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Liquer Scame: कारोबारी अनवर ढेबर को सुप्रीम कोर्ट से लगा झटका, जमानत याचिका को किया खारिज

Liquer Scam: दिल्ली। छत्तीसगढ़ में दो हजार करोड़ से अधिक के शराब घोटाले के मुख्य आरोपी कारोबारी अनवर ढेबर की जमानत याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। जमानत खारिज करने के साथ ही कोर्ट ने जमानत देने से इंकार कर दिया है। ईओडब्ल्यू ने हाल ही में शराब घोटाले में संलिप्तता के आरोप में 22 आबकारी अधिकारियों के खिलाफ स्पेशल कोर्ट में चार्जशीट पेश किया है। चार्जशीट के बाद राज्य शासन ने सभी दागी आबकारी अधिकारियों को निलंबित कर दिया है।

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By Radhakishan Sharma

Liquer Scame: दिल्ली। छत्तीसगढ़ में दो हजार करोड़ से अधिक के शराब घोटाले के मुख्य आरोपी कारोबारी अनवर ढेबर की जमानत याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। जमानत खारिज करने के साथ ही कोर्ट ने जमानत देने से इंकार कर दिया है। ईओडब्ल्यू ने हाल ही में शराब घोटाले में संलिप्तता के आरोप में 22 आबकारी अधिकारियों के खिलाफ स्पेशल कोर्ट में चार्जशीट पेश किया है। चार्जशीट के बाद राज्य शासन ने सभी दागी आबकारी अधिकारियों को निलंबित कर दिया है।

छत्तीसगढ़ में दो हजार करोड़ से अधिक के शराब घोटाले में संगठित आरोप के सरगना व कारोबारी अनवर ढेबर की मुश्किलें लगातार बढ़ती ही जा रही है। ईओडब्ल्यू ने स्पेशल कोर्ट में शराब घोटाले में संलिप्तता के आरोप में 23 आबकारी अधिकारियों के खिलाफ चार्जशीट पेश करने के साथ ही शराब घोटाले से 86 करोड़ रुपये बतौर कमीशन अर्जित करने का आरोप लगाया है। आबकारी अधिकारियों पर आराेप है कि ये सभी शराब घोटाले के सिंडिकेट के साथ पूरे समय शामिल रहे और उनके इशारे पर घोटाले को अंजाम देते रहे हैं।

पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा, उनके पुत्र यश टुटेजा, राज्य सेवा संवर्ग की अधिकारी सौम्या चौरसिया के खिलाफ आयकर विभाग ने दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में याचिका दायर की थी। इसमें छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले,रिश्वतखोरी और कमीशनखोरी से बेहिसाब संपत्ति अर्जित करने का आरोप लगाया था। इसी याचिका के आधार पर ईडी ने जांच के बाद PMLA एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था। आयकर विभाग से मिले दस्तोवजों के आधार पर मनी लांड्रिंग का मामला दर्ज कर जांच पड़ताल शुरू की है।

11 मई, 2022 को याचिका दायर की थी, जिसमें कहा गया कि छत्तीसगढ़ में रिश्वत, अवैध दलाली के बेहिसाब पैसे का खेल चल रहा है. इसमें रायपुर महापौर रहे एजाज ढेबर का भाई अनवर ढेबर अवैध वसूली करता है. दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में दायर याचिका के आधार पर ED ने 18 नवंबर, 2022 को PMLA एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था. आयकर विभाग से मिले दस्तावेजों के आधार पर ED ने जांच के बाद 2161 करोड़ के शराब घोटाले की बात का जिक्र कोर्ट में पेश चार्जशीट में किया था.

ED ने कोर्ट में पेश चार्जशीट में बताया है कि सिंडिकेट के जरिए कारोबारी अनवर ढेबर ने शराब घोटाले को अंजाम दिया है।

2017 में आबकारी नीति में संशोधन कर CSMCL के ज़रिए शराब बेचने का नियम बना दिया। अनवर ढेबर ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए अरुणपति त्रिपाठी को CSMCL का MD नियुक्त करा दिया। सिंडिकेट बनाकर घोटाले को अंजाम देते रहे और सरकारी खजाने को जमकर नुकसान पहुंचाया है।

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