न्यायालयीन अवमानना के घेरे में फंसे सीईओ, कार्रवाई से बचने सीईओ झूठ बोल रहे या फिर सचिव
जब से राज्य में भाजपा की सरकार काबिज हुई है, बेमेतरा जिले में सत्ताधारी दल की राजनीतिक कुछ ज्यादा ही सरगर्म हो गई है। बेमेतरा जिले में दबे पांव बदलापुर की राजनीतिक एक बार फिर पांव पसार रही है। सरपंचों को पद से हटाने से लेकर सत्ताधारी दल के ही पदाधिकारियों पर पहरा बिठाने का मामले जोर पकड़ने लगा है। विधायक व मंत्री दयालदास बघेल के गृहग्राम कुंरा की महिला सरपंच को पद से हटाने और हाई कोर्ट के निर्देश के बाद भी दोबारा चार्ज ना देने का मामला अब हाई कोर्ट पहुंच गया है। न्यायालयीन अवमानना के घेरे में फंसे नवागढ़ जनपद पंचायत के सीईओ ने कोर्ट को जानकारी दी कि उसने तो पंचायत सचिव को पत्र लिखकर निर्देशित कर दिया है। दूसरी ओर कार्यकारी सरपंच साफ कह रहे हैं कि पंचायत सचिव को चार्ज देने के संबंध में कोई निर्देश मिला ही नहीं है। पढ़ें कैसे खेल रहे हैं चिट्ठी-चिट्ठी
बिलासपुर। ग्राम पंचायत कुंरा की निर्वाचित सरपंच संताेषी बघेल ने बेमेतरा एसडीएम के फैसले को चुनौती देते हुए छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। मामले की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने एसडीएम के आदेश के पर रोक लगाते हुए याचिकाकर्ता सरपंच को दोबारा चार्ज देने का निर्देश दिया था। हाई कोर्ट के निर्देश के बाद भी जब चार्ज नहीं मिला तब याचिकाकर्ता सरपंच ने जनपद पंचायत नवागढ़ के सीईओ के खिलाफ न्यायालयीन आदेश की अवहेलना करने के आरोप में अवमानना याचिका दायर की है। अपने अधिवक्ता के माध्यम से सीईओ ने जवाब पेश किया है कि उसने पंचायत सचिव को इस संबंध में निर्देशित कर दिया है। इधर याचिकाकर्ता सरपंच को कार्यकारी सरपंच द्वारा सीईओ का इस संबंध में कोई पत्र प्राप्त ना होने की बात लिखित में कही जा रही है।
बता दें कि हाई कोर्ट ने 11 नवंबर को मामले की सुनवाई के बाद बेमेतरा एसडीएम के उस फैसले पर रोक लगा दी थी जिसमें याचिकाकर्ता सरपंच को पंचायत राज अधिनियम की धारा 40 के तहत सरपंच पद से बर्खास्त कर दिया था। एसडीएम के फैसले को चुनौती देते हुए सरपंच ने छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। दायर याचिका में एसडीएम के फैसले को एकपक्षीय बताने के साथ ही राजनीतिक दुर्भावनावश शिकायत करने और इसी आधार पर पद से बर्खास्त करने का आरोप लगाया था।
मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने बेमेतरा एसडीएम के फैसले पर रोक लगा दी थी। हाई कोर्ट के फैसले की कापी के साथ याचिकाकर्ता सरपंच ने बेमेतरा एसडीएम व जनपद पंचायत नवागढ़ के सीईओ के समक्ष आवेदन पेश कर ग्राम पंचायत कुंरा के सरंपच का कार्यभार दिलाने की बात कही थी। तय समय पर कार्यभार ना सौंपने पर याचिकाकर्ता सरंपच ने दोबारा छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। याचिकाकर्ता सरंपच ने न्यायालयीनआदेश की अवहेलना करने का आरोप लगाते हुए सीईओ जनपद पंचायत नवागढ़ के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की है।
0 कोर्ट की नोटिस के बाद सीईओ ने दिया ऐसा जवाब
अवमानना याचिका की सुनवाई के दौरान नाराज हाई कोर्ट ने सीईओ को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने का निर्देश दिया। कोर्ट की नोटिस के बाद सीईओ ने अधिवक्ता के माध्यम से जवाब पेश कर बताया कि उसने हाई कोर्ट के निर्देश के परिपालन के संबंध में 13 दिसंबर को ग्राम पंचायत कुंरा के सचिव को पत्र लिखा है। साथ ही उसे यह भी निर्देशित किया है कि न्यायालय के आदेश का परिपालन किया जाए। बता दें कि सीईओ जनपद पंचायत नवागढ़ ने 14 नवंबर को उप संचालक पंचायत को पत्र लिखकर हाई कोर्ट के आदेश के संबंध में मार्ग दर्शन भी मांगा है।
0 सीईओ ने इस तरह लिखा पत्र
ग्राम पंचायत कुंरा के सचिव को लिखे पत्र में सीईओ ने कहा है कि हाई कोर्ट के आदेश का परिपालन ना करने के कारण न्यायालयीन अवमानना की स्थिति निर्मित हो रही है। लिहाजा इस संबंध में कोर्ट के आदेश का गंभीरता से पालन किया जाए।
0 उप सरंपच की ऐसी चिट्ठी
याचिकाकर्ता सरंपच संतोषी कोसले ने सचिव को पत्र लिखकर सीईओ द्वारा निर्देश और हाई कोर्ट के आदेश का परिपालन करने के संबंध में जब कहा तब उप सरंपच ने याचिकाकर्ता सरपंच को 17 दिसंबर को पत्र लिखकर जानकारी दी कि सीईओ ने प्रभार देने के संबंध में कोई आदेश जारी नहीं किया है। पत्र में यह भी सलाह दी है कि कार्यभार के संबंध में सीईओ से आदेश लेकर आएं।