Begin typing your search above and press return to search.

न्यौता भोजः पढ़िये छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव सरकार ने न्यौता भोज के जरिये कैसे केंद्र की पोषण शक्ति योजना का क्रेज बढ़ा दिया

Nyota Bhoj: न्यौता भोजन की अवधारणा एक सामुदायिक भागीदारी पर आधारित है। यह विभिन्न त्यौहारों, अवसरों जैसे वर्षगांठ, जन्मदिन, विवाह एवं राष्ट्रीय पर्व आदि पर बड़ी संख्या में लोगों को भोजन प्रदान करने की भारतीय परम्परा पर आधारित है।

न्यौता भोजः पढ़िये छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव सरकार ने न्यौता भोज के जरिये कैसे केंद्र की पोषण शक्ति योजना का क्रेज बढ़ा दिया
X
By Sandeep Kumar

रायपुर। केन्द्र प्रवर्तित प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना के तहत राज्य के सभी स्कूल अवधि में बच्चों को गर्म पका भोजन उपलब्ध कराया जाता है। इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ राज्य में ’न्यौता भोजन’ के नाम से लागू किया गया है। न्यौता भोजन की अवधारणा एक सामुदायिक भागीदारी पर आधारित है। यह विभिन्न त्यौहारों, अवसरों जैसे वर्षगांठ, जन्मदिन, विवाह एवं राष्ट्रीय पर्व आदि पर बड़ी संख्या में लोगों को भोजन प्रदान करने की भारतीय परम्परा पर आधारित है। छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार ने इस योजना की अच्छी पैकेजिंग की है। राज्य में बीजेपी की सरकार बनने के बाद सीएम विष्णुदेव ने इसका नाम न्यौता भोज रखा। उन्होंने अपने जन्मदिन के मौके पर जशपुर जिले में इस योजना का आगाज किया। इस योजना में अपनी हिस्सेदारी के लिए लोगों में होड़ मच गई है। प्रदेश भर से खबरें आ रही, कि किस तरह न्यौता भोज हिट हो रहा है। जानिये आप भी इसमें कैसे हिस्सा लिया जा सकता है।

न्यौता भोजन में बने सहभागी

इस योजना में आमजन, सामाजिक संस्थाओं, संगठन, जनप्रतिनिधि, व्यापारिक व सभी वर्गों के लोग इसमें सहभागी बन सकते हैं। यह योजना पूरी तरह से स्वैच्छिक है।

न्यौता भोजन में दें पौष्टिक भोजन

योजना के तहत इसमें पूर्ण भोजन या अतिरिक्त पूरक पोषण के रूप में दाल, सब्जी, चावल, मिठाई, नमकीन, बिस्किट्स, हलवा, चिक्की, मौसमी फल, अंकुरित अनाज आदि के रूप में खाद्य सामग्री स्कूल अवधि में प्रदान कर सकते हैं। न्यौता भोजन शाला में दिए जाने वाले भोजन का विकल्प नहीं है, बल्कि यह केवल शाला में प्रदान किए जाने वाले भोजन का पूरक है।

सद्भाव, सहयोग व स्नेह में होगी बढ़ोत्तरी

प्रधानमंत्री पोषण के अंतर्गत प्रदान किए जाने वाले भोजन के पोषक मूल्य में वृद्धि करने में मदद करेगा। न्यौता भोजन से समुदाय के बीच अपनेपन की भावना विकसित होगी। सभी समुदाय, वर्ग के बच्चों में समानता की भावना पैदा होगी, बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को और मजबूत करने में मदद करेगा, स्कूल और स्थानीय समुदाय के मध्य आपसी तालमेल के विकास में सहायक होगा। इस अभिनव पहल से सरकार की योजनाओं में सामुदायिक सहभागिता बढ़ाने की दृष्टि से ‘न्यौता भोजन’ एक महत्वपूर्ण माध्यम बनेगा साथ ही आपसी सद्भाव, सहयोग व स्नेह में होगी बढ़ोत्तरी होगी।

शाला समिति की भूमिका

शाला प्रबंधन समिति की बैठकों के दौरान न्यौता भोजन के प्रावधान, दान-दाताओं की पहचान व समय-सारणी, बच्चों को प्रदान किए जाने वाले खाद्य पदार्थों के प्रकार व मात्रा, सांस्कृतिक रूप से स्वीकार्य खाद्य पदार्थों को उपलब्ध कराने में पर्याप्त सावधानी पर विशेष चर्चा की जाएगी।

सबका प्रयास

सामुदायिक भागीदारी को प्रोत्साहित करने हेतु न्यौता भोजन को बढ़ाने के लिए सबका प्रयास आवश्यक है। स्कूली बच्चों के लिए अतिरिक्त खाद्य पदार्थों केसे पोषण संबंधी लाभ होगा। ऐसे मौसमी फल जिसमें विटामिन तथा सूक्ष्म पोषक तत्वों से भरपूर हो, उसे बच्चों को दिया जाना चाहिए।

मिलेगा सम्मान

न्यौता भोजन में अधिकतम योगदान देने वाले समुदाय के सदस्यों को स्वतंत्रता दिवस या गणतंत्र दिवस समारोह में सम्मानित किया जा सकता है।

जिले के विद्यार्थियों को मिलेगा मिलेट बार

प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना के तहत कोरिया सहित प्रदेश के 9 जिलों के सभी स्कूलों के छात्र-छात्राओं को 30 अप्रैल 2024 तक सप्ताह में पूरक पोषण के रूप में मिलेट बार वितरित की जाएगी। प्राथमिक शाला के बच्चों को प्रति दिवस 20 ग्राम तथा अपर प्राथमिक शाला के बच्चों को 30 ग्राम मिलेट बार प्रदान किया जाएगा। मिलेट बार प्रदय करने हेतु राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम लिमिटेड को प्रदाय एजेंसी बनाया गया है।

Sandeep Kumar

संदीप कुमार कडुकार: रायपुर के छत्तीसगढ़ कॉलेज से बीकॉम और पंडित रवि शंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी से MA पॉलिटिकल साइंस में पीजी करने के बाद पत्रकारिता को पेशा बनाया। मूलतः रायपुर के रहने वाले हैं। पिछले 10 सालों से विभिन्न रीजनल चैनल में काम करने के बाद पिछले सात सालों से NPG.NEWS में रिपोर्टिंग कर रहे हैं।

Read MoreRead Less

Next Story