Begin typing your search above and press return to search.

PM Surya Ghar: पीएम सूर्य घर से रोशन हो रहे छत्तीसगढ़ के घर, CM विष्णुदेव की महत्वाकांक्षी मुफ्त बिजली योजना से बिजली बिल भी घटकर एक तिहाई से हुआ कम

PM Surya Ghar:छत्तीसगढ़ में पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना से समान्य नागरिक भी अब बिजली उत्पादक बनते जा रहें है। अपने घरों की छतों पर सोलर पैनल लगाकर पावर प्लांट लगाने से लोगों की बिजली की समस्या का समाधान तो हो ही रहा है, साथ ही उपयोग के बाद बची हुई बिजली को बेचकर उन्हें अच्छा-खासा फायदा भी हो रहा है...

PM Surya Ghar: पीएम सूर्य घर से रोशन हो रहे छत्तीसगढ़ के घर, CM विष्णुदेव की महत्वाकांक्षी मुफ्त बिजली योजना से बिजली बिल भी घटकर एक तिहाई से हुआ कम
X
By Sandeep Kumar

PM Surya Ghar: शासन द्वारा संचालित प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना अब ग्रामीण अंचलों में भी आमजनों के जीवन में आशा की किरण बन रही है। इसी क्रम में विकासखण्ड लोरमी के ग्राम नवागांव वेंकट निवासी अकत राम ध्रुव ने इस योजना का लाभ लेकर अपने घर की छत पर सोलर पैनल स्थापित कराया है। अब वह हर महीने बिजली बिल के बोझ से मुक्त होकर, अपनी ही सौर ऊर्जा से अपने घर की बिजली जरूरतें पूरी कर रहे हैं।

अकत राम ध्रुव ने बताया कि पहले उनके घर में बिजली की आपूर्ति अनियमित रहती थी और बिजली बिल भी अधिक आता था, लेकिन जब उन्हें पीएम सूर्य घर योजना की जानकारी मिली, तो उन्होंने तुरंत आवेदन किया। योजना के तहत उन्हें सब्सिडी पर सोलर पैनल मिले और कुछ ही दिनों में उनके घर की छत पर सिस्टम इंस्टॉल कर दिया गया। अब उनके घर में नियमित रूप से बिजली रहती है और उन्हें बिल भी नहीं देना पड़ता, बल्कि आने वाले दिनों में वे अतिरिक्त बिजली को विद्युत विभाग को बेचकर आय अर्जित करने की भी योजना बना रहे हैं।

अकतराम ध्रुव कहा कि इस योजना से उन्हें आर्थिक और मानसिक राहत मिली है। अब वे खेती के साथ-साथ घरेलू जरूरतों में भी सौर ऊर्जा का लाभ उठा रहे हैं। ग्राम पंचायत नवागांव वेंकट के सरपंच ने भी कहा कि अकत राम ध्रुव जैसे हितग्राहियों की सफलता गांव के अन्य लोगों को भी प्रेरणा दे रही है। गांव में अब अन्य लोग भी पीएम सूर्य घर योजना के लिए आवेदन करने आगे आ रहे हैं।

क्रेड़ा विभाग के अधिकारी ने बताया कि प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना के लिए केन्द्र के साथ राज्य सरकार भी सब्सिडी प्रदान कर रही है। छत पर 3 किलोवाट का सोलर प्लांट लगाने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा 78 हजार रूपए और राज्य सरकार द्वारा 30 हजार रूपए की सब्सिडी दी जा रही है। इसके साथ ही आसान किश्तों में बैंक फायनेंस भी उपलब्ध है। प्रदेश में अब तक सैकड़ों लोगों ने इस योजना का लाभ लिया है और गांवों में इस योजना का लाभ लेने जागरूकता लगातार बढ़ रही है। इस योजना से पर्यावरण संरक्षण, आर्थिक बचत और स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन को एक साथ बढ़ावा मिल रहा है। सरकार का लक्ष्य है कि अधिक से अधिक घरों को सौर ऊर्जा से जोड़कर हर घर को आत्मनिर्भर बनाया जाए।

बिजली बिल भी घटकर एक तिहाई से भी कम हुआ

छत्तीसगढ़ में पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना से समान्य नागरिक भी अब बिजली उत्पादक बनते जा रहें है। अपने घरों की छतों पर सोलर पैनल लगाकर पावर प्लांट लगाने से लोगों की बिजली की समस्या का समाधान तो हो ही रहा है, साथ ही उपयोग के बाद बची हुई बिजली को बेचकर उन्हें अच्छा-खासा फायदा भी हो रहा है। रायगढ़ के सावित्री नगर में रहने वाले प्रदीप पटेल भी ऐसे ही एक बिजली उत्पादक बन गये है। प्रदीप पटेल ने अपने घर पर 3 किलोवॉट का सौर पैनल स्थापित कर बिजली बिल से राहत पाई है। यह पैनल सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के अंतर्गत लगाया गया है। इसमें उन्हें केंद्र सरकार से 78,000 रुपए और राज्य सरकार से 30,000 रुपए की मिलाकर कुल एक लाख आठ हजार रूपए की सब्सिडी मिली है। आवेदन करने के मात्र 10 दिन के भीतर ही सब्सिडी की राशि उनके खाते में जमा हो गई। पटेल के यहां प्रतिमाह 350-400 यूनिट बिजली का उत्पादन हो रहा है। उनका औसत मासिक खपत 500 यूनिट है, जिससे उन्हें केवल 100-150 यूनिट का ही बिल चुकाना पड़ता है। उन्होंने योजना की सराहना करते हुए अन्य नागरिकों से भी इसका लाभ उठाने की अपील की और शासन-प्रशासन को धन्यवाद दिया।

जिले के 197 से अधिक घरों में सौर ऊर्जा से आत्मनिर्भरता

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के तहत रायगढ़ जिले में अब तक 197 से अधिक घरों में सौर रूफटॉप सिस्टम स्थापित हो चुके हैं। इनसे सैकड़ों परिवारों को बिजली बिल से मुक्ति मिली है और वे ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन रहे हैं। स्थापित सोलर रूफटॉप सिस्टम से प्रत्येक घर को प्रतिमाह औसतन 3,000 रुपए से 5,000 रुपए की सीधी बचत हो रही है। योजना से न केवल आर्थिक लाभ हो रहा है, बल्कि स्वच्छ ऊर्जा के उपयोग से कार्बन उत्सर्जन में कमी लाकर पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान दिया जा रहा है।

योजना की वित्तीय सहायता और उत्पादन क्षमता

पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत स्थापित 1 किलोवॉट प्लांट में औसतन 120 यूनिट प्रतिमाह माह उत्पादन होता है। इसने 30,000 रुपए सब्सिडी केंद्र से और 15,000 रुपए राज्य से प्रदाय किया जाता है। इसी तरह 2 किलोवॉट प्लांट में औसतन 240 यूनिट प्रतिमाह उत्पादन और सब्सिडी केंद्र से 60,000 रुपए और राज्य से 30,000 रुपए प्रदाय किया जाता है। 3 किलोवॉट प्लांट में औसतन 360 यूनिट प्रतिमाह माह उत्पादन एवं केंद्र से 78,000 रुपए और राज्य से 30,000 रुपए प्रदाय किया जाता है। उपभोक्ता को शेष राशि स्वयं वहन करनी होती है, जो ऋण सुविधा के माध्यम से भी उपलब्ध है।

ऑनलाइन प्रक्रिया से करें आवेदन

योजना का लाभ पूरी तरह ऑनलाइन प्रक्रिया के तहत दिया जा रहा है। उपभोक्ता https://pmsuryaghar.gov.in/ पोर्टल, पीएम सूर्यघर मोबाइल ऐप, सीएसपीडीसीएल वेबसाइट, मोर बिजली ऐप या टोल फ्री नंबर 1912 पर कॉल कर आवेदन कर सकते हैं। साथ ही नजदीकी सीएसपीडीसीएल कार्यालय में संपर्क भी कर सकते हैं। उपभोक्ता सौर प्लांट स्थापना हेतु वेंडर का चयन स्वयं ऑनलाइन कर सकते हैं।

कभी शून्य तो कभी माइनस बिजली बिल, हर महीने 3-4 हजार की बचत

केंद्र और राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री सूर्य घर रू मुफ्त बिजली योजना जिले के हितग्राहियों के लिए बड़ी राहत साबित हो रही है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य आवासीय घरों को सौर ऊर्जा से आत्मनिर्भर बनाना है। इस योजना के तहत 5 किलोवाट तक के सोलर रूफटॉप सिस्टम पर केंद्र सरकार द्वारा 78 हजार रुपए और राज्य सरकार द्वारा 30 हजार रुपए की सब्सिडी दी जाती है।

अब तक महासमुंद जिले में 319 घरों में सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित हो चुके हैं और 230 हितग्राहियों को सब्सिडी का लाभ मिल चुका है। इससे अक्षय ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा तो मिल ही रहा है, साथ ही ऊर्जा आत्मनिर्भरता और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी बड़ा कदम साबित हो रहा है।

महासमुंद जिला मुख्यालय के पुराने रावणभांटा निवासी नाथूराम साहू ने भी इस योजना का लाभ उठाया है। उन्होंने अपने घर की छत पर 5 किलोवाट क्षमता का सौर पैनल सिस्टम स्थापित कराया है। साहू ने बताया कि फैक्ट्री और बड़ी दुकानों में सोलर पैनल देखकर उन्हें प्रेरणा मिली और 6 माह पूर्व योजना के लिए आवेदन किया। पंजीकृत वेंडर के माध्यम से सिस्टम लगाने के बाद उनका बिजली बिल अब कभी शून्य तो कभी माइनस में आता है। उन्होंने कहा कि इस योजना से हर महीने 3 से 4 हजार रुपये की बचत हो रही है। यह आम जनता के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। हर परिवार को इसका लाभ लेना चाहिए, जिससे न केवल बिजली खर्च में कमी आती है बल्कि आर्थिक स्थिति भी सुधर रही है। साथ ही पर्यावरण की भी रक्षा हो रही है।

प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना से छत्तीसगढ़ में हितग्राही परिवार को न केवल बिजली बिल में राहत मिल पा रहा हैं, बल्कि वे पर्यावरण संरक्षण में भी सक्रिय योगदान दे रहे हैं। सक्ती जिले के डभरा की निवासी श्रीमती सरस्वती अहिरवार इसका सशक्त उदाहरण बनी हैं।

श्रीमती सरस्वती अहिरवार शुरू से ही प्रकृति और पर्यावरण के प्रति संवेदनशील रही हैं। सौर ऊर्जा समाधान की खोज में रहीं सरस्वती जी के लिए योजना एक सुनहरा अवसर साबित हुई। उन्होंने इस योजना के तहत अपने घर की छत पर रूफटॉप सोलर पैनल स्थापित कराई। अत्याधुनिक पैनलों से उत्पन्न स्वच्छ बिजली ने उनके घर की ऊर्जा की जरूरतों को पूरा करने के साथ ही बिजली बिल का बोझ भी कम किया।

श्रीमती सरस्वती ने बताया कि सोलर पैनल लगने से उन्हें दोहरे लाभ मिल रही हैं एक ओर बिजली बिल में बचत, दूसरी ओर पर्यावरण संरक्षण और सुकून। लगभग 8 महीने पहले लगाए गए इन पैनलों से वह प्रत्यक्ष रूप से कार्बन उत्सर्जन कम करने में योगदान दे रही हैं। उन्होंने कहा यह मेरे पर्यावरण प्रेम की साकार अभिव्यक्ति है। मुझे खुशी है कि अपने घर से ही स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन कर रही हूँ।

इस योजना के अंतर्गत उन्हें सरकार से सब्सिडी भी मिली, जिससे यह निवेश और अधिक सुगम हो गया। श्रीमती सरस्वती का मानना है कि हर व्यक्ति को स्वच्छ ऊर्जा का उपयोग कर पर्यावरण संरक्षण में योगदान देना चाहिए।

प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना ने न केवल उनके व्यक्तिगत जीवन को बदला है, बल्कि पर्यावरण की रक्षा में उनके प्रयासों को भी मजबूत किया है। उन्होंने केंद्र और राज्य शासन के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस पहल से आम नागरिकों की आकांक्षाएँ और सामाजिक लक्ष्य दोनों पूरे हो रहे हैं और पर्यावरण संरक्षण को बढावा मिल रहा है।

ग्रामीणों के घरों में उजाला

छत्तीसगढ़ के सुदूरवर्ती अंचलों में अब अंधकार नहीं, बल्कि सौर ऊर्जा की नई रोशनी गाँव-गाँव जगमगा रही है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व और महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े की पहल से सूरजपुर जिले के ग्रामीणों को बिजली आपूर्ति की गंभीर समस्या से राहत मिली है।

महुली ग्राम के स्कूलपारा, चौरा पारा और खास पारा में स्थापित 10-10 किलोवॉट क्षमता वाले सौर संयंत्रों की बैटरियाँ बदली गईं। इन संयंत्रों के शत-प्रतिशत कार्यशील होने से अब 150 से अधिक परिवारों के घरों में पूरी रात बिजली उपलब्ध है। बच्चों को पढ़ाई के लिए उजाला मिल रहा है, महिलाएँ सुरक्षित महसूस कर रही हैं और गाँव की गतिविधियाँ रात तक सुचारू रूप से चल रही हैं।

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने “सभी के लिए ऊर्जा” नीति के तहत स्पष्ट निर्देश दिए थे कि ग्रामीण अंचलों में निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। साथ ही महिला एवं बाल विकास तथा समाज कल्याण मंत्री एवं भटगांव विधायक श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े के प्रयासों से इसी दिशा में अब बाँकी और खोड़ जैसे गाँवों में भी सुधारात्मक कार्य प्रारंभ किया गया है। यहाँ 07 सौर संयंत्रों के लिए 372 नई बैटरियों की स्थापना की जा रही है, जिससे सैकड़ों परिवार लाभान्वित होंगे।

भटगांव विधानसभा क्षेत्र में भी लगभग 60 लाख रुपये की लागत से इन्वर्टर और बैटरियाँ स्वीकृत हुई हैं। यह कार्य विशेष रूप से तमोर पिंगला अभ्यारण्य और गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र जैसे दूरस्थ वनांचलों के लिए बड़ी राहत साबित होगा। यहाँ के ग्रामीणों को पहली बार स्थायी और भरोसेमंद बिजली सुविधा मिलेगी।

यह पहल केवल तकनीकी सुधार भर नहीं है, बल्कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय और मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े के संवेदनशील नेतृत्व का परिणाम है, जो ग्रामीण विकास और आत्मनिर्भरता की नई गाथा लिख रही है।


Sandeep Kumar

संदीप कुमार कडुकार: रायपुर के छत्तीसगढ़ कॉलेज से बीकॉम और पंडित रवि शंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी से MA पॉलिटिकल साइंस में पीजी करने के बाद पत्रकारिता को पेशा बनाया। मूलतः रायपुर के रहने वाले हैं। पिछले 10 सालों से विभिन्न रीजनल चैनल में काम करने के बाद पिछले सात सालों से NPG.NEWS में रिपोर्टिंग कर रहे हैं।

Read MoreRead Less

Next Story