मंत्री ओपी चौधरी के निर्देश पर बड़ी कार्रवाई, चर्चित क्वींस क्लब को सील कर लिया कब्जे में, बिगड़ैल रईसजादों के तफरीह का अड्डा बन गया था
क्वींस क्लब शुरू से ही विवादों में रहा। कोविड जब खौफनाक स्तर पर था, तब वहां शराब सप्लाई होती रही, गोलियां भी चली। क्वींस क्लब को विधायकों के लिए बनाया गया था। लेकिन, रायपुर के प्रभावशाली लोगों ने इसे मात्र 12 लाख सलाना फीस में हाउसिंग बोर्ड से अनुबंध करा लिया था। उसको भी नहीं दिया जा रहा था। इसको लेकर विधानसभा में सवाल भी हुए थे।
रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजनधानी रायपुर का चर्चित और विवादास्पद क्वींस क्लब को छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड ने सील करने के बाद अपने अधिपत्य में ले लिया। क्वींस क्लब के संचालकों ने कई साल से सलाना फीस जमा नहीं किया था। उपर से बिना हाउसिंग बोर्ड से इजाजत लिए क्लब का नाम बदल दिया। बता दें, क्वींस क्लब रायपुर के बिगड़ैल नवाबजादों के तफरीह और मौज-मस्ती का अड्डा बन गया था। आए दिन वहां विवाद होते रहते थे। विधानसभा के बजट सत्र में यह मसला प्रमुखता से उठा था। इसके बाद आवास और पर्यावरण मंत्री ओपी चौधरी ने इस पर अफसरों से रिपोर्ट मांगी। रिपोर्ट मिलने के बाद उन्होंने कार्रवाई करने का आदेश दे दिया।
ज्ञातव्य है, छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मण्डल द्वारा व्ही.आई.पी. रोड़ होटल बेबीलॉन इंटरनेशनल के बाजू में पीपीपी मॉडल पर क्वींस क्लब का निर्माण एवं संचालन एमीनेन्ट इंफ्रास्ट्रक्चर प्रा.लि. को निष्पादित अनुबंध के तहत 10 सितंबर 2009 को सौंपा गया था। क्वींस क्लब ऑफ इंडिया के संचालन में लगातार निष्पादित अनुबंध की शर्तों का उल्लंघन किया जा रहा था। संचालक द्वारा अनुबंध में उल्लेखित कन्सेंसन फीस 12.00 लाख 01-अप्रैल को प्रति वर्ष समय पर जमा नहीं कराया गया। वर्तमान में 33.00 लाख से अधिक की राशि मण्डल में जमा कराना शेष है। संचालक द्वारा क्वींस क्लब के नाम को बिना मण्डल के अनुमति के परिवर्तित कर द अलेक्जर इन कर दिया गया था। निष्पादित अनुबंध में भूमि का स्वामी मण्डल ही रहेगा एवं इसे किसी भी प्रकार से किराया, लीज, विक्रय या अन्य किसी विधि से हस्तांतरण नहीं कर सकेगा। किन्तु संचालक द्वारा इसे अवैध रूप से हस्तांतरण करने का प्रयास किया गया। कोरोना काल में महामारी नियंत्रण अधिनियम के तहत् लगाये गये लॉकडाउन के समय गैरकानूनी गतिविधियों का संचालन की गई।
छग गृह निर्माण मण्डल द्वारा लगातार पत्रों के माध्यम से अनुबंध में किये जा रहे उल्लंघन की सूचना दी गई तथा सुनवाई /उत्तर का पर्याप्त अवसर दिये जाने के बावजूद संचालक एमीनेन्ट इंफ्रास्ट्रक्चर प्रा.लि. कोई उत्तर नहीं दिया गया। अनुबंध निरस्त हेतु अंतिम सूचना 19 फरवरी 2024 को जारी किया गया। निर्धारित अवधि में कोई उत्तर अथवा संपर्क नहीं किये जाने पर 15 मार्च 2024 को अनुबंध में दी गई शक्तियों को प्रयोग करते हुए अनुबंध निरस्त कर दिया गया एवं 17 मार्च को शाम 4 बजे क्वींस क्लब ऑफ इंडिया (संचालक द्वारा अवैध रूप से परिवर्तित नाम द अलेक्जर इन) को मण्डल के आधिपत्य में ले लिया गया। आधिपत्य लिये जाते समय क्वींस क्लब के संचालक के कक्ष में गौरव अरोरा उपस्थित थे, जिनको क्लब खाली करने का पर्याप्त समय दिया गया। उनके द्वारा ऑफिस में रखे दस्तावेज, लैपटॉप व अन्य सामग्री को प्राप्त कर लिया गया। किचन में रखे खाद्य, बर्तन व अन्य सामग्री को प्राप्त करने के लिए कुछ अतिरिक्त समय की मांग की गई, जिसका विडियोग्राफी एवं फोटोग्राफी करा लिया गया है, जिसे मण्डल के प्रतिनिधि अधिकारी के उपस्थिति में उन्हे सौंप दिया जावेगा।
फिर से टेंडर किया जाएगाः ओपी चौधरी
आवास और पर्यावरण मंत्री ओपी चौधरी ने एनपीजी न्यूज को बताया कि क्लब के वर्तमान सदस्यों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो इसके लिए पुनः संचालन का अनुबंध करने के लिए शीघ्र ही अभिरूचि आमंत्रित की जावेगी और जब तक निविदा नहीं हो जाती तब तक गृह निर्माण मण्डल के द्वारा स्वयं संचालित किया जाएगा। संचालन करने की योजना तैयार की जा रही है।