा भाषण महिला सशक्तीकरण,जनजातीय समाज के उत्थान और विकास की दिशा में आगे बढ़ने को प्रेरित करने वाला रहा। महिलाओं को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि समाज के महिला का विशेष स्थान होता है। महिलाएं समाज का गौरव है, जननी है। महिलाएं आगे बढ़ेंगी तो समाज आगे बढ़ेगा। महिला सशक्तीकरण पर बल देते हुए राष्ट्रपति ने समाज के साथ कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ने पर जोर दिया।
बस्तर में नक्सलवाद पर कहा, प्रसन्नता हो रही है कि जल्द ही बस्तर से माओवाद का उन्नमूलन हो जाएगा। बस्तर ओलपिंक की चर्चा की और कहा कि देश में चारो तरफ बस्तर ओलंपिक की चर्चा हो रही है। बस्तर के बदलते परिदृश्य का इससे बड़ा और अच्छा उदाहरण और कोई नहीं हो सकता।
महिला क्रिकेट की विश्व चैंपियन टीम की चर्चा के दौरान उनका पूरा फोकस जनजातीय समाज की क्रिकेटर व तेज गेंदबाज क्रांति गौड़ पर रहा। क्रांति को हिम्मत,परिश्रम और धैर्य का मिसाल बताया और उसके परिश्रम और लगन को आत्मसात करने जनजातीय समाज की बेटियों को प्रेरित किया।
राष्ट्रपति ने कहा ओड़िशा और छत्तीसगढ़ के बीच पारिवारिक रिश्ता आज भी कायम है। महज 200 किलोमीटर की दूरी है। शादी व्याह सभी हो रहे हैं। यहां से बेटी देने और बहू लाने का रिवाज आज भी है। मुर्मू बोलीं ओड़िशा उनका कार्यक्षेत्र रहा है। यही वजह है कि उनका छत्तीसगढ़ आना लगा रहता था। यहां आने से अपनत्व का भाव होता है। हम लोगों की दोस्ती बहुत दिनों से चली आ रही है।
झारखंड में भगवान बिरसा मुंडा के गांव जाकर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण करने का सौभाग्य मिला, यह मेरे लिए सुखद क्षण था। राष्ट्रपति ने कहा कि हैलीपेड से जब सभा स्थल के लिए आ रहे थे तब रास्ते में जनजातीय संस्कृति व परंपरा की झलक दिखाई दी। मैं धन्यवाद देना चाहता हूं यहां के जनजातीय भाई बहनों को जिन्होंने जनजातीय संस्कृति व परंपरा को जीवंत रखा है। यह हम लोगों की पहचान है। जनजातीय समाज में जन्म लेने का मुझे गर्व है। मैं हमेशा अपने आपको गौरान्वित महसूस करती हूं।
छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया, जय हिंद जय भारत के नारे के साथ राष्ट्रपति ने अपना भाषण खत्म किया।
राष्ट्रपति का भाषण खत्म होते ही राष्ट्र्रगान हुआ। अतिथि से लेकर सभा स्थल में बैठी भीड़ अपनी जगह पर खड़ी होकर राष्ट्रगान का सम्मान किया।
सभा को केंद्रीय जनजातीय राज्य मंत्री दुर्गादास उइके,राज्यपाल रमेन डेका और कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने संबाेधित किया।
