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जशपुर की बदल रही तस्वीर, विष्णुदेव साय के मुख्यमंत्री बनते ही जिले का हो रहा तेजी से विकास...

विष्णुदेव के मुख्यमंत्री बनते ही पूरे प्रदेश में तेजी से विकास हो रहा है। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में विकासकार्यो की स्वीकृति मिलने और जमीनी स्तर पर लागू करने की प्रक्रिया में तेजी आई है

जशपुर की बदल रही तस्वीर, विष्णुदेव साय के मुख्यमंत्री बनते ही जिले का हो रहा तेजी से विकास...
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By Sandeep Kumar

रायपुर। विष्णुदेव के मुख्यमंत्री बनते ही पूरे प्रदेश में तेजी से विकास हो रहा है। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में विकासकार्यो की स्वीकृति मिलने और जमीनी स्तर पर लागू करने की प्रक्रिया में तेजी आई है। प्रदेश के साथ ही अब जशपुर में भी तेजी से विकास हो रहा है।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कुनकुरी के सलियाटोली में आयोजित अटल सुशासन समारोह के अवसर पर जशपुर जिले में राजस्व से संबंधित जानकारी उपलब्ध कराने हेतु राजस्व परामर्श केंद्र का शुभारंभ किया था।

इसी तारतम्य में जिले में राजस्व सम्बंधित कार्याे को आसान बनाने के लिए समस्त तहसीलों में राजस्व परामर्श केंद्र की स्थापना की गयी है। इन केंद्रों के माध्यम से महीने के पहले सोमवार को आम जनता अपने राजस्व सम्बन्धित कार्यों जैसे नामान्तरण, बंटवारा, सीमांकन, जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र इत्यादि के लिए आसानी से जानकारी प्राप्त कर रहे है। कई बार आम जनता को अपने राजस्व सम्बंधित कार्य कराने के पूर्व प्रक्रियाओं कि जानकारी नहीं होने के कारण फौती नामान्तरण, बंटवारा आदि के लिए समस्याएं होती थी। अब सम्बंधित क्षेत्र के एसडीएम, तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार के द्वारा इन परामर्श केन्द्र के माध्यम से सीधे जानकारी प्राप्त की जा सकती है।

राजस्व विभाग से मिली जानकारी के अनुसार अब तक 148 लोगों के द्वारा तहसीलों में स्थापित राजस्व परामर्श केन्द्रों से लाभ लिया जा चुका है। उपस्थित हितग्राहियों द्वारा बताया गया कि इस प्रकार के सुविधा की उन्हें नितांत आवश्यकता थी, अब वे आसानी से अपनी समस्याओं के निराकरण के प्रक्रियाओं की जानकारी इन केंद्रों के माध्यम से प्राप्त कर पाएंगे। इन परामर्श केन्द्रों के अतिरिक्त आम जनता के लिए राजस्व मितान टोल फ्री नंबर 07763-299077 में कॉल करके भी अपनी राजस्व सम्बंधित जानकारी प्राप्त कर सकते है।

बच्चों के लिए पालना केंद्र शुरू

कलेक्टर रोहित व्यास के मार्गदर्शन में महिला बाल विकास विभाग द्वारा जिले के जशपुर परियोजना के अंतर्गत नन्हे मुन्ने बच्चों के लिए पालन केंद्र खोला गया है।उद्देश्य महिला बाल विकास विभाग के तहत बच्चों का पालन केन्द्र (Child Care Centre) एक ऐसी संस्था होती है जो विशेष रूप से बच्चों के विकास, देखभाल और संरक्षण के लिए कार्य करती है। इन केन्द्रों का उद्देश्य बच्चों की शारीरिक, मानसिक, और भावनात्मक देखभाल करना है। यह केन्द्र विशेष रूप से उन बच्चों के लिए होते हैं जिनके माता-पिता या अभिभावक किसी कारणवश बच्चों की देखभाल नहीं कर पा रहे होते, या जिन्हें सामाजिक सुरक्षा की आवश्यकता होती है।

बाल देखभाल केन्द्र में बच्चों को सुरक्षित वातावरण में पालन-पोषण, शिक्षा और खेलकूद जैसी गतिविधियाँ प्रदान की जाती हैं, ताकि वे स्वस्थ और खुशहाल तरीके से बढ़ सकें। ये केन्द्र बच्चों के लिए एक संरक्षित स्थान होते हैं, जहां उनका शारीरिक और मानसिक विकास सुनिश्चित किया जाता है।

जिले की कलाश्री स्व-सहायता समूह की दीदियों को अन्य राज्य से भी मिल रहा आर्डर

भारत सरकार, आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय, नई दिल्ली एवं छ०ग० शासन के संयुक्त कार्यक्रम डे-एनयूएलएम योजना एवं मिशन क्लीन सिटी योजना के अभिसरण के तहत कलेक्टर रोहित व्यास के मार्गदर्शन और मुख्य नगरपालिका अधिकारी, योगेश्वर उपाध्याय के दिशा निर्देश में नगर पालिका परिषद क्षेत्रांतर्गत डॉ. बाला साहेब देशपांडे पार्क जशपुरनगर में डे-एनयूएलएम योजना अंतर्गत कला स्व-सहायता का गठन किया गया। यह समूह शहर को कचरामुक्त करने एवं लोगों को जागरूक करने में जुटा हुआ है। समुदाय के साथ मिलकर किस तरह से सूखा कचरा को रियूज और रिसाईकल करके उपयोगी सामग्री तैयार करते है। शहर में बाला साहेब देशपाण्डे पार्क में सौन्दर्गीकरण का कार्य करने का अवसर मिला, जिसके तहत् समूह सदस्यो ने मिलकर कार एवं स्कूटी के 150 नग पुराने टायरों से विन्निन आकृति जैसे मछली, सांप, कमल, कुर्सी-टेबल एवं पानी के बड़े जार से मधुमक्खी, ऊल्लू, चिड़िया तथा अनुपयोगी प्लास्टिक व कॉच के बॉटलों से सेल्फी जोन, फूल, सूरज, टेबल छतरी इत्यादि बनाया गया। स्व-सहायता समूह की महिलाओं द्वारा पार्क में वेस्ट से बेस्ट की विभिन्न आकृतियों व मॉडल्स तैयार किये गये है। इससे समूह को अच्छी आमदनी भी हो रही है दीदीयों ने अब तक लगभग 3 लाख तक की आमदनी प्राप्त कर ली है।

शहर के आवासीय घरों एवं डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण में एकत्र अनुपयोगी सामग्री जैसे- खाली बॉटल, ड्रम, पुराने पाईप, ढक्कन, पानी का जार व बीयर बोतल से आकर्षक मॉडल्स तैयार किये गये है। स्व-सहायता समूह में कुल 14 सदस्य है, समूह का बैंक खाता भारतीय स्टेट बैंक, जशपुर नगर में है, जिसमे सभी सदस्य 200 रू. प्रतिमाह मासिक बचत जमा कर समूह का सफल संचालन कर रही है।

सुलोचना सिंह समूह की अध्यक्ष ने यह बताया कि अनुपयोगी सामग्री से उपयोगी सामग्री तैयार करने की रूची मेरा बचपन से ही शौक था। शहर में कल्याण आश्रम, गढ़ कलेवा व सेहत कैफे में अनेकों वस्तुएँ बनाई गई है। वेस्ट बॉटल को रियूज करके पेन होल्डर, प्लान्टर, हँगिंग लैम्प, ड्रीम कैचर, फ्लावर पोट, वेस्ट कपड़े से डोरमेट, बैग, थैला, ज्वैलरी इत्यादि अनेको वस्तुएँ हमारे समूह द्वारा तैयार की जाती है।

इस प्रकार के उपयोगी सामग्री की मांग छ०ग० के अन्य जिलों अथवा सीमावर्ती राज्य झारखण्ड से आर्डर मिल रहे है। समूह की महिलाओं द्वारा मिलकर उपरोक्त सामग्री तैयार करके समय पर पूरा करने का कार्य कर रही है। शासन की उक्त योजना से जुड़कर हम सभी समूह की महिलाएँ शहर को सूखा कचरा मुक्त करने के साथ ही शहर का सौन्दर्गीकरण में अपना योगदान देने के साथ ही अपना पहचान बनाने की शुरूआत निरंतर जारी है। इस काम से स्व-सहायता समूह को अच्छा लाभ मिल रहा है।

गांव में हर घर को मिल रहा है शुद्ध पानी

जल जीवन मिशन के अंतर्गत जशपुर जिले के बगीचा विकासखंड की ग्राम पंचायत रूपसेरा के अंतर्गत आने वाले ग्राम रेवरे में ’हर घर जल’ का सपना साकार हो चुका है। गांव में एकल ग्राम नल-जल योजना और सोलर आधारित नल-जल योजना का सफलतापूर्वक क्रियान्वयन हुआ है।

गांव में पानी के वितरण के लिए दो उच्चस्तरीय जलागार स्ट्रक्चर लगाए गए हैं, जिनकी कुल भंडारण क्षमता 20,000 लीटर है। इसके माध्यम से 75 सक्रिय घरेलू नल कनेक्शन (एफएचटीसी) द्वारा प्रत्येक घर में शुद्ध पानी उपलब्ध कराया जा रहा है। जिला जल एवं स्वच्छता मिशन के कार्यपालन अभियंता ने बताया कि जल जीवन मिशन के आने से पूर्व यहां के ग्रामीण पानी की आवश्यकता के लिए हैण्डपंप एवं कुंओं पर आश्रित रहते थे।

खासकर महिलाओं को पानी लाने में अत्यधिक मेहनत करनी पड़ती थी। लेकिन अब इस समस्या का समाधान हो गया है। योजना से पूर्व ग्रामीणों को शुद्ध पानी उपलब्ध नहीं होने की वजह कई बार बीमारियों का सामना करना पड़ता था। अब न केवल पानी की गुणवत्ता सुनिश्चित की जा रही है, बल्कि इसके चलते स्वास्थ्य समस्याओं में भी कमी आई है।


Sandeep Kumar

संदीप कुमार कडुकार: रायपुर के छत्तीसगढ़ कॉलेज से बीकॉम और पंडित रवि शंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी से MA पॉलिटिकल साइंस में पीजी करने के बाद पत्रकारिता को पेशा बनाया। मूलतः रायपुर के रहने वाले हैं। पिछले 10 सालों से विभिन्न रीजनल चैनल में काम करने के बाद पिछले सात सालों से NPG.NEWS में रिपोर्टिंग कर रहे हैं।

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