मजदूरों की मददगार ’विष्णु’ सरकारः छत्तीसगढ़ की कल्याणकारी सरकार में मजदूरों को मिल रहा बराबर हक, श्रमवीरों के चेहरे पर लौटी रौनक
छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार श्रमवीरों का भी बराबर ध्यान रख रही है। मजदूरों और उनके परिवारों के लिए सरकार ने कई योजनाएं प्रारंभ की है।
छत्तीसगढ़ में करीब 10 महीने पहले ही विष्णु देव साय की सरकार ने कमान संभाली है। इन दस महीनों में ही सरकार की ओर से मजदूरों के लिए किए जा रहे कल्याणकारी कामों ने उन्हें बराबरी का हक दिलाया है। मजदूरों को सामाजिक और आर्थिक सम्बल देने वाली इस सरकार की कोशिश की वजह से ही वे देश में सबसे लोकप्रिय मुख्यमंत्री की फेहरिस्त में खड़े हैं। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की नेतृत्व वाली सरकार श्रमिक और उनके परिजनों के हितों का ध्यान रखते हुए अनेक योजनाएं और कार्यक्रम संचालित कर रही है। विष्णुदेव साय सरकार गठन के बाद से ही श्रमिक परिवारों के लिए संचालित विभिन्न श्रम कल्याण योजनाओं का बेहतर ढंग से क्रियान्वयन हो रहा है। अब तक ओर लाख 30 हजार श्रमिक परिवारों को श्रम विभाग से संचालित विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित किया जा चुका है।
इन योजनाओं में 135 करोड़ 96 लाख 59 हजार से अधिक की सहायता राशि दी गई है। श्रम विभाग के अंतर्गत आने वाले छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार मण्डल के अंतर्गत 13 दिसम्बर 2023 से 08 अगस्त 2024 तक मुख्यमंत्री नोनी सशक्तिकरण सहायता योजना में 23 हजार 308 हितग्राहियों को 46 करोड़ 61 लाख 60 हजार रूपए की सहायता राशि उपलब्ध कराई गई है। इसी प्रकार मिनीमाता महतारी जतन योजना में 29 हजार 161 हितग्राहियों को 58 करोड़ 31 लाख 75 हजार, मुख्यमंत्री नोनी बाबू मेधावी शिक्षा सहायता योजना में 1396 हितग्राहियों को 2 करोड़ 39 लाख 42 हजार रूपए, मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक मृत्यु एवं दिव्यांग सहायता योजना में 828 हितग्राहियों को 8 करोड़ 40 लाख रूपए की सहायता दी गई है। इसी तरह मुख्यमंत्री श्रमिक सियान सहायता योजना में 997 हितग्राहियों को 01 करोड़ 99 लाख 40 हजार रूपए, मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक आवास सहायता योजना में 287 हितग्राहियों को 2 करोड़ 87 लाख रूपए और मुख्यमंत्री नैनिहाल छात्रवृत्ति योजना में 74 हजार 322 विद्यार्थियों को 15 करोड़ 37 लाख 42 हजार की सहायता राशि उपलब्ध कराई गई है। यह राशि हितग्राहियों के बैंक खातों में डीबीटी के माध्यम से अंतरित की गई है।
मिनीमाता महतारी जतन योजना
मंडल में 01 वर्ष पूर्व पंजीकृत महिला निर्माण श्रमिक को लाभ मिलेगा. 20000 रुपये एकमुश्त दिया जाता है।
मुख्यमंत्री नौनिहाल छात्रवृत्ति योजना
पंजीकृत निर्माण श्रमिक के प्रथम 02 बच्चें को 1000 से 10000 तक सहायता राशि देने की योजना है।
मुख्यमंत्री नोनी बाबू मेधावी शिक्षा सहायता योजना
90 दिवस पूर्व पंजीकृत निर्माण श्रमिक के प्रथम 02 बच्चें 5000 से 100000 रुपए तक सहायता राशि तथा विदेश में अध्ययन हेतु 5000000 लाख उस देश के लिए निर्धारित करेंसी की अद्यतन दर पर देय होगी।
निर्माण श्रमिकों के बच्चों हेतु उत्कृष्ट खेल प्रोत्साहन योजना
पंजीकृत निर्माण श्रमिक को 1000 से 50000 तक सहायता राशि मुहैया कराई जाती है।
मुख्यमंत्री नोनी सशक्तिकरण सहायता योजना
1 वर्ष पूर्व पंजीकृत निर्माण श्रमिक के 02 अविवाहित पुत्रियों जिनकी आयु 18 वर्ष से 21 वर्ष हो और कम से कम 10वीं कक्षा उत्तीर्ण हो उन्हें इस योजना का लाभ मिलेगा। राशि 20000 रुपए एकमुश्त सहायता के तौर पर दिख जाती है।
मुख्यमंत्री सायकल सहायता योजना
18 वर्ष से 35 वर्ष की आयु समूह की पंजीकृत महिला हितग्राहियों को और 18 से 50 वर्ष आयु वर्ग के पंजीकृत पुरूष श्रमिक 1 नग सायकल निःशुल्क अथवा सायकल हेतु निर्धारित राशि देकर ले सकते हैं।
मुख्यमंत्री सिलाई मशीन सहायता योजना
18 वर्ष से 50 वर्ष की पंजीकृत महिला श्रमिक जो मंडल में 90 दिवस पूर्व पंजीकृत हो, 01 नग सिलाई मशीन निःशुल्क अथवा सिलाई मशीन हेतु निर्धारित राशि जमा कर ले सकती हैं।
मुख्यमंत्री श्रमिक औजार सहायता योजना
इस योजना के लाभ के लिए 18 से 50 वर्ष आयु समुह के पंजीकृत निर्माण श्रमिक पात्र हैं. वो 01 नग औजार किट निःशुल्क अथवा औजार किट हेतु निर्धारित राशि देकर प्राप्त कर सकता है
मुख्यमंत्री निर्माण मजदूर सुरक्षा उपकरण सहायता योजना
इसके तहत मंडल में 90 दिवस पूर्व पंजीकृत निर्माण श्रमिक 01 नग सुरक्षा उपकरण किट निःशुल्क अथवा सुरक्षा उपकरण किट हेतु निर्धारित राशि देकर प्राप्त कर सकते है
मुख्यमंत्री निर्माण मजदूर कौशल विकास एवं परिवार सशक्तिकरण योजना
इस योजना के लिए आयु 18 से 50 वर्ष होना जरूरी है. निःशुल्क प्रशिक्षण और प्रशिक्षण के दौरान श्रमिक को अकुशल श्रमिक हेतु निर्धारित वेतन के मान से मानदेय देय होता है
दीदी ई रिक्शा सहायता योजना
18 से 50 आयु समूह के पंजीकृत निर्माण महिला श्रमिक, जो मंडल में न्युनतम 03 वर्षों से पंजीकृत हो पात्र हैं। राशि 01 लाख सहायता राशि दी जाती है
मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिकों के बच्चों हेतु निःशुल्क कोचिंग सहायता योजना
मंडल में पंजीकृत श्रमिक की एक वर्ष की नियमित सदस्यता होना आवश्यक है। योजना के तहत् पंजीकृत श्रमिक अथवा उनके प्रथम दो संतानों को ही योजना का लाभ देय होगा। मंडल अंतर्गत पंजीकृत निर्माण श्रमिकों एवं उनके संतानों को शैक्षणिक योग्यता अनुरूप प्रतियोगिता परीक्षाओं जैसे पीएससी, सीजी व्यापमं, कर्मचारी चयन आयोग, बैंकिंग, रेल्वे, पुलिस भर्ती परीक्षा हेतु चयनित कोचिंग संस्थानों के माध्यम से निःशुल्क कोचिंग प्रदान किया जाना प्रावधानित है।
मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक आवास सहायता योजना
मंडल के अंतर्गत पंजीकृत ऐसे श्रमिक जिनका निरंतर 03 वर्ष पूर्व का जीवित पंजीयन हो, छत्तीसगढ़ प्रदेश में किसी भी स्थान पर स्वयं अथवा परिवार के सदस्यों के नाम से आवास ना हो, पति व पत्नी दोनों के मंडल में पंजीकृत हितग्राही होने की स्थिति में योजना के तहत् केवल एक ही हितग्राही को आवास क्रय अथवा आवास निर्माण के लिए एकमुश्त राशि देय होगा। मंडल के अंतर्गत पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को स्वयं के भूखंड पर आवास निर्माण नवीन आवास क्रय के लिए राशि रूपये 100000 मंडल द्वारा एकमुश्त देय होगा।
मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक मृत्यु एवं दिव्यांग सहायता योजना
18 से 60 आयु वर्ग के पंजीकृत निर्माण श्रमिक पात्र हैं। सामान्य मृत्यु पर 100000 रुपए, कार्य स्थल पर दुर्घटना से मृत्यु होने पर 500000 एवं कार्य स्थल पर दुर्घटना से दिव्यांगता होने पर 250000 मंडल द्वारा एक मुश्त देय होगा।
मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक दीर्घायु सहायता योजना
18 से 60 वर्ष की उम्र के मंडल में पंजीकृत निर्माण श्रमिक पात्र हैं। योजना अंतर्गत पंजीकृत श्रमिक को दुर्घटना के कारण चिकित्सा कराए जाने हेतु एकतुश्त राशि वास्तविक राशि या अधिकतम राशि 20000 रुपए, साथ ही दृष्टिबाधित चश्मा हेतु र1000 कृत्रिम दन्त हेतु रू 5000 एवं श्रवण बाधित यंत्र हेतु 6000 तथा श्रमिकों को 15 दिवस से अधिक दिनों तक अस्पताल में भर्ती रहने पर उस अवधि में घोषित न्यूनतम वेतन के मान से 15 दिवस के बराबर वेतन प्रतिपूर्ति देय होगा। निरंतर 03 वर्ष तक पंजीकृत श्रमिकों को गंभीर बीमारी से पीड़ीत होने पर एकतुश्त राशि वास्तविक राशि या अधिकतम राशि 20000 देय होगा।
मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक पेंशन सहायता योजना
60 वर्ष आयु पूर्ण कर चुके पंजीकृत निर्माण श्रमिक, जिनका मंडल में 10 वर्ष पूर्व का पंजीयन हो। प्रतिमाह रूपये 1500 पेंशन जीवन पर्यन्त देय होगा. साथ ही पेंशनर की मृत्यु होने पर पेंशनर के आश्रित (पति/पत्नी) को पेंशन राशि का 50 प्रतिशत प्रतिमाह राशि रूपये 750 पारिवारिक पेंशन के रूप में देय होगा।
57 हजार मजदूर परिवारों को मिले 49.43 करोड़ रूपए
57 हजार से अधिक पंजीकृत परिवारों को विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत 49.43 करोड़ रूपए की राशि डी.बी.टी. के माध्यम से उनके खाते में अंतरित की। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में श्रमवीरों को शाल और प्रतीक चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया। इस मौके पर उन्होंने श्रम विभाग द्वारा तैयार की गई कॉफी टेबल बुक ‘क्रेडल्स ऑफ होप’ का विमोचन किया। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने श्रमिकों के हित में श्रम विभाग द्वारा शुरू किए गए श्रमेव जयते एप और श्रमिक हेल्पलाइन नंबर की प्रशंसा की। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पहले कार्यकाल में उन्होंने ढाई से 3 साल तक केंद्र में श्रम राज्य मंत्री के रूप में काम किया। तब श्रमिकों को बहुत ही कम पेंशन राशि मिलती थी। प्रधानमंत्री की पहल पर यह राशि बढ़ाकर एक हजार रूपए की गई। साथ ही प्रोविडेंट फंड बनाकर श्रमिकों को यूनिवर्सल नंबर आबंटित किए गए। इस यूनिवर्सल नंबर के जरिए श्रमिकों को देश के किसी भी स्थान जाने पर इस स्थायी नंबर के जरिए विभिन्न लाभ मिलते हैं। इसी प्रकार श्रमिक भाई पीएफ की राशि क्लेम नहीं करते थे, उन्हें 27 हजार करोड़ रूपए दावा राशि का भुगतान कराया गया।
डॉ. रमन सिंह, अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ विधानसभा ने कहा, प्रदेश सरकार में योजनाओं के क्रियान्वयन में सुशासन और पारदर्शिता को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। श्रमिकों को आज विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत सहायता राशि डीबीटी के माध्यम से भेजी गई है। श्रमिकों के बीच अब कोई बिचौलिया नहीं आएगा। श्रमिकों को अब राशि सीधे उनके बैंक खातों में मिल रही है। उन्होंने कहा कि श्रमिकों के लिए संचालित अनेक कल्याणकारी योजनाएं जिसे पिछली सरकार ने बंद कर दी थी। मुख्यमंत्री साय उन योजनाओं को पुनः शुरूआत कर रहे हैं। यह श्रमिकों के लिए खुशी का अवसर है।