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Monsoon in Chhattisgarh: आज और कल भारी बारिश की चेतावनी, इन 14 जिलों में होगी आंधी तूफान के साथ झमाझम बारिश, जानिए मौसम विभाग ने और क्या कहा...

Monsoon in Chhattisgarh: मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक, सुकमा, बीजापुर, दंतेवाड़ा, बस्तर, नाराणपुर, कोंडागांव, कांकेर, राजनांदगांव, बालोद, दुर्ग, रायपुर, बेमेतरा, मुगेली के लिए येलो अलर्ट के साथ भारी बारिश की चेतावनी जारी की है।

Monsoon in Chhattisgarh: आज और कल भारी बारिश की चेतावनी, इन 14 जिलों में होगी आंधी तूफान के साथ झमाझम बारिश, जानिए मौसम विभाग ने और क्या कहा...
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By Sandeep Kumar

Monsoon in Chhattisgarh रायपुर। इन दिनों प्रदेश में मानसून की रफ़्तार धीमी बनी हुई थी। बारिश वाले मौसम में भी लोगों को चिपचिपी गर्मी का सामना करना पढ़ रहा है। अब जल्द ही छत्तीसगढ़ के लोगों को गर्मी से राहत मिलने वाली है। मौसम विभाग के मुताबिक, प्रदेश में मानसून सक्रिय हो गया है। इसी के साथ साथ भारी बारिश का दौर शुरू होने वाला है। रायपुर मौसम विभाग ने आज और कल के लिए झमाझम बारिश का अलर्ट जारी किया है। प्रदेश के अधिकांश जिलों में अगले 24 घंटो के दौरान भारी बारिश हो सकती है। वहीं, राजधानी रायपुर सहित कई जिलों में आज सुबह से ही बादल छाये हुये है।

मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक, सुकमा, बीजापुर, दंतेवाड़ा, बस्तर, नाराणपुर, कोंडागांव, कांकेर, राजनांदगांव, बालोद, दुर्ग, रायपुर, बेमेतरा, मुगेली के लिए येलो अलर्ट के साथ भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। आज और कल इन जिलों में आंधी तूफान के साथ जोरदार बारिश होने की संभावना है। वहीं, मौसम विभाग ने बलरामपुर के लिए ओरेंज अलर्ट के साथ अति भारी बरसात की चेतावनी जारी की है।

जानिए आज रविवार का तापमान

लालपुर में 34.2, माना एयरपोर्ट 33.0, बिलासपुर 33.4, पेंड्रा-रोड 30.8, अंबिकापुर 31.5, जगदलपुर 31.5, दुर्ग 32.6 और राजनांदगांव में 32.8 रहा।

मौसम विभाग की माने तो बीते 7 जुलाई से तीन दिनों तक छत्तीसगढ़ में मानसून सक्रिय रहने के साथ अधिकांश स्थानों पर वर्षा होने की संभावना है।

मेघगर्जन, वज्रपात और ओला से कैसे करें बचाव

गड़गड़ाहट सुनने के बाद घर के अंदर जाए या सुरक्षित पक्के आश्रयों में रहें ।

अगर कोई आश्रय उपलब्ध नहीं हैं तो तुरंत उखडू बैठ जाएं।

घाँस-फूस की झोपड़ियों और एसबेस्टस की छत वाले घरों को नुकसान । घर के छप्पर उड़ सकते हैं।

. अधूरे बंधे धातु की चादरें उड़ सकती हैं।

. पेड़ों के नीचे आश्रय न ले।

. बिजली/इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का प्रयोग न करें ।

. बिजली की लाईनों से दूर रहें।

कृषि मंडियों में खुले में रखे हुए उत्पादों को भीगने से बचाने के लिए सुरक्षित स्थान पर भंडार करे।

ओलावृष्टि के दुष्प्रभाव से बचने के लिए बागवानी एवं सब्जी की फसलों में उपलब्धता के आधार पर एंटि हेल नेट का उपयो करे।

मौसम विभाग ने क्या कुछ कहा

रविवार को मौसम विभाग ने बताया, एक चक्रवाती परिसंचरण दक्षिण-पश्चिम उत्तर प्रदेश और उसके आसपास के क्षेत्रों के ऊपर समुद्र तल से 0.9 किमी से 7.6 किमी के मध्य स्थित है। जो ऊंचाई के साथ दक्षिण-पश्चिम की ओर झुका हुआ है। एक द्रोणिका, दक्षिण-पश्चिम उत्तर प्रदेश और उसके आसपास के क्षेत्रों के ऊपर स्थित चक्रवाती परिसंचरण से लेकर बिहार, पश्चिम बंगाल से होते हुए उत्तर पूर्व असम के ऊपर स्थित चक्रवाती परिसंचरण तक औसत समुद्र तल से 0.9 किमी ऊपर बनी हुई है। एक चक्रवाती परिसंचरण दक्षिण आंध्र प्रदेश तट के पास मध्य पश्चिम बंगाल की खाड़ी के ऊपर औसत समुद्र तल से 5.8 और 7.6 किमी के मध्य स्थित है।

रंगों से समझिये मौसम की चेतावनी

येलो अलर्ट-सचेत रहें, मौसम के अनुसार इस अलर्ट या चेतावनी का मतलब होता है कि आप अपने इलाके या रूटीन को लेकर सचेत रहें। कुछ सावधानियां बरतें। यलो अलर्ट जारी करने का मकसद वास्तव में लोगों को सतर्क करना होता है। इसके मुताबिक आपको तुरंत कोई खतरा नहीं होता, लेकिन मौसम के हाल को देखते हुए आपको जगह और अपने मूवमेंट को लेकर सावधान रहना चाहिए।

रेड अलर्ट-एक्शन का वक्त, हालांकि बेहद गंभीर स्थितियों में रेड अलर्ट जारी किया जाता है, इसलिए यह कम ही होता है। फिर भी, रेड अलर्ट का मतलब होता है कि जान माल की सुरक्षा का समय आ चुका है। अक्सर इस अलर्ट के बाद खतरे के ज़ोन में रहने वाले लोगों को सुरक्षित जगहों पर ले जाया जाता है। मौसम के मुताबिक सुरक्षा के इंतज़ाम किए जाते हैं, जैसे गर्मी के मौसम में अगर रेड अलर्ट जारी हो तो आपको घर से बाहर नहीं निकलने और ज़रूरी इंतज़ाम करने की हिदायत होती है। इसी तरह, बारिश के मौसम में अगर ये अलर्ट जारी हो तो इसका साफ संकेत होता है बाढ़, तूफान या नुकसानदेह बारिश की चेतावनी है इसलिए ज़रूरी इंतज़ाम करें।रेड अलर्ट के समय सामान्य जनजीवन के लिए खतरे को भांपते हुए अक्सर पब्लिक ट्रांसपोर्ट, स्कूल संचालन जैसे नियमित कामकाज बंद किए जा सकते हैं।

हरा (ऑल इज वेल)-इसका मतलब है कि कोई गंभीर मौसम की उम्मीद नहीं है और कोई सलाह जारी नहीं की गई है।ऑरेंज अलर्ट-तैयार रहें, मौसम विभाग जब ऑरेंज अलर्ट जारी करता है, तो इसका मतलब होता है कि मौसम की मांग है कि अब आप और खराब मौसम के लिए तैयार हो जाएं। जब मौसम इस तरह की करवट लेता है, जिसका असर जनजीवन पर पड़ सकता है, तब ये अलर्ट जारी किया जाता है। खराब मौसम के लिए आपको अपनी यात्राओं, कामकाज या स्कूली बच्चों के लिए आवागमन के बारे में तैयारी रखने की ज़रूरत होती है।

Sandeep Kumar

संदीप कुमार कडुकार: रायपुर के छत्तीसगढ़ कॉलेज से बीकॉम और पंडित रवि शंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी से MA पॉलिटिकल साइंस में पीजी करने के बाद पत्रकारिता को पेशा बनाया। मूलतः रायपुर के रहने वाले हैं। पिछले 10 सालों से विभिन्न रीजनल चैनल में काम करने के बाद पिछले सात सालों से NPG.NEWS में रिपोर्टिंग कर रहे हैं।

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