Mahtari Vandan Yojana: 70 लाख महिलाओं का वंदनः सीएम विष्णुदेव की महतारी वंदन योजना की वजह से आर्थिक रूप से सशक्त हुईं छत्तीसगढ़ की महिलाएं
Mahtari Vandan Yojana:महतारी वंदन योजना के शुरू होने से छत्तीसगढ़ की महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त हुई हैं। साथ ही छोटी-मोटी जरूरतों के लिए उन्हें दूसरों पर निर्भर नहीं रहना पड़ता...
Mahtari Vandan Yojana: रायपुर। महतारी वंदन योजना के शुरू होने से छत्तीसगढ़ की महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त हुई हैं। साथ ही छोटी-मोटी जरूरतों के लिए उन्हें दूसरों पर निर्भर नहीं रहना पड़ता। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा मार्च से जून तक चार महीने की सहायता राशि 2612 करोड़ 18 लाख रुपये की राशि का भुगतान महिलाओं के खाते में किया जा चुका है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की ’महतारी वंदन योजना’ की पांचवीं किस्त महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा जुलाई महीने की दूसरी तारीख को जारी की गई। इसी के साथ कैबिनेट मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने राज्य की महिलाओं को बधाई दी। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 मार्च 2024 को महतारी वंदन योजना की शुरुआत की थी। पीएम मोदी ने बटन दबाकर पहली किस्त जारी की थी। राज्य की लगभग 70 लाख महिलाओं को हर महीने महतारी वंदन योजना का लाभ मिल रहा है। जिसे लेकर महिलाओं का कहना है कि इस योजना से उनका आत्मविश्वास बढ़ा है। घर में उनकी पूछ परख बढ़ी है। घर की छोटी मोटी जरूरतों के लिए अब किसी के आगे हाथ फैलाने की जरूरत नही पड़ती। घर के अपनों के छोटे-छोटे सपनें इस राशि से वे पूरा कर रही है। कई महिलाओं ने इस राशि से छोटी-छोटी आर्थिक गतिविधियां भी शुरू कर दी हैं। स्व-सहायता समूह में शामिल महिलाएं बचत का भी काम कर रही है।
महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाएंगेः साय
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने महिलाओं को बधाई देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की एक-एक गारंटी को पूरा करने राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है। महतारी वंदन योजना के तहत पांचवी किश्त की राशि पाकर जिले की महिलाएं काफी उत्साहित नजर आ रही है। नारायणपुर जिले के ग्राम छोटेडोंगर की श्रीमती सरोज कश्यप, ग्राम तेलसी की श्रीमती रोशनी साहू सहित हजारों महिलाओं के खाते में राशि का अंतरण हो चुका है जिससे महिलाओं में खुशी की लहर दौड़ गई। श्रीमती सरोज का कहना है कि वह राशि का उपयोग घर खर्च तथा बच्चों के पढ़ाई लिखाई में उपयोग करेंगी और कोहकामेटा की श्रीमती सुशीला नुरेटी ने बताया कि वह अपने गांव के बाजार में सब्जी भाजी बेचने का व्यवसाय स्थापित कर आय में वृद्धि करेगी। ओरछा की श्रीमती लक्ष्मी कोर्राम ने बताया कि वह ओरछा बाजार में होटल संचालित कर आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने में उपयोग करेगी। महिलाओं के महिला सशक्तिकरण की ओर कदम बढ़ाते हुए योजना बनाने के लिए देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश के मुखिया श्री विष्णुदेव साय का धन्यवाद देते हुए आभार व्यक्त किया। नारायणपुर जिले के 27 हजार 581 महिलाओं को 1 हजार रुपए के मान से प्रत्येक महीना 2 करोड़ 75 लख रुपए से अधिक राशि मिल रहा है।
महिलाओं के खाते में आई सहायता राशि
2 जुलाई 2024 को कुल 69 लाख 96 हजार 556 हितग्राहियों को 653 करोड़ 85 लाख रुपये की सहायता राशि का भुगतान सीधे उनके बैंक खाते में अंतरित कर दिया गया है। इनमें से 66 लाख 16 हजार 618 हितग्राहियों को आधार लिंक खातों के आधार पर डीबीटी के माध्यम से भुगतान किया गया तथा 3 लाख 79 हजार 938 हितग्राहियों जिनके खाते आधार से लिंक नहीं है, उन्हें एनईएफटी के माध्यम से उनके खाते में भुगतान किया जा रहा है। रायपुर जिले में सर्वाधिक 5 लाख 33 हजार 511 महिलाओं के खाते में राशि अंतरित हुई है। महतारी वंदन योजना के तहत बालोद जिले की 2 लाख 52 हजार 228 महिला हितग्राहियों को राशि अंतरित की गई है। इसी तरह बालौदाबाजार-भाटापारा जिले की 3 लाख 30 हजार 111 महिलाओं, बलरामपुर जिले की 2 लाख 14 हजार 624 महिलाओं, बस्तर जिले की 1 लाख 93 हजार 666 महिलाओं, बेमेतरा जिले की 2 लाख 54 हजार 294 महिलाओं, बीजापुर जिले की 38 हजार 471 महिलाओं, बिलासपुर जिले की 4 लाख 25 हजार 243 महिलाओं तथा दंतेवाड़ा जिले की 54 हजार 815 महिलाओं को राशि अंतरित कर दी गई है। धमतरी जिले की 2 लाख 35 हजार 598 महिलाओं, दुर्ग जिले की 4 लाख 3 हजार 323 महिलाओं, गरियाबंद जिले की 01 लाख 83 हजार 469 महिलाओं, गौरेला-पेड्रा-मरवाही जिले की 95 हजार 922 महिलाओं, जांजगीर-चांपा जिले की 2 लाख 90 हजार 716 महिलाओं, जशपुर जिले की 2 लाख 32 हजार 375 महिलाओं, कबीरधाम जिले की 2 लाख 54 हजार 865 महिलाओं, कांकेर जिले की 01 लाख 84 हजार 779 महिलाओं, खैरागढ़ छुईखदान गंडई जिले की 01 लाख 17 हजार 23 महिलाओं, कोंडागांव जिले की 01 लाख 40 हजार 796 महिलाओं तथा कोरबा जिले की 02 लाख 94 हजार 563 महिलाओं को के खाते में राशि अंतरित कर दी गई है। कोरिया जिले की 59 हजार 913 महिलाओं, महासमुंद जिले की 3 लाख 25 हजार 256 महिलाओं, मनेन्द्रगढ़, चिरमिरी, भरतपुर जिले की 01 लाख 14 हजार 11 महिलाओं, मोहला-मानपुर-अम्बागढ़ चौकी जिले की 82 हजार 366 महिलाओं, मुंगेली जिले की 02 लाख 13 हजार 942 महिलाओं, नारायणपुर जिले की 27 हजार 581 महिलाओं, रायगढ़ जिले की 03 लाख 5 हजार 831 महिलाओं, राजनांदगांव जिले की 02 लाख 58 हजार 126 महिलाओं तथा सक्ती जिले की 01 लाख 99 हजार 578 महिलाओं के खाते में राशि अंतरित कर दी गई है। सांरगढ़-बिलाईगढ़ जिले की 01 लाख 90 हजार 579 महिलाओं, सुकमा जिले की 52 हजार 305 महिलाओं, सूरजपुर जिले की 02 लाख 16 हजार 657 महिलाओं तथा सरगुजा जिले की 02 लाख 32 हजार 619 महिलाओं के खाते में राशि अंतरित कर दी गई है। अब तक महतारी वंदन योजना की चार माह की राशि जारी की जा चुकी है। पिछली सरकार ने महिला स्व सहायता समूहों से रेडी टू ईट का काम छीन लिया था। छत्तीसगढ़ सरकार ने अब फिर से उन्हें यह काम सौंप दिया है।
बेटे की भविष्य की खुशियों में किया निवेश
रत्ना ने बेटे की भविष्य की खुशियों में किया निवेशजब महतारी वंदन योजना के पैसे रत्ना कन्नौजे के खाते में आये तो उन्होंने इसे अपने बेटे की शिक्षा संबंधी जरूरतों पर निवेश के बारे में सोचा। वे निवेश विशेषज्ञों से मिली। निवेश के जानकारों ने उन्हें बताया कि शेयर बाजार में लंबे समय में पैसा काफी बढ़ता है यदि सोच समझ कर लगाया जाए। चूंकि सभी लोग बाजार के विशेषज्ञ नहीं होते, इसलिए म्यूच्युअल फंड के माध्यम से निवेश कर सकते हैं।
रत्ना ने पूछा कि म्यूचुअल फंड क्या होता है तो उन्हें बताया कि शेयर बाजार के जानकार विशेषज्ञ बहुत से शेयरों में जिनके बढ़ने की अच्छी संभावना होती है म्यूच्युअल फंड के माध्यम से पैसा लगाते हैं और इसके बढ़ने पर लाभ यूनिट धारक का होता है। रत्ना ने जो फंड खरीदा, उससे अब तक आये रिटर्न देखे। उन्हें लगा कि अभी बेटे के उच्च शिक्षा में समय है अतएव एसआईपी में निवेश किया जा सकता है फिर एसआईपी शुरू कर दिया। अब महतारी वंदन योजना का पैसा जिस दिन खाते में आता है उसके अगले दिन ही वो एसआईपी की नियत तिथि में पैसे जमा कर देती हैं। रत्ना ने बताया कि बेटे की खुशियों के लिए एक ठोस आधार तैयार हो गया है। हर महीने की सुरक्षित आय से मैं एसआईपी में निवेश करूंगी। महतारी वंदन योजना ने छत्तीसगढ़ की महिलाओं को न केवल आर्थिक रूप से सशक्त किया है अपितु वे उन उम्मीदों को भी पूरा कर रही हैं जिनके लिए उनके पास किसी तरह का जरिया नहीं था। वे अपने बच्चों की शिक्षा संबंधी जरूरतों को पूरा कर रही है। रत्ना की तरह ही प्रदेश की बहुत सी महिलाओं के जीवन में अब नई उम्मीदें हैं।
उनकी खुशियां हर महीने मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय अपने एक क्लिक से अंतरित कर रहे हैं और वे इसे भविष्य की खुशियों के रूप में निवेशित कर रही हैं। महतारी वंदन योजना से आधी आबादी के खुशहाल भविष्य का रास्ता खुला है जिससे पूरी आबादी को लाभ होगा।
बेसहारा कलेसरी को मिला सहारा
केंद्र एवं राज्य शासन द्वारा संचालित की जा रही योजनाओं से प्रदेश की महिलाओं की जिंदगी बदल रही है। उन्हें सर छिपाने के लिए अपना आशियाना, लकड़ी के चूल्हे से होने वाली धुएं से आजादी और आर्थिक सशक्तिकरण भी मिल रहा है। विकासखण्ड बलरामपुर की ग्राम पंचायत पस्ता की रहने वाली श्रीमती कलेसरी जो विधवा और बेसहारा महिला है बताती हैं अपने पुराने मिट्टी के घर में रहती थी। उनके पति की मृत्यु पूर्व में हो चुकी थी ऐसी स्थिति में पक्का आवास की कल्पना कर पाना मुश्किल था। परन्तु इस कल्पना को साकार किया प्रधानमंत्री आवास योजना ने। श्रीमती कलेसरी बताती हैं कि उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 01 लाख 30 हजार रूपये की राशि प्राप्त हुई और आज उन्हें को अपना पक्का आवास मिल चुका है।वो अपने पुराने दिनों को याद कर भावुक होकर कहती है कि मेरे पति ने पक्के घर में रहने का सपना देखा था काश उनके रहते मेरा सपना पूरा होता। शासन की संवदेनशीलता से कलेसरी अपने हौसले से अपना जीवन जी रही है। वे कहती हैं कि पक्के आवास के लिए हमेशा शासन की आभारी रहेंगे। पहले चूल्हे से खाना बनाया करती थी, जिससे समय पर खाना बनाने में परेशानी होती थी और स्वास्थ्य दोनों ही खराब रहता था। उज्जवला योजना के लाभ से अब गैस के माध्यम से खाना बनाने में समय की बचत होती है ,धुएं से उन्हें मुक्ति मिली है और अन्य कार्यों को भी समय से पूरा कर लेती है। श्रीमती कलेसरी को महतारी वंदन योजना अंतर्गत योजना का भी लाभ मिल रहा है। श्रीमती कलेसरी कहती है कि मेरे खाते में प्रतिमाह 1000 रुपए आता है। जिससे घर की छोटी-छोटी जरूरत को पूरा कर लेती हूं। उल्लेखनीय है कि राज्य शासन द्वारा महिला सशक्तिकरण की दिशा में आर्थिक स्वावलंबन, उनके स्वास्थ्य एवं पोषण स्तर में सतत सुधार, परिवार के निर्णयों में उनकी भूमिका सुदृढ़ करने के उद्देश्य से महतारी वंदन योजना की शुरुआत की गई है। योजना के तहत पात्र महिलाओं को प्रतिमाह 1000 रूपए की राशि डीबीटी के माध्यम से प्रदान की जा रही है।