Liquer Scame: छत्तीसगढ़ के पूर्व आबकारी मंत्री लखमा को शराब घोटाले से बतौर कमिशन मिला 64 करोड़ रुपये, ACB ने स्पेशल कोर्ट में पेश किया अभियोग पत्र
Liquer Scame: छत्तीसगढ़ में कांग्रेस शासनकाल के दौरान दो हजार करोड़ रुपये के शराब घोटाले में संलिप्तता के आरोप में जेल में बंद पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा के खिलाफ एसीबी ने सोमवार को स्पेशल कोर्ट ने चाैथा अभियोग पत्र पेश किया है। इसमें कमिशनखोरी सहित अन्य आरोप लगाए गए हैं।

Liquer Scame: Liquer Scame: छत्तीसगढ़ के पूर्व आबकारी मंत्री लखमा को शराब घोटाले से बतौर कमिशन मिला 64 करोड़ रुपये: ACB ने स्पेशल कोर्ट में पेश किया अभियोग पत्ररायपुर। छत्तीसगढ़ में दो हजार करोड़ रुपये के शराब घोटाले में संलिप्तता के आरोप में जेल में बंद छत्तीसगढ़ के पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा के खिलाफ एसीबी ने सोमवार को स्पेशल कोर्ट के समक्ष चौथा अभियोग पत्र पेश किया है। पेश किए गए अभियोग पत्र में एसीबी ने बताया कि आबकारी मंत्री रहते कवासी लखमा ने घोटाले में अपनी अहम भूमिका निभाई है। इसी के चलते बतौर कमिशन 64 करोड़ रुपये मिला है। 18 करोड़ रुपये के अवैध धन राशि के निवेश व खर्च संबंधी दस्तावेजी साक्ष्य प्राप्त हुए हैं।
छत्तीसगढ़ राज्य में आबकारी घोटाला प्रकरण राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो रायपुर में चल रही जांच के बाद पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को एसीबी ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। एसीबी ने पूर्व मंत्री कवासी लखमा के विरूद्ध सोमवार को विशेष न्यायालय (भ्रष्टाचार निवारणअधिनियम) में लगभग 1200 पेज का अभियोग पत्र प्रस्तुत किया है।
आरोप पत्र में एसीबी ने बताया है कि कवासी लखमा वर्ष 2019 से 2023 के दौरान छत्तीसगढ़ सरकार में आबकारी मंत्री रहे। विवेचना पर साक्ष्यों और वित्तीय विश्लेषण से यह निर्विवाद रूप से सिद्ध हुआ है कि कवासी लखमा, जो एक उत्तरदायित्वपूर्ण संवैधानिक पद पर आसीन थे, उन्होंने न केवल अपने कर्तव्यों की घोर उपेक्षा की, बल्कि मंत्री पद की शक्तियों का उपयोग कर नीतिगत निर्णयों में हस्तक्षेप, अधिकारियों की पदस्थापना में प्रभाव, टेंडर प्रक्रियाओं में विकृति और नगद लेन-देन की एक समानांतर व्यवस्था स्थापित कर पूरे विभागीय तंत्र को भ्रष्टाचार के माध्यम से संचालित किया गया।
कवासी के संरक्षण में घोटाले को दिया अंजाम
एसीबी ने अपने आरोप पत्र में कहा है कि मंत्री के संरक्षण में विभागीय अधिकारियों, सहयोगियों और ठेकेदारों के माध्यम से सुनियोजित घोटाले को अंजाम दिया गया। कमिशन के रूप में अर्जित राशि को अपने व्यक्तिगत एवं पारिवारिक हितों के लिए उपयोग कर भारी मात्रा में असम्यक लाभ अर्जित किया गया। एसीबी ने स्पेशल कोर्ट को बताया कि अब तक की विवेचना में कवासी लखमा को 64 करोड रुपये आबकारी घोटाले के फलस्वरूप उनके हिस्से में प्राप्त होना प्रमाणित हुआ है। जिसमें 18 करोड़ रुपये के अवैध धन राशि के निवेश / खर्च संबंधी दस्तावेजी साक्ष्य प्राप्त हुए हैं।
अब तक तीन पूरक अभियोग पत्र किया था पेश
एसीबी ने पूर्व आबकारी मंत्री लखमा के खिलाफ स्पेशल कोर्ट में अब तक 03 पूरक अभियोग पत्र के साथ कुल 04 अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किये जा चुके है, तथा 13 आरोपियों को संबंधित प्रकरण में गिरफ्तार किया गया है। घोटाले की जांच अब भी जारी है।
कांग्रेस भवन को किया है सीज
एसीबी ने जांच के बाद कोंटा स्थित कांग्रेस कार्यालय को घोटाले के पैसे से बनाए जाने के आरोप में सीज कर दिया है। छत्तीसगढ़ में यह पहली बार हुआ जब जांच एजेंसी ने पार्टी कार्यालय को सीज किया है।
