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PM Modi in Raipur: ओम शांति से गूंजा शांति शिखर, प्रधानमंत्री बोले, ब्रह्माकुमारी संस्था बनेगी विश्व शांति का प्रमुख केंद्र, पढ़िए पीएम मोदी का पूरा भाषण
PM Modi in Raipur: रायपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रह्माकुमारी संस्थान के शांति शिखर भवन का उद्घाटन किया। अपने भाषण में उन्होंने कहा आचरण ही धर्म है, भारत की आध्यात्मिक शक्ति को विश्व शांति की दिशा में बताया।

PM Modi in Raipur: रायपुर। छत्तीसगढ़ स्थापना दिवस के अवसर पर नवा रायपुर शनिवार को अध्यात्म, संस्कृति और विकास का संगम बन गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां ब्रह्माकुमारी संस्थान के भव्य शांति शिखर रिट्रीट सेंटर का लोकार्पण किया। 105 फीट ऊंचा, गुलाबी पत्थर से बना यह भवन सिर्फ एक आर्किटेक्चर नहीं बल्कि विश्व शांति के डायरेक्शन में भारत की नई आध्यात्मिक पहचान का प्रतीक बन गया है।
शांति शिखर में ‘ओम शांति’ की गूंज
कार्यक्रम के शुरुआत में प्रधानमंत्री मोदी ने मंच से जैसे ही ओम शांति कहा पूरा परिसर भावनाओं से भर उठा। राज्यपाल रमेन डेका, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह और ब्रह्माकुमारी संस्था से जुड़ी साधिकाओं की मौजूदगी में प्रधानमंत्री का भाषण एक आध्यात्मिक संबोधन में बदल गया।
मैं यहां अतिथि नहीं हूं, मैं आप ही का हूं: प्रधानमंत्री मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह संस्था उनके जीवन की आध्यात्मिक स्मृतियों से जुड़ी रही है। अहमदाबाद, प्रयागराज, माउंट आबू और दिल्ली के कार्यक्रमों का ज़िक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने इस आंदोलन को एक वृक्ष की तरह बढ़ते हुए देखा है।
सेवा की संस्कृति पर जोर
प्रधानमंत्री ने कहा कि ब्रह्माकुमारी संस्था ने हमेशा शब्दों से ज़्यादा सेवा को प्राथमिकता दी है। उन्होंने कहा मैंने जब-जब आपके बीच आकर देखा है, महसूस किया है जहां शब्द कम सेवा ज्यादा होती है। उन्होंने जल संरक्षण, स्वच्छ भारत मिशन और सामाजिक अभियानों में ब्रह्माकुमारीज की भूमिका की सराहना की।
शांति शिखर: भारत की आत्मा का प्रतीक
मोदी ने कहा कि शांति शिखर एक इमारत नहीं, बल्कि विश्व शांति की यात्रा का केंद्र है। शांति शिखर एकेडमी फॉर ए पीसफुल वर्ल्ड आने वाले समय में विश्व शांति के सार्थक प्रयासों का प्रमुख केंद्र बनेगा। प्रधानमंत्री ने जानकी दीदी और दादी हृदय मोहिनी जैसी आध्यात्मिक मार्गदर्शिकाओं को याद करते हुए कहा कि यह परियोजना उनके विचारों की साकार छवि है।
आचारः परमो धर्मः कर्म ही धर्म
अपने भाषण के मध्य में प्रधानमंत्री ने संस्कृत श्लोक उद्धृत करते हुए कहा आचारः परमो धर्मः, आचारः परम तपः, आचारः परम ज्ञानम्। उन्होंने कहा कि आचरण ही सबसे बड़ा धर्म और तप है, और बदलाव तभी संभव है जब कथन और कर्म एक हो जाएं। यही ब्रह्माकुमारी संस्था की वास्तविक शक्ति है “सेवा को आचरण में उतारना।”
मोदी ने बताया कि ‘ओम’ का अर्थ ब्रह्म और संपूर्ण ब्रह्मांड है, जबकि ‘शांति’ का अर्थ है सार्वभौमिक संतुलन और करुणा। उन्होंने कहा इसीलिए ब्रह्माकुमारीज के विचार हर किसी के अंतर्मन पर असर डालते हैं।
विश्व शांति की भारतीय दृष्टि
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की सभ्यता का मूल स्वभाव ही शांति और सद्भावना है। उन्होंने कहा हम वही हैं जो जीव में शिव देखते हैं। भारत का हर अनुष्ठान विश्व के कल्याण के उद्घोष के साथ समाप्त होता है यही हमारी सभ्यता का सार है।
भारत की भूमिका: सेवा से नेतृत्व तक
मोदी ने कहा कि भारत आज दुनिया में हर संकट में “फर्स्ट रिस्पॉन्डर” बन चुका है। उन्होंने कहा कहीं आपदा आती है तो भारत सबसे पहले मदद के लिए पहुंचता है। पीएम ने कहा कि भारत अब केवल एक देश नहीं, बल्कि विश्व शांति और करुणा का भरोसेमंद केंद्र बन चुका है।
पर्यावरण और जीवन का संतुलन
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में पर्यावरण और जीवन शैली के बीच संतुलन की भारतीय परंपरा को रेखांकित किया। उन्होंने कहा हम नदियों को मां मानते हैं, जल को देवता, और पौधों में परमात्मा के दर्शन करते हैं। उन्होंने कहा कि भारत वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर और मिशन लाइफ जैसी पहलों के ज़रिए विश्व को टिकाऊ जीवन की दिशा दिखा रहा है।
समाज सशक्तिकरण और ऊर्जा का स्रोत
मोदी ने कहा कि ब्रह्माकुमारी जैसी संस्थाएं समाज में शांति, सेवा और सशक्तिकरण की ऊर्जा का प्रवाह कर रही हैं। जहां-जहां मैं गया, वहां ब्रह्माकुमारीज के लोग मिले। उनकी शुभकामनाएं हमेशा मेरे साथ रहीं। इसमें मुझे अपनापन तो महसूस होता ही है, आपकी शक्ति का भी एहसास होता है और मैं शक्ति का पुजारी हूं।
संकल्प और विश्वास
अपने भाषण का समापन करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा आपके सपने, सपने नहीं हैं संकल्प हैं। और मुझे पूरा विश्वास है कि आपके संकल्प पूरे होंगे। उन्होंने कहा कि भारत की आत्मा ही शांति है, और यही आत्मा विश्व को दिशा दे रही है। अपने संबोधन का एन्ड उन्होंने ओम शांति के साथ किया।
पीएम मोदी पूरा भाषण
शांति शिखर भवन की विशेषताएं
सात साल में तैयार हुआ गुलाबी पत्थर से बना रिट्रीट सेंटर
105 फीट ऊंचा, 225 फीट लंबा और 150 फीट चौड़ा
राजस्थानी स्थापत्य और प्रेस टेंसाइल बीम तकनीक से निर्मित
दो एकड़ परिसर में ध्यान, प्रशिक्षण, लाइब्रेरी और आवासीय सुविधाएं
11,000 सदस्यों के दैनिक दान (₹1 प्रति दिन) से पूरा हुआ निर्माण
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