Jashpur Accident : काल बनकर खड़ा था ट्रेलर, एक ही गांव के 5 दोस्तों को रौंद डाला; कार के उड़े परखच्चे
Jashpur Accident : शनिवार की देर रात छत्तीसगढ़ का जशपुर जिला एक गहरे सदमे में डूब गया। राष्ट्रीय राजमार्ग-43 (NH-43) पर स्थित पतराटोली के पास हुई एक भीषण सड़क दुर्घटना ने एक ही गांव के पाँच दोस्तों को हमेशा के लिए छीन लिया।

Jashpur Accident : काल बनकर खड़ा था ट्रेलर, एक ही गांव के 5 दोस्तों को रौंद डाला; कार के उड़े परखच्चे
Jashpur Accident : जशपुर, छत्तीसगढ़। शनिवार की देर रात छत्तीसगढ़ का जशपुर जिला एक गहरे सदमे में डूब गया। राष्ट्रीय राजमार्ग-43 (NH-43) पर स्थित पतराटोली के पास हुई एक भीषण सड़क दुर्घटना ने एक ही गांव के पाँच दोस्तों को हमेशा के लिए छीन लिया। यह भयावह हादसा दुलदुला थाना क्षेत्र में तब हुआ जब एक तेज रफ्तार कार सड़क किनारे लावारिस की तरह खड़े एक भारी ट्रेलर से जा टकराई।
Jashpur Accident : प्रत्यक्षदर्शियों और पुलिस के मुताबिक, टक्कर की भयावहता इतनी अधिक थी कि इसे सुनकर इलाके के लोग भी दहशत में आ गए। कार, जो कुनकुरी से जशपुर की ओर आ रही थी, लोहे के पहाड़ जैसे खड़े ट्रेलर से टकराने के बाद पूरी तरह से चकनाचूर हो गई और लोहे के मलबे में बदल गई। इस टक्कर का प्रभाव इतना विनाशकारी था कि कार में सवार सभी पाँच लोगों को संभलने या बचाव का कोई मौका नहीं मिला और उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
चराईडांड़ गांव में मातम
मृतकों की पहचान जशपुर जिले के चराईडांड़ इलाके के निवासियों के रूप में हुई है। पाँच दोस्तों का एक साथ इस तरह असमय दुनिया से चले जाना गांव में मातम की लहर ले आया है। परिजनों को इस दर्दनाक खबर की जानकारी मिलते ही उनके घर में कोहराम मच गया। यह दुर्घटना केवल एक आंकड़ा नहीं, बल्कि पाँच परिवारों का जीवन भर का दर्द बन गई है।
दुलदुला थाना प्रभारी के.के. साहू ने इस हृदय विदारक हादसे की पुष्टि की है। हादसे की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस और बचाव दल तुरंत मौके पर पहुंचा। कार के मलबे में बुरी तरह फंसे शवों को निकालने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी। सभी शवों को निकालकर पोस्टमार्टम के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र दुलदुला भेजा गया है, जहाँ कानूनी प्रक्रियाएं पूरी की जा रही हैं।
सुरक्षा पर गंभीर सवाल
यह दुर्घटना एक बार फिर राष्ट्रीय राजमार्गों पर सड़क सुरक्षा के गंभीर सवालों को उठाती है। रात के अंधेरे में बिना पर्याप्त सुरक्षा संकेतकों या पार्किंग लाइटों के सड़क किनारे खड़े रहने वाले ये भारी वाहन अक्सर अदृश्य खतरे बन जाते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर ट्रेलर को सुरक्षित स्थान पर पार्क किया गया होता या चेतावनी संकेत दिए गए होते, तो शायद इन पाँच जिंदगियों को बचाया जा सकता था। पुलिस मामले की जांच कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि ट्रेलर को खतरनाक तरीके से क्यों पार्क किया गया था। इस दुर्घटना ने इलाके के लोगों को स्तब्ध कर दिया है और हाईवे पर सुरक्षित यातायात सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कार्रवाई की मांग तेज हो गई है।
