Mahatari Vandan Yojana: महिलाओं में बढ़ा आत्मविश्वास, छत्तीसगढ़ में सीएम विष्णुदेव साय की 'महतारी वंदन योजना' से आत्मनिर्भरता का रचा नया अध्याय
Mahatari Vandan Yojana: छत्तीसगढ़ सरकार ने अभी जून महीने में ही महतारी वंदन योजना की सोलहवीं किश्त का भुगतान किया। प्रदेश की 69.30 लाख से अधिक महिलाओं को कुल 648.24 करोड़ रुपये की सहायता राशि उनके बैंक खाते में अंतरित की गई। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए इस योजना की शुरुआत मार्च 2024 में की गई थी

Mahatari Vandan Yojana: रायपुर। देश, दुनिया के किसी भी समाज की बात हो, महिलाओं का आर्थिक रूप से सशक्त होना उनके पूरे भविष्य को तय करता है। छत्तीसगढ़ में भी पिछले डेढ़ साल में प्रदेश की महिलाओं के आत्मविश्वास में अविश्सनीय बदलाव आया है। महतारी वंदन योजना के माध्यम से लाखों महिलाओं को आर्थिक सहायता और आत्मनिर्भरता का सहारा मिला है। ये केवल एक वित्तीय मदद नहीं, बल्कि महिलाओं के अधिकार, आत्मविश्वास और उनकी शक्ति को पहचानने का एक मार्ग है।
विष्णु देव साय की सरकार महतारी वंदन योजना के तहत प्रदेश की महिलाओं के खाते में प्रति माह जो एक हजार रूपए की राशि हस्तांरित कर रही है, उससे निसंदेह महिलाएं संबल बनी है, उन जिससे आज वो अपना निर्णय लेने में दूसरों पर निर्भर नहीं है। ये योजना अब सिर्फ एक राज्य की योजना नहीं, बल्कि एक आंदोलन बन चुकी है, जहां महिलाएं न केवल आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं, बल्कि अपने घर-परिवार में भी निर्णय लेने में बराबरी का हक महसूस कर रही हैं।
अब तक साढ़े 10 हजार करोड़ की राशि दी
छत्तीसगढ़ सरकार ने अभी जून महीने में ही महतारी वंदन योजना की सोलहवीं किश्त का भुगतान किया। प्रदेश की 69.30 लाख से अधिक महिलाओं को कुल 648.24 करोड़ रुपये की सहायता राशि उनके बैंक खाते में अंतरित की गई। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए इस योजना की शुरुआत मार्च 2024 में की गई थी। अब तक लगातार 16 माहों में 10433.64 करोड़ रुपये की राशि प्रदेश की महिलाओं को प्रदाय की जा चुकी है। योजना के अंतर्गत 21 से 60 वर्ष आयु वर्ग की विवाहित, विधवा, तलाकशुदा एवं परित्यक्ता महिलाओं को प्रतिमाह एक हजार रूपए की सहायता राशि प्रदान की जाती है।
योजना से होने वाले भुगतान एवं अन्य जानकारी से अवगत होने के लिए महतारी वंदन योजना के पोर्टल https://mahtarivandan.cgstate.gov.in/ अथवा महतारी वंदन योजना का मोबाईल ऐप भी है जिसे हितग्राही प्लेस्टोर से डाउनलोड कर अपनी जानकारी देख सकते हैं। यदि कोई आवेदिका इस सहायता राशि का लाभ नहीं लेना चाहती है, अर्थात् लाभ त्याग करना चाहती है तो वे पोर्टल में लाभ त्याग के ऑप्शन में जाकर लाभ त्याग कर सकती है।
महतारी वंदन योजनांतर्गत सहायता राशि डीबीटी के माध्यम से दी जा रही है। जिन हितग्राहियों का खाता डीबीटी इनेबल नहीं है वे तत्काल बैंक जाकर आधार सीडिंग करवायें क्योंकि उनको भुगतान किये जाने पर राशि वापस हो जा रही है तथा इस हेतु उन्हें एसएमएस के माध्यम से सूचित भी किया गया है। यदि किसी हितग्राही को किसी प्रकार की शिकायत हो तो इस पोर्टल में शिकायत करें ऑप्शन में जाकर अपनी समस्या ऑनलाईन दर्ज कर सकती है।
मुश्किल वक्त का सहारा: अनिता माड़वी
राज्य सरकार का महत्वाकांक्षी महतारी वंदन योजना सुकमा जिले के आदिवासी बहुल ग्राम फुलबगड़ी की ग्रामीण महिला श्रीमती माड़वी अनिता के लिए मुश्किल वक्त का सहारा बन गया है। अनिता ने बताया कि महतारी वंदन योजना के अंतर्गत प्रतिमाह मिलने वाली राशि भविष्य में उनके बच्चों के पढ़ाई-लिखाई के लिए बहुत बड़ा सहारा बनेगा। श्रीमती माड़वी ने बताया कि उनकी दो बेटियां हैं। बेटियों के उज्जवल भविष्य के लिए महतारी वंदन योजना से मिलने वाली राशि को उनके द्वारा प्रतिमाह सुकन्या समृद्धि योजना के बैंक खाते में जमा किया जाता है। भविष्य में बड़ी राशि मिलने की उम्मीद से काफी खुशी होती है। इस तरह से छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा महतारी वंदन योजना लागू करने से अनिता के परिवार की बहुत बड़ी चिंता दूर हुई है। इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व वाली छत्तीसगढ़ सरकार को हृदय से धन्यवाद देते हुए उनके प्रति विनम्र आभार व्यक्त किया है।
हर तरह है उपयोगी: मंजूलता
बालोद जिले के आदिवासी बहुल डौण्डी विकासखण्ड के ग्राम खलारी की मंजूलता बताती हैं कि महतारी वंदन योजना से प्रतिमाह मिलने वाली राशि मेरे लिए हर तरह से उपयोगी साबित हो रहा है। उन्होंने कहा कि वे बहुत ही साधारण ग्रामीण परिवार की घरेलू महिला है। वे एवं उनके परिवार थोड़ी बहुत खेती-किसानी एवं मेहनत-मजदूरी कर अपना जीवन-यापन करती हैं। उन्होंने बताया कि उनका लड़का देवेन्द्र कुमार शासकीय महाविद्यालय कांकेर में बीएससी द्वितीय वर्ष का विद्यार्थी है।
परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नही होने के कारण महतारी वंदन योजना से प्रतिमाह राशि प्राप्त होने के पहले अपने बच्चों के पढ़ाई-लिखाई के लिए राशि प्रबंध करने में बहुत कठिनाई होती थी। वे और उनका परिवार बहुत मुश्किल से अपने बच्चों की पढ़ाई-लिखाई के लिए पैसे का प्रबंध कर पाते थे। लेकिन अब प्रतिमाह महतारी वंदन योजना अंतर्गत उनके खाते में 01 हजार रुपये की राशि जमा होने से उनके बच्चे के पढ़ाई-लिखाई के लिए राशि का प्रबंध करने के लिए किसी प्रकार की कठिनाई नही होती है।
परिवार के लिए बना वरदान: सविता टेकाम
बालोद जिले के डौण्डी विकासखण्ड के ग्राम बनगांव सविता टेकाम बताती हैं कि खेती-किसानी एवं मेहनत-मजदूरी का कार्य ही उनके परिवार के जीविकोपार्जन का आधार है। खराब आर्थिक स्थिति के बावजूद उन्हें और उनके बच्चों में पढ़ाई-लिखाई के प्रति उन्हें अपार लगाव है। लेकिन घर की आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण बच्चों की पढ़ाई के लिए राशि का प्रबंध करने के लिए बहुत ही कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। वर्तमान में महतारी वंदन योजना के अंतर्गत प्रतिमाह मिलने वाली राशि उनके बच्चों पढ़ाई-लिखाई के लिए सहारा बन कर मेरे एवं मेरे परिवार के सपनों को पंख देने एवं संबल प्रदान करने का कार्य कर रहा है। इस योजना से मिले राशि का उपयोग अपनी पुत्री कुमारी सुधा टेकाम के हेल्थ केयर प्रशिक्षण के शुल्क जमा करने मंे किया है। इस तरह से यह योजना मेरी पुत्री सुधा के पढ़ाई-लिखाई के लिए वरदान साबित होकर उनके सपने को साकार करने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
पूरी हो रहीं हर छोटी जरुरत: रेखा दास महंत
कोरबा जिले के विकासखंड पाली के ग्राम तिवरता की निवासी रेखा दास महंत पहले अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए कभी पड़ोसियों से, तो कभी रिश्तेदारों से उधार मांगने को मजबूर थीं। कई बार बेहद जरूरी कार्यों के लिए भी उन्हें मदद नहीं मिलती थी। लेकिन अब महतारी वंदन योजना के तहत उन्हें हर महीने एक हज़ार रुपये की नियमित आर्थिक सहायता मिलती है, जिससे उनके छोटे-मोटे घरेलू खर्च आसानी से पूरे हो जाते हैं। रेखा कहती है कि अब मुझे अपनी छोटी जरूरतों के लिए किसी के आगे हाथ फैलाने की जरूरत नहीं पड़ती। हर माह खाते में आने वाली राशि से दाल-चावल, बच्चों की जरूरतें और अन्य ज़रूरी सामान खरीद लेती हूं। रेखा के पति श्री गणेश दास खेती-किसानी करते हैं, लेकिन सिंचाई की समस्या के कारण धान की पैदावार कम होती है। ऐसे में घर का सारा भार रेखा पर आ जाता था। लेकिन अब, महतारी वंदन योजना की राशि ने उन्हें आत्मनिर्भर बना दिया है।
छोटे-मोटे खर्चों में बंटाती हूं हाथ: मीरा बाई
कोरबा जिले के पोड़ी उपरोड़ा विकासखंड की ग्राम पंचायत लखनपुर में रहने वाली मीरा बाई अपने घर पर कुछ बकरियाँ पालकर गुज़ारा करती हैं। आय का कोई स्थायी स्रोत न होने के कारण महीने के खर्चों में उन्हें काफी कठिनाई होती थी। लेकिन जब से उन्हें महतारी वंदन योजना के तहत हर माह एक हजार रुपये मिलना शुरू हुआ है, तब से उनकी जिंदगी में राहत आई है। मीरा बाई कहती हैं कि गांव में किसी महिला को नियमित रूप से हर माह एक तय राशि मिले, ये अपने आप में बड़ी बात है। यह भरोसा बना रहता है कि ज़रूरत के समय कम से कम एक हजार रुपये तो मदद में मिलेंगे। मीरा बताती हैं कि आजकल जब कोई सौ रुपये भी देने को तैयार नहीं होता, तब ये योजना उनके जैसे गरीब परिवारों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। उन्होंने बताया कि यह राशि हर महीने समय पर उनके बैंक खाते में जमा हो जाती है, जिससे वह साग-सब्जी, राशन और अन्य जरूरी घरेलू सामान आसानी से खरीद पाती हैं और घर के छोटे-मोटे खर्चों में परिवार का हाथ बंटा पाती हैं।
दूर हुई बेटी की छठी की चिंता: दिलेशरी मंझुवार
कोरबा जिले के लेमरू ब्लॉक के घोंघीबहरा गांव की दिलेशरी मंझुवार के घर हाल ही में खुशियों की लहर दौड़ गई। बेटी अनुष्का की छठी का आयोजन ऐसे समय हुआ, जब यह परिवार आर्थिक रूप से कमजोर था। लेकिन इन खुशियों के पीछे एक मजबूत सहारा बनी छत्तीसगढ़ सरकार की महतारी वंदन योजना, जिसके तहत श्रीमती दिलेशरी को हर महीने एक हजार की आर्थिक मदद मिल रही है। गर्भावस्था के दौरान दिलेशरी को कई तरह की चिंताएं सताती थीं। घर की माली हालत ऐसी नहीं थी कि बच्चे के जन्म के बाद कोई खास आयोजन कर सकें। लेकिन जब मुख्यमंत्री विष्णु देव साय द्वारा महतारी वंदन योजना की शुरुआत की गई, तो श्रीमती दिलेशरी ने भी आवेदन किया। योजना का लाभ मिलना शुरू हुआ और गर्भावस्था के दौरान यह राशि उनके लिए राहत बन गई। बेटी अनुष्का के जन्म के बाद जब छठी का समय आया, तो खाते में जमा योजना की राशि ने उनकी सारी चिंता दूर कर दी।
साकार कर रही बेटी का सपना: संगीता पटेल
कबीरधाम जिला के ग्राम भागुटोला की निवासी संगीता पटेल के जीवन में परिवर्तन का यह सफर छत्तीसगढ़ सरकार की महतारी वंदन योजना से शुरू हुआ, जिसने उन्हें न केवल आर्थिक सहायता दी, बल्कि उन्हें आत्मविश्वास से भर दिया। संगीता पटेल, एक गृहिणी और मां, अपने परिवार के लिए हमेशा कुछ बेहतर करना चाहती थीं। लेकिन सीमित आय के कारण उनके सपनों को साकार करना मुश्किल था। अब जब उन्हें महतारी वंदन योजना के तहत हर महीने 1000 रुपये की आर्थिक सहायता मिलने लगी, तो उनके जीवन में नई उम्मीद जगी। संगीता ने इस राशि का बुद्धिमानी से उपयोग करना शुरू किया। उन्होंने अपनी बेटी के भविष्य के लिए सुकन्या समृद्धि योजना में खाता खुलवाया और हर महीने उसमें 500 रुपये जमा करने का निर्णय लिया। यह उनके बेटी के बेहतर शिक्षा और भविष्य के सपनों को साकार करने का पहला कदम था। बचे हुए 500 रुपये का उपयोग वह घर के अन्य खर्चों और बच्चों की जरूरतों को पूरा करने में करती हैं। संगीता बताती हैं कि यह केवल आर्थिक मदद नहीं है, बल्कि मेरे लिए आत्मसम्मान और आत्मविश्वास की भी बात है।
सुधर गई परिवार की आर्थिक स्थिति: कंचन बाई
मुंगेली जिले के विकासखण्ड मुंगेली के ग्राम गीधा की कंचन बाई, जो कभी एक-एक पैसे के लिए मोहताज हुआ करती थीं, आज महतारी वंदन योजना के तहत मिली राशि का उपयोग करके अपने जीवन में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रही हैं। कंचन बाई ठेला लगाकर गुपचुप बेचकर बमुश्किल गुजारा कर रही थी। कम आय होने के कारण से घर की आवश्यक जरूरतों को पूरा करना कठिन था तथा व्यवसाय को आगे बढ़ाने में मदद नहीं मिल पा रही थी। ऐसे समय में उन्होंने महतारी वंदन योजना का लाभ लेने के लिए फार्म भरा। आवेदन स्वीकृत होने के उपरांत उन्हें अब प्रतिमाह 01 हजार रूपए मिल रहा है, जिससे अब घर की रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करना आसान हो गया है। कंचन बाई पूरी मेहनत से अपने व्यवसाय को भी आगे बढ़ा रही है। योजना का लाभ मिलने से उनकी आर्थिक स्थिति में काफी सुधार आया। उन्होंने प्रतिमाह मिलने वाली 01 हजार रूपए की राशि को अपने व्यवसाय में निवेश करना शुरू किया। इस राशि का सही तरीके से उपयोग करने के कारण उनका व्यवसाय धीरे-धीरे बढ़ने लगा और उनकी आमदनी भी बढ़ने लगी।
बढ़ गया पति का कारोबार: पुष्पा यादव
महासमुंद की निवासी पुष्पा यादव ने बताया कि वे इस राशि का उपयोग अपने पति के बढाई व्यवसाय में उपयोग होने वाले सामग्रियों की खरीद के लिए भी कर रही है। इससे उनके मन सुकून के साथ एक नए आत्मविश्वास जागृत हुआ है। साथ ही अब उनके पति का व्यवसाय आत्मनिर्भरता की ओर आगे बढ़ रहा है। पुष्पा ने बताया कि जब भी वे अपने पति को परिश्रम करते देखती थी उनके मन में सहयोग की भावना जागृत होती थी लेकिन हाथ में पैसे नहीं होने के कारण वे सीधे मदद नहीं कर पा रही थी। महतारी वंदन की राशि मिलने से उन्होंने अपने पति के व्यवसाय के लिए कटर और रेंदा मशीन खरीदी जिससे उनके पति के बढ़ाई काम में गति आई। अब उनके पति गुणवत्तापूर्ण और तेज गति से कार्य करने में सक्षम हो गया है। उनके पति संतोष यादव ने बताया कि महतारी वंदन योजना की राशि से मेरे व्यवसाय में गति आई है। अब मैं उसी सामग्री को कम समय में और सफाई के साथ बना लेता हूं। बेहतर काम करने के कारण अब मुझे काम की भी कमी नहीं रहती है।
जीवन में आया सकारात्मक बदलाव: सुखमत मंझवार
कोरबा जिले के सुदूर वनांचल ग्राम बोड़ानाला की रहने वाली सुखमत सुखमत मंझवार ने योजना से मिल रहे लाभ के सुखद अनुभव को साझा करते हुए बताया कि परिवार की आमदनी के नियमित और स्थिर स्रोत नहीं होने के कारण उनके दैनिक आवश्यकताओं को पूरा करने की समस्या सदैव बनी रहती थी, जिससे आर्थिक संकट की समस्या निरंतर उनके परिवार को घेरे रहता था। उनके गांव की खेती जमीन डुबान में चले जाने से खेती की संभावना भी नहीं रह गयी थी, उनके पति रोजी-मजदूरी कर परिवार का गुजारा चलाते थे। जब महतारी वंदन योजना के तहत उन्हें वित्तीय सहायता मिलने लगी, तो उनके जीवन में एक सकारात्मक बदलाव आया। इस योजना से मिलने वाली राशि ने उनके घरेलू खर्चों को पूरा करना आसान बना दिया। अब वह न केवल परिवार के खर्चों को सहजता से पूरा कर पाती हैं, बल्कि अपने परिवार को आर्थिक रूप से सशक्त भी बना रही हैं।
परिवार को मिली नई दिशा: राजकुमारी मंझवार
कोरबा जिले के सुदूर वनांचल ग्राम बोड़ानाला की राजकुमारी मंझवार का जीवन पहले कई कठिनाइयों से घिरा हुआ था। संसाधनो के अभाव और आर्थिक तंगी ने उनके रोजमर्रा के जीवन को चुनौतीपूर्ण बना दिया था। महतारी वंदन से मिलने वाली आर्थिक सहायता उसके परिवार के लिए एक वरदान साबित हुई है, जिसने न केवल उनके जीवन को सरल बनाया, बल्कि उनके परिवार को भी एक नई दिशा दी। राजकुमारी मंझवार ने बताया कि महतारी वंदन योजना ने महिलाओं को न केवल आर्थिक रूप से सशक्त किया है, बल्कि उनके आत्मविश्वास को भी नई ऊँचाइयाँ दी हैं। इस योजना ने वनांचल क्षेत्र की महिलाओं को एक नई दिशा दी है, जिससे वे न केवल अपनी बल्कि अपने परिवार की भी खुशहाली के लिए सक्षम बन रही हैं। योजना के माध्यम से एक हजार रुपये की वित्तीय सहायता हर माह मिलने से राजकुमारी अपने भविष्य के लिए निश्चिन्त रहती है।
