Madkudweep Bilaspur: बड़ी खबर: जो काम 25 साल में नहीं हुआ, वो अब हाई कोर्ट की पहल से होगा, मांडुक्य ऋषि की तपोभूमि मदकू द्वीप अब बनेगा पर्यटन स्थल
Madkudweep Bilaspur: मांडुक्य ऋषि की तपोभूमि छत्तीसगढ़ के मदकू द्वीप पर्यटन के नक्शे पर अब तेजी के साथ उभरेगा। बिलासपुर हाई कोर्ट ने आधारभूत संरचना के विकास को लेकर मुंगेली कलेक्टर व डीएफओ को नोटिस जारी कर जानकारी के साथ जवाब पेश करने का निर्देश दिया था। कलेक्टर ने बताया, कनेक्टिंग रोड का काम चल रहा है।

Madkudweep Bilaspur: बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले में मांडुक्य ऋषि की तपोभूमि है, जिसे मदकू द्वीप के रूप में जाना जाता है। मदूक द्वीप को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की अब आस जगी है।
बिलासपुर हाई कोर्ट डिवीजन बेंच ने सचिव, पर्यटन-संस्कृति के अलावा कलेक्टर मुंगेली व डीएफओ को नोटिस जारी कर इंफ्रास्क्ट्रचर विकसित करने में विलंब को लेकर शपथ पत्र के साथ जवाब मांगा था। कलेक्टर ने अपने जवाब में बताया कि मेन रोड से मदकू द्वीप कनेक्टिंग रोड का काम चल रहा है। डिवीजन बेंच ने जनहित याचिका की अगली सुनवाई के लिए 7 अक्टूबर की तिथि तय कर दी है।
छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले में आना वाला मदकू द्वीप छत्तीसगढ़ का प्रमुख पर्यटन स्थल होने के साथ ही यह मांडुक्य ऋषि का तपोभूमि भी है। पर्यटन के क्षेत्र में यहां असीमित संभावनाएं भी है। आध्यात्म और पर्यटन यहां अद्भूत दृश्य देखने को मिलता है। डिवीजन बेंच ने सचिव, पर्यटन-संस्कृति को राज्य के पर्यटन स्थलों के रखरखाव व सौंदर्याकरण के लिए आवंटित राशि के संबंध में अपना व्यक्तिगत शपथ-पत्र दाखिल कर पूरी जानकारी देने कहा है।
राज्य शासन की ओर से पैरवी करते हुए महाधिवक्ता प्रफुल्ल भारत ने बेंच को बताया कि मदकू द्वीप के विकास के लिए राज्य सरकार ने बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार कर लिया है। पर्यटन स्थल में इको टूरिज्म स्पाट बनाने की योजना है। इसे जल्द मूर्तरूप दिया जाएगा। बता दें कि वर्ष 2006 व 2013 में मदकू द्वीप के सौंदर्याकरण सहित अन्य कार्यों के लिए राज्य शासन ने राशि आवंटित की थी। यह द्वीप ऋषि माण्डुक्य की तपोभूमि और राज्य का तीसरा एकमात्र नदी द्वीप है।
