Liquor Scam, Supreme Court: शराब घोटाला: सुप्रीम कोर्ट का ED-EOW को अल्टीमेटम, तीन महीने के भीतर पूरी करे जांच, फाइनल रिपोर्ट भी मांगी
Liquor Scam, Supreme Court: शराब घोटाला में सुप्रीम कोर्ट ने ED और EOW को दिसंबर तक जांच पूरी करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने जांच के बाद फाइनल रिपोर्ट पेश करने का निर्देश जांच एजेंसी के अफसरों को दिया है।

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दिल्ली। छत्तीसगढ़ में तीन हजार करोड़ से ऊपर के शराब घोटाला में सुप्रीम कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय ED और आर्थिक अपराध शाखा EOW।को 3 महीने के भीतर जांच पूरी करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने दिसंबर केआखिरी सप्ताह तक फाइनल रिपोर्ट पेश करने कहा है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ED और EOW ने मामले की जांच तेज कर दी है। शराब घोटाले से जुड़े आरोपी अधिकारियों और अन्य लोगों से पूछताछ जारी है। ED के अफसर आबकारी विभाग के 30 अधिकारियों के बयान दर्ज करने में जुटे है। घोटाले में 7 रिटायर्ड अधिकारी भी फंसे हैं।
ये हैं 30 अधिकारियों, जिनसे ED कर रही पूछताछ
जनार्दन कौरव-सहायक जिला आबकारी अधिकारी, अनीमेश नेताम - उप आबकारी आयुक्त, विजय सेन शर्मा -उप आबकारी आयुक्त, अरविंद कुमार पाटले - उप आबकारी आयुक्त, प्रमोद कुमार नेताम - सहायक आबकारी आयुक्त, रामकृष्ण मिश्र - सहायक आबकारी आयुक्त, विकास कुमार गोस्वामी - सहायक आबकारी आयुक्त, इकबाल खान - जिला आबकारी अधिकारी, नितिन खंडूजा, - सहायक जिला आबकारी अधिकारी, नवीन प्रताप सिंह, तोमर सहायक आबकारी आयुक्त, मञ्जुश्री कसेर - सहायक आबकारी अधिकारी, सौरभ बक्शी - सहायक आबकारी आयुक्त, दिनकर वासनिक - सहायक आबकारी आयुक्त, आशीष श्रीवास्तव - अतिरिक्त आबकारी आयुक्त, मोहित कुमार जायसवाल - जिला आबकारी अधिकारी, नीतू नोटानी ठाकुर - उप आबकारी आयुक्त, गरीबपाल सिंह दर्डी-जिला आबकारी अधिकारी, नोहर सिंह ठाकुर - उप आबकारी आयुक्त, सोनल नेताम - सहायक आबकारी आयुक्त, प्रकाश पाल - सहायक आबकारी आयुक्त, अलेख राम सिदार - सहायक आबकारी आयुक्त, आशीष कोसाम - सहायक आबकारी आयुक्त, राजेश जायसवाल - सहायक आबकारी आयुक्त, ए. के. सिंह पिता -जिला आबकारी अधिकारी (रिटायर्ड), जे.आर. मंडावी - जिला आबकारी अधिकारी (रिटायर्ड), जी.एस. नरुटी - सहायक आबकारी आयुक्त (रिटायर्ड), देवलाल वैध - जिला आबकारी अधिकारी (रिटायर्ड), ए. के. आनंद- जिला आबकारी अधिकारी (रिटायर्ड), वेदराम लहरे - सहायक आबकारी आयुक्त (रिटायर्ड), एल.एल. ध्रुव - सहायक आबकारी आयुक्त (रिटायर्ड)।
13 याचिकाओं पर हुई थी एकसाथ सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट में छत्तीसगढ़ शराब घोटाला से संबंधित 13 याचिकाओं पर सुनवाई हुई थी। जस्टिस एम.एम. सुन्दरेश और जस्टिस सतीश चन्द्र शर्मा की बेंच ने सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया था। इन याचिकाओं में छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश में दर्ज की गई अलग-अलग FIR, प्रवर्तन निदेशालय ECIR और जमानत याचिकाएं थी। इसमें आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा की जमानत याचिका भी शामिल थी।
दिविज बेंच ने सभी याचिकाओं को खारिज करते हुए ED और जांच एजेंसियों को निर्देश दिया कि 3 महीने में जांच पूरी करें और पूरक आरोपपत्र दायर करें। इसके बाद याचिकाकर्ता नियमित या अग्रिम जमानत के लिए आवेदन कर सकते हैं।
पूर्व मंत्री लखमा,चैतन्य बघेल सहित कई जेल में
शराब घोटाले में पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा,चैतन्य बघेल अरुणपति त्रिपाठी, अरविंद सिंह, अनवर ढेबर, त्रिलोक सिंह ढिल्लन, अनुराग द्विवेदी, अमित सिंह, दीपक दुआरी, दिलीप टुटेजा और सुनील दत्त को गिरफ्तार किया गया है। चैतन्य बघेल को शराब घोटाला और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
क्या है छत्तीसगढ़ का शराब घोटाला
छत्तीसगढ़ शराब घोटाला में ED जांच कर रही है। ED ने ACB में FIR दर्ज कराई है। जांच के अनुसार 3 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के घोटाले की बात कही गई है। ED ने अपनी जांच में पाया कि तत्कालीन भूपेश सरकार के कार्यकाल में IAS अफसर अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के एमडी AP त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर के सिंडिकेट के जरिए घोटाले को अंजाम दिया गया था।
सिंडिकेट बनाने वाले कारोबारी अनवर ढेबर को 90 करोड़ से ज्यादा मिले। अनवर ढेबर ने इन पैसों को रिश्तेदारों और CA के नाम कई कंपनियों में इन्वेस्ट किया। EOW की जांच में इस बात का खुलासा हुआ है।
