रायपुर में 'निजात अभियान' का बड़ा असर: पांच माह में पिछले सालों की तुलना में अपराधों में आई कमी, एनडीपीएस एक्ट के तहत 451 व्यक्ति भेंजे गए जेल
रायपुर। राजधानी में एसएसपी संतोष सिंह के द्वारा चलाये जा रहे निजात अभियान का बड़ा असर दिख रहा है। पिछले साल की अपेक्षा इस साल फरवरी से जून तक चलाये गये अभियान में अपराधो में कमी आई है।
इस वर्ष फरवरी माह से डीजीपी अशोक जुनेजा के निर्देश में आईजी रायपुर अमरेश मिश्रा व SSP रायपुर संतोष सिंह के मार्गदर्शन में अवैध नशा के विरुद्ध अभियान निजात चलाया जा रहा है। साथ ही विजिबल पुलिसिंग, प्रतिबंधात्मक कार्यवाहियों और अड्डेबाजी व अपराधियों पर सख्ती किया जा रहा है। राजपत्रित अधिकारियों के पर्यवेक्षण में रायपुर के सभी थाना प्रभारियों द्वारा उनके क्षेत्र में अवैध नशा और अन्य अवैधानिक कार्य में संलिप्त लोगों के विरुद्ध ताबड़तोड़ तरीके से कार्रवाई की जा रही है।
निजात अभियान के पांच माह में पिछले सालों की इसी अवधि की तुलना में आईपीसी के अपराधों में 8 फीसदी की कमी हुई है। मारपीट में 4%, हत्या व हत्या के प्रयास में 15%, चाकूबाजी में 40%, बलात्कार में 10, छेड़छाड़ में 23 फीसदी व चोरी में 4% की आई कमी आई है। एसएसपी संतोष सिंह ने बताया कि कुल दर्ज अपराधों में बढ़ोतरी हुई है, जो की मुख्यतः एनडीपीएस और आबकारी में बढ़ी एफआईआर की वजह से हैं।
अभियान के पांच माह में (फरवरी से जून 2024) निजात के तहत शराब-विरोधी आबकारी एक्ट और ड्रग- विरोधी एनडीपीएस के के तहत कुल 3,682 व्यक्तियों पर कार्यवाही की गई जिसमें से गैर-जमानतीय प्रकरणों में 451 व्यक्ति जेल भेंजे गए। कोटपा के तहत 1,364 व्यक्ति और ड्रंकन ड्राइविंग में 1,134 व्यक्तियों पर भारी जुर्माना किया गया। 6,465 लीटर शराब और गांजा 1208 किलो सहित अन्य ड्रग्स व नशीली वस्तुएं जप्त हुई है। आबकारी में गिरफ्तार लोगों में बड़ी संख्या सार्वजनिक स्थलों पर शराब सेवन कर हुडदंग करने वाले लोग हैं। इन कार्यवाहियों से अपराधियों में दहशत हुई हैं।
पिछले पांच माह में तंबाकू-विरोधी कोटपा एक्ट तहत 1,364 व्यक्ति और एमवी एक्ट के तहत ड्रंकन ड्राइविंग में 1,134 व्यक्तियों पर भारी जुर्माना किया गया कार्यवाही करते हुए प्रत्येक प्रकरण को कोर्ट भेजा गया, जहां प्रत्येक ऐसे चालक पर दस-दस हजार रुपए का भारी-भरकम जुर्माना लगाया गया है। 2023 में पूरे वर्ष में कोटपा में 30 व्यक्ति और 185 एमवी एक्ट में 610 प्रकरण हुए थे।
इसके अलावा नशे के विरुद्ध जनजागरुकता के तहत लोगों के सहयोग से स्कूल कॉलेज और सार्वजनिक जगहों पर 512 कार्यक्रम किए गए हैं और नशे के आदी सैकड़ों लोगों की लिस्टिंग कर उनकी विभिन्न संस्थाओं की मदद थानों में काउंसलिंग की जा रही है।