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मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की बिहान योजना से आत्मनिर्भर हो रहीं ग्रामीण महिलाएं, बन रही आर्थिक स्थिति से मजबूत...

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत संचालित ‘बिहान’ योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में निवासरत महिलाओं और युवतियों को सशक्त व आत्मनिर्भर बनाना है। इस योजना से जुड़कर जिले की कई महिलाएं आज अपने पैरों पर खड़ी हैं और आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हो रही हैं...

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की बिहान योजना से आत्मनिर्भर हो रहीं ग्रामीण महिलाएं, बन रही आर्थिक स्थिति से मजबूत...
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By Sandeep Kumar

रायपुर। भारत सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने हेतु चलाई जा रही राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की बिहान योजना आज कई महिलाओं के जीवन में बदलाव की कहानी लिख रही है। इसी योजना की बदौलत छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले के ग्राम सिरको की जानकी नाग आज ग्रामीण आत्मनिर्भरता की प्रेरणादायक मिसाल बन चुकी हैं। उन्होंने न केवल स्वयं को आत्मनिर्भर बनाया, बल्कि अपने साथ गांव की कई अन्य महिलाओं को भी स्वरोजगार की राह दिखाई है।

जानकी नाग ने प्रगति स्व-सहायता समूह से जुड़कर अपने आत्मनिर्भर जीवन की शुरुआत की। उन्हें योजना के तहत 15 हजार रुपए की रिवॉल्विंग फंड और बाद में 60 हजार रुपए का कम्युनिटी इन्वेस्टमेंट फंड मिला। इस पूंजी का उपयोग कर जानकी ने आटा चक्की और सिलाई मशीन जैसे स्वरोजगार के संसाधनों की स्थापना की और अपने व्यवसाय का विस्तार किया। समूह के मार्गदर्शन और बैंक ऋण की मदद से जानकी का व्यापार लगातार बढ़ता गया। आज उनकी वार्षिक आय 80 हजार रुपए तक पहुंच चुकी है, और वे हर महीने औसतन 07 हजार रुपए की आय अर्जित कर रही हैं।

साल 2024 में जानकी को ’पशु सखी’ की जिम्मेदारी भी सौंपी गई, जिससे उन्हें हर माह 1,910 रुपए की अतिरिक्त आय हो रही है। इस आय से जानकी न सिर्फ अपने परिवार की जरूरतें पूरी कर रही हैं, बल्कि अपने बच्चों की शिक्षा और स्वास्थ्य का भी विशेष ध्यान रख रही हैं।जानकी गर्व से कहती हैं,“समूह से जुड़ने के बाद मुझे अपनी पहचान मिली है। अब मैं आत्मनिर्भर हूं और अपने पैरों पर खड़ी हूं। मुझे खुद पर और अपने काम पर गर्व है।“ उड़ान महिला संकुल संगठन, सांकरा और प्रकाश महिला ग्राम संगठन, सिरको के सहयोग से जानकी ने जिस संकल्प और आत्मबल के साथ सफलता पाई है, वह आज ग्रामीण महिलाओं के लिए एक प्रेरणास्रोत बन चुकी है।

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से आत्मनिर्भर हो रहीं ग्रामीण महिलाएं

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत संचालित ‘बिहान’ योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में निवासरत महिलाओं और युवतियों को सशक्त व आत्मनिर्भर बनाना है। इस योजना से जुड़कर जिले की कई महिलाएं आज अपने पैरों पर खड़ी हैं और आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हो रही हैं। इन्हीं में से एक हैं माकड़ी विकासखंड के ग्राम गुमड़ी की नीलबती नाग, जिन्होंने ‘बिहान’ से जुड़कर न केवल अपने परिवार को संबल दिया, बल्कि अपनी नई पहचान भी बनाई।

पहले नीलबती नाग के परिवार को जीवनयापन में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। वे और उनके पति श्री रामदयाल नाग मजदूरी कर किसी तरह अपने परिवार का पालन-पोषण करते थे। कठिन आर्थिक हालात और चुनौतियों के बावजूद उन्होंने कभी हार नहीं मानी। वर्ष 2014 में नीलबती ‘बिहान’ योजना से जुड़ीं और महिला बचत स्व-सहायता समूह की सदस्य बनीं। आज वे समूह में सचिव के रूप में सक्रिय भूमिका निभा रही हैं।

माकड़ी विकासखंड की टीम के मार्गदर्शन में उन्होंने समूह की अन्य महिलाओं को भी प्रेरित किया और उन्हें बिहान से जोड़ा। समूह से ऋण प्राप्त कर नीलबती ने अपने गांव में एक किराना दुकान की शुरुआत की। उन्होंने दुकान को सुव्यवस्थित ढंग से सजाया और स्थानीय जरूरत के अनुसार आवश्यक वस्तुओं को रखीं, जिससे गांववासियों को सुविधा मिली। आज नीलबती को किराना दुकान से प्रतिमाह लगभग 8,000 रुपये की आय हो रही है। इसके अलावा महतारी वंदन योजना के तहत उन्हें हर महीने 01 हजार रूपए प्रतिमाह लाभ भी मिल रहा है। शासन की योजनाओं का लाभ उठाकर न केवल आत्मनिर्भर हुईं, बल्कि अपने परिवार की आर्थिक स्थिति में भी सुधार किया। उनकी यह सफलता उन तमाम ग्रामीण महिलाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत है, जो जीवन में बदलाव लाने की इच्छा रखती हैं। नीलबती नाग ने यह साबित किया कि महिलाएं अपनी दृढ़ संकल्प से अपने परिवार के जीवन को नई दिशा दे सकती हैं।

स्वावलंबन की दिशा में बढ़े कदम, तो मिली कामयाबी की राह...

हुनरमंद महिलाएं जब स्वावलंबन की दिशा में आगे बढ़ी तो, उन्होंने कामयाबी की राह पकड़ी। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन अंतर्गत बिहान योजना के तहत राजनांदगांव विकासखंड के ग्राम मुड़पार की श्रीमती लोकेश्वरी साहू ने सफलता की नई इबारत लिखी है। लोकेश्वरी साहू ने बताया कि वे जय मां लक्ष्मी स्वसहायता समूह से जुड़ी हंै। पहले परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी और कृषि कार्य कर रही थी। समूह से जुडऩे के बाद बिहान योजना के तहत 1 लाख 50 हजार रूपए का ऋण लेकर गौरव होटल प्रारंभ किया। समूह से जुडऩे से बहुत फायदा हुआ और आत्मविश्वास बढ़ा। उन्होंने बताया कि वह विभिन्न तरह के नाश्ते बहुत अच्छा बनाती है। पोहा, पकौड़ा, इडली, समोसा, आलू गुुंडा जैसे व्यंजन बनाने में पारंगत होने के कारण न केवल उनके होटल में बिक्री बढ़ी और आर्डर भी मिलने लगा। उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में चाय व नाश्ता पैकिंग कराकर भी ले जाते हैं। होटल से परिवार की मासिक आय 10-15 हजार रूपए प्राप्त हो जाती है। इसके साथ ही स्कूल में मध्यान्ह भोजन बनाने का कार्य भी कर रही है, जिससे मुनाफा हो रहा है और आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है।

लोकेश्वरी साहू ने बताया कि वे कृषि मित्र हैं और जैविक खेती के बारे में ग्रामवासियों को जानकारी भी दे रही हैं। खेती-किसानी के लिए किसानों को जैविक खाद एवं कीटनाशक का उपयोग करने के संबंध में जानकारी दे रही है। उन्होंने कहा कि पहले वह पहले गृहिणि थी और घर की चारदीवारी से बाहर निकलकर कार्य करने से उनका अत्मविश्वास बढ़ा है, अब वह सक्रिय होकर कार्य कर रही है। बिहान योजना अंतर्गत जुडऩे से एक अलग पहचान बनी है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत समूह में जुडऩे से कम ब्याज में ऋण प्राप्त हो रहा है। जिससे सेठ-साहूकार के पास पर्चा-पट्टा रखकर ऋण लेने से मुक्ति मिल गयी है। उन्होंने बताया कि होटल के लिए उन्होंने 23 हजार रूपए की लागत से फ्रिज एवं फर्नीचर खरीदा है और वह अपना व्यवसाय आगे बढ़ाना चाहती है। उनके दोनों बच्चों की अच्छी पढ़ाई हो रही है। वे एक और किराना स्टोर्स खोलना चाहती है, जहां दैनिक आवश्यकता की वस्तुओं की ब्रिकी हो सकें।

लोकेश्वरी साहू ने कहा कि उन्हें शासन की खाद्यान्न सुरक्षा योजना अंतर्गत राशन कार्ड, महतारी वंदन योजना का लाभ मिल रहा है। इसके साथ ही जल जीवन मिशन के तहत उनके घर नल का कनेक्शन भी है, सौर ऊर्जा से चलित पंप के माध्यम से पानी की आपूर्ति हो रही है। उन्होंने कहा कि मैं अपनी आर्थिक स्थिति को और अधिक मजबूत बनाना चाहती हूं और लखपति दीदी पहल योजना में शामिल होना चाहती हूं।

Sandeep Kumar

संदीप कुमार कडुकार: रायपुर के छत्तीसगढ़ कॉलेज से बीकॉम और पंडित रवि शंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी से MA पॉलिटिकल साइंस में पीजी करने के बाद पत्रकारिता को पेशा बनाया। मूलतः रायपुर के रहने वाले हैं। पिछले 10 सालों से विभिन्न रीजनल चैनल में काम करने के बाद पिछले सात सालों से NPG.NEWS में रिपोर्टिंग कर रहे हैं।

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