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Bilaspur Highcourt News: MDM में खिलाया कुत्ते का जूठा भोजन: 25-25 हज़ार रुपये स्कूली बच्चों को सरकार देगी मुआवजा

Bilaspur Highcourt News: बलौदाबाजार स्कूल में कुत्ते का जूठा भोजन बच्चों को परोसने के मामले में हुई सुनवाई में हाईकोर्ट ने बच्चों को मुआवजा देने का आदेश दिया है।

bilaspur high court news
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By Radhakishan Sharma

Bilaspur बिलासपुर। बिलासपुर हाईकोर्ट ने बलौदाबाजार जिले में सरकारी स्कूल में बच्चों को मध्याह्न भोजन में कुत्ते का जूठा भोजन परोसने की घटना को गंभीरता से लिया है। चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा और जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच ने इस मामले में सुनवाई करते हुए प्रभावित बच्चों को मुआवजा देने का आदेश दिया है। अदालत ने कहा कि बच्चों की सेहत और अधिकारों से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।

29 जुलाई को बलौदाबाजार जिले के पलारी ब्लॉक के लच्छनपुर गांव के सरकारी स्कूल में मध्याह्न भोजन में बड़ी लापरवाही सामने आई। यहां पर बच्चों के लिए बनाए गए भोजन को आवारा कुत्तों ने जूठा कर दिया था। जब विद्यार्थियों ने इस पर आपत्ति जताई और शिकायत की, तो उनकी बातों को नजरअंदाज कर दिया गया और उसी भोजन को परोस दिया गया।

बाद में जब छात्रों ने यह बात अभिभावकों को बताई तो स्कूल समिति की बैठक बुलाई गई। दबाव बढ़ने पर विद्यार्थियों को दो डोज एंटी रेबीज वैक्सीन दी गई। मीडिया में छपी खबर के अनुसार, इस घटना के दिन 84 बच्चों ने भोजन किया था, जिनमें से 78 बच्चों को एंटी रेबीज वैक्सीन लगाई गई। इस गंभीर लापरवाही पर हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया। हाईकोर्ट के संज्ञान लेने पर शिक्षा विभाग ने मध्याह्न भोजन का संचालन करने वाले स्व सहायता समूह को कार्य से पृथक करने और संकुल समन्वयक तथा प्रधान पाठक को नोटिस जारी करने की औपचारिक कार्यवाही शिक्षा विभाग ने कर दी थी।

शासन का जवाब:

पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट ने शासन से चार बिंदुओं पर शपथपत्र के साथ जवाब मांगा था। इसमें पूछा गया था कि किन-किन जिम्मेदारों को निलंबित करने की कार्यवाही की गई है। हाईकोर्ट के द्वारा पूछने के बाद तीन का निलंबन और तीन शिक्षकों के वेतन वृद्धि रोकने की कार्यवाही शिक्षा विभाग ने की है। मंगलवार को हुई सुनवाई में शासन ने शपथपत्र प्रस्तुत करते हुए बताया कि—

• संबंधित स्कूल के हेडमास्टर,एक शिक्षक तथा हायर सेकेंडरी स्कूल के प्राचार्य को निलंबित कर दिया गया है। इसके अलावा तीन शिक्षकों के खिलाफ वेतन वृद्धि रोकने की कार्यवाही की गई है।

• मध्याह्न भोजन का कार्य महिला स्वसहायता समूह से छीन लिया गया है।

• भविष्य में इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए विभागीय अधिकारियों को विशेष निर्देश और मॉनिटरिंग गाइडलाइन जारी की गई है।

हाईकोर्ट का आदेश:

शासन की कार्यवाही सुनने के बाद अदालत ने प्रभावित बच्चों को मुआवजा देने का आदेश जारी किया। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार को बच्चों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को लेकर और अधिक सतर्क रहना होगा।

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