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Maa Siyadevi: छत्तीसगढ़ में हैं मां सियादेवी का मंदिर, वनवास के दौरान भगवान श्रीराम और लक्ष्मण, देवी सीता की खोज करते आए थे इस स्थान पर...

Maa Siyadevi: माँ सियादेवी का यह मंदिर बालोद जिले के ग्राम नारागांव के समीप स्थित है। चारों ओर फैले घने जंगल और मंदिर के समीप स्थित जलप्रपात इसे और अधिक आकर्षक बनाते हैं। बारिश के मौसम में जब जलप्रपात पूरी ताकत के साथ प्रवाहित होता है, तब इसकी गूंज दूर-दूर तक सुनाई देती है...

Maa Siyadevi: छत्तीसगढ़ में हैं मां सियादेवी का मंदिर, वनवास के दौरान भगवान श्रीराम और लक्ष्मण, देवी सीता की खोज करते आए थे इस स्थान पर...
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By Sandeep Kumar

Maa Siyadevi: बालोद। छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में स्थित माँ सियादेवी नारागांव एक ऐसा स्थल है, जहाँ प्राकृतिक सुंदरता, धार्मिक आस्था और ऐतिहासिक महत्व का अद्भुत संगम देखने को मिलता है। घने जंगलों से घिरा यह स्थान प्राकृतिक जलप्रपात, धार्मिक स्थल और पर्यटन क्षेत्र के रूप में प्रसिद्ध है। यहाँ प्रतिदिन सैकड़ों श्रद्धालु माँ सियादेवी के दर्शन के लिए आते हैं और इस स्थान की अनुपम प्राकृतिक छटा का आनंद लेते हैं। छत्तीसगढ़ ही नहीं, बल्कि आसपास के राज्यों से भी पर्यटक यहाँ घूमने और आध्यात्मिक शांति का अनुभव करने के लिए पहुँचते हैं।

माँ सियादेवी का यह मंदिर बालोद जिले के ग्राम नारागांव के समीप स्थित है। चारों ओर फैले घने जंगल और मंदिर के समीप स्थित जलप्रपात इसे और अधिक आकर्षक बनाते हैं। बारिश के मौसम में जब जलप्रपात पूरी ताकत के साथ प्रवाहित होता है, तब इसकी गूंज दूर-दूर तक सुनाई देती है। झरने का मनमोहक दृश्य और उसके गिरने की मधुर ध्वनि हर पर्यटक को एक रोमांचकारी अनुभव प्रदान करती है। प्रकृति की गोद में बसे इस स्थल की खूबसूरती न केवल आँखों को सुकून देती है, बल्कि मन को भी शांति और आनंद से भर देती है।

माँ सियादेवी मंदिर की ऐतिहासिक और धार्मिक मान्यता रामायण काल से जुड़ी हुई है। मान्यता है कि वनवास के दौरान भगवान श्रीराम और लक्ष्मण, देवी सीता की खोज करते हुए इस स्थान पर आए थे। माता पार्वती ने देवी सीता के रूप में भगवान राम की परीक्षा ली, लेकिन भगवान राम ने उन्हें पहचान लिया और माँ के रूप में प्रणाम किया। इस घटना से माता पार्वती को अपराधबोध हुआ, और उन्होंने भगवान शिव से क्षमा मांगी। तब भगवान शिव ने उन्हें इसी स्थान पर माँ सियादेवी के रूप में विराजमान होने का निर्देश दिया। तभी से यह स्थल श्रद्धालुओं के लिए एक प्रमुख धार्मिक स्थान बन गया।

माँ सियादेवी नारागांव, आध्यात्मिक और प्राकृतिक पर्यटन के लिए एक आदर्श स्थल बन चुका है। यहाँ आने वाले श्रद्धालु माँ सियादेवी का आशीर्वाद लेने के साथ ही इस स्थान की प्राकृतिक सुंदरता का भरपूर आनंद उठाते हैं। वर्षभर यहाँ पर्यटकों की आवाजाही बनी रहती है, लेकिन नवरात्रि के समय यह स्थान विशेष रूप से भक्तिमय वातावरण से भर जाता है, जब हजारों श्रद्धालु यहाँ माता के दर्शन के लिए आते हैं।

बालोद जिला प्रशासन और पर्यटन विभाग द्वारा इस स्थल को विकसित करने के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किए गए हैं। पर्यटकों की सुविधा के लिए सीसी सड़क, बैरिकेड्स, सीढ़ियाँ, पेयजल व्यवस्था, शौचालय, सोलर लाइट, विश्राम शेड और बैठक भवन जैसी सुविधाएँ उपलब्ध कराई गई हैं। इससे यहाँ आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को किसी प्रकार की असुविधा नहीं होती है। माँ सियादेवी नारागांव तक पहुँचना काफी सरल है। सड़क मार्ग से रायपुर, धमतरी और बालोद से यहाँ आसानी से पहुँचा जा सकता है। ग्राम सांकरा से लगभग 8 किलोमीटर की दूरी तय कर ग्राम नारागांव होते हुए इस स्थल तक पहुँचा जा सकता है।

Sandeep Kumar

संदीप कुमार कडुकार: रायपुर के छत्तीसगढ़ कॉलेज से बीकॉम और पंडित रवि शंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी से MA पॉलिटिकल साइंस में पीजी करने के बाद पत्रकारिता को पेशा बनाया। मूलतः रायपुर के रहने वाले हैं। पिछले 10 सालों से विभिन्न रीजनल चैनल में काम करने के बाद पिछले सात सालों से NPG.NEWS में रिपोर्टिंग कर रहे हैं।

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