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Minister OP Chaudhary: मंत्री ओपी चौधरी का ऐलान, बालको के फ्लाईएश के डिस्पोजल की कराई जाएगी जांच, अफसरों की बनाई जाएगी कमेटी...

Minister OP Chaudhary: उक्त अवधि में संयंत्र द्वारा लगभग 36 लाख मीट्रिक टन फ्लाई ऐश का निष्पादन नहीं किया गया। एनजीटी के निर्देशानुसार फ्लाई ऐश का 1 वर्ष में जो उत्सर्जन होता है, उसका 80 प्रतिशत निष्पादन करना आवश्यक है अन्यथा प्रति मौट्रिक टन 1000 रुपये प्रतिवर्ष अर्थदण्ड लिया जाना प्रावधानित है।

Minister OP Chaudhary: मंत्री ओपी चौधरी का ऐलान, बालको के फ्लाईएश के डिस्पोजल की कराई जाएगी जांच, अफसरों की बनाई जाएगी कमेटी...
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By Sandeep Kumar Kadukar

Minister OP Chaudhary रायपुर। छत्तीसगढ़ के आवास पर्यावरण मंत्री ओपी चौधरी ने आज विधानसभा में ऐलान किया कि कोरबा में बालको द्वारा फैलाई जा रही प्रदूषण के मामले में अधिकारियों से जांच कराई जाएगी। विधानसभा में धरमलाल कौशिक ने बालको द्वारा कोरबा में प्रदूषण के संबंध में ध्यानाकर्षण लगा कर पूछा था कि बालको द्वारा फ्लाईएश का डिस्पोजल सही ढंग से नहीं किया जा रहा है। धरमलाल कौशिक आज विधानसभा नहीं आए थे। उन्होंने इसके लिए विधायक अजय चंद्राकर को नामित किया था। आवास पर्यावरण मंत्री ओपी चौधरी ने ध्यानाकर्षण के जवाब में कहा कि बालको के फ्लाईएश के डिस्पोजल की विभागीय जांच कराई जाएगी। विभागीय जांच को क्लियर करते हुए उन्होंने स्पष्ट किया कि अफसरें की कमेटी बनाकर इसकी जांच होगी।

ये रहा ध्यनाकर्षण और मंत्री का जवाब

बाल्को संयंत्र के द्वारा औद्‌योगिक सुरक्षा, श्रम व पर्यावरण नियमों का घोर उल्लंघन किया जा रहा है, जिसके कारण कोरबा क्षेत्र में स्वास्थ्य समस्या लगातार बढ़ रही है। इसौ सत्र के विधान सभा में विभाग द्वारा बताया गया है कि बाल्को संयंत्र, कोरबा में वर्ष 2022 से नवम्बर, 2023 तक 52 लाख मौट्रिक टन से अधिक फ्लाई ऐश का उत्सर्जन किया गया तथा मात्र 10 लाख मीट्रिक टन का निष्पादन किया गया है जबकि बाल्को द्वारा निष्पादन हेतु जिन स्थानों की स्वीकृति दी गई है, वहां पर मात्र 19.75 लाख मीट्रिक टन फ्लाई ऐश का निष्पादन हो सकता है। इससे स्पष्ट है कि उक्त अवधि में संयंत्र द्वारा लगभग 36 लाख मीट्रिक टन फ्लाई ऐश का निष्पादन नहीं किया गया। एनजीटी के निर्देशानुसार फ्लाई ऐश का 1 वर्ष में जो उत्सर्जन होता है, उसका 80 प्रतिशत निष्पादन करना आवश्यक है अन्यथा प्रति मौट्रिक टन 1000 रुपये प्रतिवर्ष अर्थदण्ड लिया जाना प्रावधानित है। यदि सही जाँच की जाए तो कई करोड़ों का अर्थदण्ड संधारित किया जा सकता है। पर्यावरण विभाग द्वारा उक्त 22 माह में मात्र सितम्बर, 2023 में ही 2 दिवस के अंदर 4 स्थानों पर निरीक्षण किया गया व 04 स्थानों में अनियमितता के कारण अर्थदण्ड लगाया गया। इससे स्पष्ट है कि यदि माह में बार-बार निरीक्षण होता तो करोड़ों रुपये का अर्थदण्ड तो लगता ही, साथ ही कोरबा के निवासियों को भी स्वास्थ्यगत समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता। जो फलाई ऐश का निष्पादन किया गया है, वह निर्धारित स्थान में नहीं डालकर कोरबा व आस-पास के जिलों में यत्र-तत्र डाल दिया गया है, जो कि माननीय एन.जी.टी. के निर्देशों का घोर उल्लंघन है तथा ट्रांसपोर्टर को भी अधिक लीड की राशि का करोड़ों रुपये का अतिरिक्त भुगतान किया गया है। औ‌द्योगिक सुरक्षा, श्रम व पर्यावरण नियमों का पालन न करने व ट्रांसपोर्टिंग में भारी भ्रष्टाचार के कारण आम जनता में भारी रोष व्याप्त है।

आवास एवं पर्यावरण मंत्री (ओपी चौधरी) सभापति महोदय, यह कहना सही नहीं है कि कोरबा स्थित बाल्को संयंत्र द्वारा पर्यावरण के नियमों का घोर उल्लंघन किया जा रहा है। कोरबा स्थित बाल्को संयंत्र में 540 मेगावाट एवं 1200 मेगावाट क्षमता के ताप विद्युत संयंत्र संचालित है। इस संयंत्री से जनवरी 2022 से नवंबर 2023 के मध्य लगभग 52.5 लाख मीट्रिक टन फ्लाई ऐश उत्पन्न हुआ है। उक्त अवधि में उ‌द्योग द्वारा फ्लाई ऐश ब्रिक निर्माण हेतु लगभग 1.84 लाख मीट्रिक टन, भू-अराव हेतु 60.32 लाख मीट्रिक टन, खदान में भराव हेतु 4.56 लाख मीट्रिक टन, सड़क निर्माण में 13.97 लाख मौट्रिक टन व अन्य उपयोग में 2.84 लाख मीट्रिक टन फ्लाई ऐश का उपयोग किया गया है। उद्योग द्वारा जनवरी 2022 से नवंबर 2023 तक की अवधि में राखड़ बांध में संग्रहित राखड़ का भी उपयोग करते हुये कुल लगभग 83.5 लाख मीट्रिक टन का उपयोग किया गया है। अतः यह कहना सही नहीं है कि मात्र 10 लाख मीट्रिक टन राखड़ का निष्पादन किया गया है एवं यह कहना भी सही नहीं है कि संयंत्र दवारा उक्त अवधि में 36 लाख मौट्रिक टन फ्लाई ऐश का निष्पादन नहीं किया गया है। यह भी सही नहीं है कि फ्लाई ऐश निष्पादन हेतु उ‌द्योग को जिन स्थानों पर स्वीकृति दी गई है, वहां पर मात्र 19.75 लाख मौट्रिक टन का ही निष्पादन हो सकता है।

वस्तुतः विधानसभा के इसी सत्र के तारांकित प्रश्न क्रमांक 399 के उत्तर में प्रश्नाधीन अवधि में दी गई अनुमतियों एवं उनमें प्रश्नाधीन अवधि में किये गये निष्पादन की जानकारी दी गई है। उक्त अवधि के पूर्व एवं पश्चात् जारी अनुमतियों के परिप्रेक्ष्य में बाल्को संयंत्र को भू-भराव हेतु कुल 83.71 लाख मीट्रिक टन हेतु अनुमति प्राप्त है। फ्लाई ऐश उपयोग संबंधी अधिसूचना के प्रावधानों के तहत् उ‌द्योग द्वारा वार्षिक आधार पर उत्पन्न राखड़ की मात्रा का उपयोग किये जाने के कारण पर्यावरणीय प्रतिकर लगाये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

Sandeep Kumar Kadukar

संदीप कुमार कडुकार: रायपुर के छत्तीसगढ़ कॉलेज से बीकॉम और पंडित रवि शंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी से MA पॉलिटिकल साइंस में पीजी करने के बाद पत्रकारिता को पेशा बनाया। मूलतः रायपुर के रहने वाले हैं। पिछले 10 सालों से विभिन्न रीजनल चैनल में काम करने के बाद पिछले सात सालों से NPG.NEWS में रिपोर्टिंग कर रहे हैं।

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