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Kanker News: धर्मांतरित युवक के अंतिम संस्कार को लेकर बवाल: ग्रामीणों ने किया विरोध, थाने के बाहर शव छोड़कर चले गए परिजन

Shav Dafnane Ko Lekar Bawal: कांकेर: छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के एक गांव में उस वक्त बवाल मच गया, जब ग्रामीणों ने मसीही समाज के एक युवक की मौत के बाद उसके शव को गांव में दफनाने नहीं दिया। जिसके बाद मसीही समाज ने शव दफनाने की अनुमती की मांग को लेकर थाने का घेराव कर दिया।

Kanker News: धर्मांतरित युवक के अंतिम संस्कार को लेकर बवाल: ग्रामीणों ने किया विरोध, थाने के बाहर शव छोड़कर चले गए परिजन
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Kanker News

By Chitrsen Sahu

Shav Dafnane Ko Lekar Bawal: कांकेर: छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के एक गांव में उस वक्त बवाल मच गया, जब ग्रामीणों ने मसीही समाज के एक युवक की मौत के बाद उसके शव को गांव में दफनाने नहीं दिया। जिसके बाद मसीही समाज ने शव दफनाने की अनुमती की मांग को लेकर थाने का घेराव कर दिया।

शव को थाने के बाहर छोड़कर चले गए परिजन

यह पूरा मामला कोडेकुर्से थाना क्षेत्र के कोडेकुर्से गांव का है। यहां मसीही समाज के एक युवक की मौत के बाद उसके शव को दफनाने की तैयारी की जा रही थी, जिसका गांव के ग्रामीणों ने जमकर विरोध किया। शव को दफनाने के लिए जब जगह नहीं मिली तो मसीही समाज और परिवार के लोग थाने पहुंच गए और शव दफनाने की अनुमती की मांग करते हुए शव को वहीं छोड़ गए। ऐसे में युवक का शव तीन दिनों तक मॉर्चुरी में रखा रहा अब उसका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

ग्रामीणों ने गांव की जमीन पर शव दफनाने का किया विरोध

दरअसल, कोडेकुर्से गांव में रहने वाले मनीष निषाद के परिजनों ने हिन्दू धर्म छोड़कर ईसाई धर्म अपना लिया था। मंगलवार को रायपुर में मनीष निषाद की मौत हो गई थी। इसके बाद उसके परिजन शव को लेकर गांव पहुंचे और शव को अपने निजी जमीन में दफनाने की तैयारी थी। लेकिन गांव वालों ने गांव की जमीन पर शव को दफनाने से साफ मना कर दिया।

चारामा मसीही कब्रिस्तान में होगा अंतिम संस्कार

शव दफनाने से मना करने के बाद मसीही समाज के लोग थाने पहुंच गए और शव दफनाने की अनुमती की मांग को लेकर जमकर हंगामा किया। और शव को थाने के बाहर ही छोड़कर चले गए, जिसके बाद पुलिस ने शव को मॉर्चुरी भिजवा दिया। गुरुवार को मसीही समाज ने फिर थाने पहुंचर हंगामा किया। जिसके बाद प्रशासन ने परिजनों और मसीही समाज को समझाया कि अंतिम संस्कार चारामा मसीही कब्रिस्तान में कराया जाए, आखिरकार परिजन और मसीही समाज प्रशासन की इस पहल से सहमत हो गए।

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