MCB News: अब जिले की हर फाइल होगी ऑनलाइन, सभी काम पेपरलेस... कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में हुआ ई-ऑफिस प्रशिक्षण
MCB News: जिले में प्रशासनिक कार्यों को डिजिटल और पारदर्शी बनाने की दिशा में आज एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया। कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित एक दिवसीय ई-ऑफिस प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिले के सभी विभागों के अधिकारी और लिपिक शामिल हुए।

Manendragarh-Chirmiri-Bharatpur News
MCB News: जिले में प्रशासनिक कार्यों को डिजिटल और पारदर्शी बनाने की दिशा में आज एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया। कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित एक दिवसीय ई-ऑफिस प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिले के सभी विभागों के अधिकारी और लिपिक शामिल हुए। कार्यक्रम में कलेक्टर डी. राहुल वेंकट स्वयं उपस्थित रहे और उन्होंने प्रशिक्षण की प्रगति का अवलोकन किया।
कलेक्टर ने कहा कि “ई-ऑफिस शासन की एक ऐसी अभिनव पहल है, जो पारंपरिक कागजी फाइल प्रणाली को डिजिटल स्वरूप में परिवर्तित कर रही है।” इस अवसर पर राजस्व, पंचायत, शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, नगरीय प्रशासन, समाज कल्याण, महिला एवं बाल विकास, खाद्य, वन सहित सभी विभागों के अधिकारी एवं लिपिकों ने भाग लिया।
दो पालियों में दिया गया प्रशिक्षण - हर अधिकारी और लिपिक हुआ डिजिटल कार्यप्रणाली से परिचित
ई-ऑफिस प्रशिक्षण को प्रभावी बनाने हेतु इसे दो पालियों में आयोजित किया गया। पहली पाली में जिला स्तरीय अधिकारी एवं वरिष्ठ लिपिकों को प्रशिक्षण दिया गया, जबकि दूसरी पाली में अन्य शाखाओं के अधिकारी और लिपिक शामिल हुए। प्रशिक्षण ई-गवर्नेंस शाखा के विशेषज्ञ प्रशिक्षकों द्वारा दिया गया, जिन्होंने प्रतिभागियों को फाइल निर्माण, डायरी, नोटिंग, ड्राफ्टिंग, डिजिटल हस्ताक्षर और फाइल मूवमेंट की प्रक्रिया का व्यावहारिक प्रदर्शन कराया। लिपिकों ने बताया कि इस प्रशिक्षण से उनका कार्य अधिक पारदर्शी, तीव्र और सटीक होगा।
अब हर फाइल होगी डिजिटल - विभागीय कार्यों में पारदर्शिता और तेजी
ई-गवर्नेंस टीम के रवि निषाद तथा विनोद देवांगन ने बताया कि अब सभी विभागों की फाइलें ई-ऑफिस पोर्टल के माध्यम से डिजिटल रूप में संचालित होंगी। उदाहरण स्वरूप, शिक्षा विभाग यदि शाला मरम्मत कार्य हेतु अनुदान स्वीकृति की फाइल बनाएगा, तो उसे पोर्टल पर MCB/EDU/2025/0008 के रूप में तैयार किया जाएगा। संबंधित दस्तावेज स्कैन कर अपलोड किए जाएंगे, नोटिंग एवं अनुमोदन की प्रक्रिया डिजिटल रूप से होगी, और कलेक्टर द्वारा e-Sing फाइल की स्वीकृत दे सकेंगे। इसी प्रकार पंचायत विभाग की “मनरेगा भुगतान फाइल”, कृषि विभाग की “बीज वितरण स्वीकृति”, स्वास्थ्य विभाग की “दवा क्रय प्रस्ताव” तथा नगरीय प्रशासन विभाग की “निर्माण कार्य अनुमोदन” जैसी सभी फाइलें अब डिजिटल माध्यम से संचालित होंगी।
हर फाइल का यूनिक नंबर, हर मूवमेंट होगा ट्रैक इससे फाइलों की गुमशुदगी, देरी या अनुक्रम त्रुटियों की समस्या समाप्त होगी
प्रशिक्षण में बताया गया कि प्रत्येक फाइल को एक यूनिक ट्रैकिंग नंबर दिया जाएगा - जैसे MCB/AGRI/2025/0021 या MCB/HEALTH/2025/0014, जिससे उसकी स्थिति Sent To, Received, Under Process या Approved के रूप में ट्रैक की जा सकेगी। ई-ऑफिस में फाइल ट्रैकिंग सिस्टम, डिजिटल नोटशीट, डॉक्युमेंट स्कैनिंग, रिमाइंडर अलर्ट और डिजिटल आर्काइविंग जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं, जिससे किसी भी फाइल का पूरा इतिहास मात्र एक क्लिक में देखा जा सकेगा। “ई-ऑफिस केवल तकनीक नहीं, बल्कि पारदर्शिता और जवाबदेही की नई परिभाषा है। शासन अब यह देख सकेगा कि कौन-सी फाइल किस अधिकारी के पास लंबित है और उसकी वर्तमान स्थिति क्या है।”
एक माह में पूरा जिला बनेगा पेपरलेस प्रशासनिक मॉडल
प्रशिक्षण के समापन अवसर पर कलेक्टर डी. राहुल वेंकट ने सभी विभागीय अधिकारियों और लिपिकों को निर्देश दिए कि अगले एक माह में सभी फाइलें ई-ऑफिस प्रणाली में स्थानांतरित की जाएं। “ई-ऑफिस केवल एक सॉफ्टवेयर नहीं, बल्कि प्रशासनिक पारदर्शिता और जवाबदेही का नया अध्याय है। यह प्रणाली जिले को डिजिटल शासन की दिशा में अग्रसर करने वाला ऐतिहासिक कदम साबित होगी।”
इस अवसर पर जिला पंचायत सीईओ, अपर कलेक्टर अनिल कुमार सिदार, श्रीमती नम्रता डोंगरे, डिप्टी कलेक्टर श्रीमती इंद्रा मिश्रा, ई-गवर्नेंस नोडल अधिकारी, तथा सभी विभागों के प्रमुख उपस्थित रहे। लिपिकों ने इस प्रशिक्षण को अत्यंत उपयोगी बताते हुए कहा कि अब उनका कार्य अधिक संगठित, सटीक और प्रभावी हो जाएगा।
