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जहां गूंजती थी गोलियों के आवाजें, उस बस्तर के गांवों में गूंजा लोकतंत्र का स्वर, विष्णुदेव सरकार के प्रयासों से सामान्य होता जनजीवन

बस्तर में पिछले कई दशकों से माओवादियों का एकछत्र राज्य था। वहां चुनाव कराना सरकार के लिए टेढ़ा काम होता था। मगर इस बार पंचायत चुनाव में बस्तर में कोई अनहोनी नहीं हुइ।

जहां गूंजती थी गोलियों के आवाजें, उस बस्तर के गांवों में गूंजा लोकतंत्र का स्वर, विष्णुदेव सरकार के प्रयासों से सामान्य होता जनजीवन
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By Sandeep Kumar

रायपुर। छत्तीसगढ़ में त्रि-स्तरीय पंचायत निर्वाचन के साथ ही लोकतंत्र ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। बस्तर संभाग, जो दशकों तक नक्सलवाद के साए में रहा, अब लोकतंत्र के उजाले की ओर बढ़ रहा है। सुकमा और बीजापुर जिले के अनेक मतदान केंद्रों पर पहली बार अनेक दशकों के बाद ग्रामीण पंचायत चुनाव में मतदान कर रहे हैं। बस्तर में जनता ने विकास का मार्ग चुना है और हिंसा को बाहर का रास्ता दिखाया है। ये परिवर्तन राज्य और केंद्र सरकार की दृढ़ इच्छाशक्ति, सतत विकास कार्यों और सुदृढ़ सुरक्षा व्यवस्था का परिणाम है।

ये केवल एक चुनाव नहीं, बल्कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में लोकतंत्र के प्रति बढ़ते विश्वास और भयमुक्त समाज की दिशा में बढ़ते कदमों का प्रमाण है। बस्तर में पंचायत चुनावों का नक्सलियों द्वारा कोई विरोध नहीं किया जाना क्षेत्र में 40 से अधिक नवीन सुरक्षा कैंपों की स्थापना और सरकार द्वारा ग्रामीणों में विश्वास बहाल करने की रणनीति का परिणाम है। उल्लेखनीय है कि बस्तर में नक्सली कमांडर हिड़मा के गांव पूवर्ती में भी इस बार ग्रामीण मतदान के लिए उत्साहित हैं। यह एक ऐतिहासिक बदलाव है और लोकतांत्रिक मूल्यों की जीत को दर्शाता है। राज्य में मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी, दंतेवाड़ा और गरियाबंद जिलों में भी मतदान को लेकर जबरदस्त उत्साह देखा गया। बीजापुर के पुसनार, गंगालूर, चेरपाल, रेड्डी, पालनार जैसे क्षेत्रों में ग्रामीणों ने निर्भीक होकर मतदान किया।

बस्तर में लोकतंत्र की मजबूत जड़ेंः विष्णु देव साय

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि बस्तर में नक्सलवाद के खात्मे की प्रक्रिया अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के संकल्प के अनुरूप मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ को नक्सलवाद से मुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। राज्य सरकार बस्तर के नागरिकों को विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और बुनियादी सुविधाओं से जोड़ने के लिए संकल्पित है। बस्तर में सड़कें, पुल, स्कूल, अस्पताल और रोजगार परियोजनाओं को प्राथमिकता दी जा रही है, जिससे ग्रामीणों का शासन और लोकतंत्र पर विश्वास बढ़ा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्तर में गनतंत्र के ऊपर गणतंत्र की विजय हो रही है। यह उन सभी ग्रामीणों की जीत है, जिन्होंने भय को त्यागकर लोकतंत्र को अपनाया। यह सुरक्षाबलों के परिश्रम, सरकार की दूरदृष्टि और जनभागीदारी का प्रतिफल है। लोकतंत्र की इस जीत में प्रत्येक नागरिक की भागीदारी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में भी मतदान प्रक्रिया का सफल और शांतिपूर्ण आयोजन यह साबित करता है कि लोकतंत्र के प्रति आमजन की आस्था दिनों-दिन मजबूत हो रही है। लोकतंत्र की इस सफलता में हर नागरिक की भागीदारी महत्वपूर्ण है, और राज्य के मतदाताओं ने यह दिखा दिया कि वे अपने अधिकारों और जिम्मेदारियों के प्रति पूरी तरह जागरूक हैं।

नक्सल प्रभावित इलाकों में रोशनी की नई किरण

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने मंत्रालय महानदी भवन में ऊर्जा विभाग की विस्तृत समीक्षा बैठक में प्रदेश में निरंतर और निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने, सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने और नवीन तकनीकों के माध्यम से बिजली व्यय को नियंत्रित करने के लिए ठोस कदम उठाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देकर, नवीनतम तकनीकों का उपयोग कर और उपभोक्ताओं को अधिक सुविधाएं देकर हम राज्य को ऊर्जा आत्मनिर्भर बनाएंगे। साथ ही, ग्रामीण व शहरी विद्युतीकरण के कार्यों को तेजी से आगे बढ़ाते हुए हर घर तक बिजली पहुंचाने का लक्ष्य पूरा करेंगे। उन्होंने नियद नेल्लानार योजना के तहत नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में हुए व्यापक विद्युतीकरण की सराहना की। उन्होंने कहा कि नक्सल प्रभावित सभी गाँवों को विद्युत सुविधा से जोड़ना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। इससे ग्रामीणों को विकास की मुख्यधारा में शामिल करने और उनके जीवन स्तर को सुधारने में मदद मिलेगी।

सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि विद्युत सुविधाओं से वंचित शेष क्षेत्रों को जल्द से जल्द रोशन किया जाए। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बिजली बिल के बकाया भुगतान को लेकर उपभोक्ताओं को विशेष राहत देने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि बिजली बिल का समय पर भुगतान न होने से सरकार को राजस्व हानि होती है, वहीं उपभोक्ताओं को भी असुविधा का सामना करना पड़ता है। इसलिए बकाया बिल के एकमुश्त भुगतान की विशेष सुविधा दी जानी चाहिए, जिससे उपभोक्ताओं को राहत मिले और सरकार के राजस्व में भी वृद्धि हो। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि उपभोक्ताओं को मोबाइल मैसेज और लिंक के माध्यम से उनके बिजली बिल की जानकारी उपलब्ध कराई जाए, ताकि वे आसानी से ऑनलाइन भुगतान कर सकें।

ऊर्जा क्षेत्र में तकनीकी नवाचार को मिलेगा प्रोत्साहन

ग्रामीण और शहरी विद्युतीकरण से जुड़ी राज्य एवं केंद्र सरकार की योजनाओं की गहन समीक्षा राज्य सरकार ने कहा है कि ऊर्जा क्षेत्र में आधुनिक तकनीकों के उपयोग से न केवल बिजली की बचत होगी, बल्कि उपभोक्ताओं को भी अधिक सुविधाएं मिलेंगी। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बिजली आपूर्ति की गुणवत्ता सुधारने, ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन लॉस को कम करने, तथा तकनीकी और वाणिज्यिक हानियों को रोकने के लिए ठोस रणनीति विकसित करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने सौर ऊर्जा के उपयोग को अधिकतम करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में सौर ऊर्जा उत्पादन की अपार संभावनाएं हैं, जिसे घरेलू, वाणिज्यिक और औद्योगिक स्तर पर अपनाने के लिए नई योजनाएं प्रभावी ढंग से लागू की जानी चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि राज्य में सौर ऊर्जा परियोजनाओं को प्राथमिकता दी जाए और अधिक से अधिक लोगों को इससे जोड़कर ऊर्जा आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ा जाए।

60 दिन में 67 हार्डकोर नक्सलियों का सफाया

छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खात्मे की लड़ाई निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुकी है। सुरक्षाबलों को एक और बड़ी सफलता मिली है, जहां सुकमा जिले में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में दो नक्सली ढेर हो गए। वहीं, बस्तर रेंज में बीते 60 दिनों के भीतर 67 हार्डकोर नक्सली मारे गए हैं। छत्तीसगढ़ में जब से डबल इंजन की सरकार बनी है, नक्सलवाद के खात्मे के लिए चलाए जा रहे अभियान को नई गति और दिशा मिली है। यह लड़ाई अब अपने निर्णायक चरण में है। भाजपा की मौजूदा सरकार के 13 महीनों में छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के विरुद्ध सख्त कार्रवाई के तहत 300 से अधिक नक्सली मारे गए, 985 से अधिक नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया और 1177 नक्सली गिरफ्तार किए गए हैं।

छत्तीसगढ़ प्रवास पर पहुंचे केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से रायपुर में मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं ने छत्तीसगढ़ में शांति, सुशासन और विकास को लेकर चल रही पहल पर चर्चा की। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का संकल्प है कि 31 मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ से नक्सलवाद का संपूर्ण रूप से अंत किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार और सुरक्षाबलों की संयुक्त रणनीति से नक्सलवाद पर निर्णायक प्रहार किया जा रहा है। यह अभियान तब तक जारी रहेगा जब तक नक्सलवाद की समस्या पूरी तरह समाप्त नहीं हो जाती।

985 आत्मसमर्पण, 1177 गिरफ्तार

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार ने नक्सल उन्मूलन के प्रयासों में ऐतिहासिक सफलता प्राप्त की है। सरकार द्वारा लागू की गई प्रभावी नीतियों और विकासोन्मुखी दृष्टिकोण ने राज्य में स्थायी शांति और सुरक्षा का माहौल बनाया है। डबल इंजन की सरकार के नेतृत्व में प्रदेश में बीते 13 महीनों में 305 नक्सली मारे जा चुके हैं, 1177 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया है और 985 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। यह आंकड़े न केवल सरकार की प्रतिबद्धता और कुशल रणनीति को दर्शाते हैं, बल्कि यह भी प्रमाणित करते हैं कि छत्तीसगढ़ नक्सल हिंसा से मुक्त होकर शांति और विकास की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। नक्सल समस्या केवल सुरक्षा बलों की कार्रवाई तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक सामाजिक और विकासात्मक चुनौती भी है।

सरकार ने इस समस्या को एक समग्र दृष्टिकोण से हल करने का प्रयास किया है। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के लिए पुनर्वास योजनाएं तैयार की गई हैं, जिनमें उन्हें रोजगार, आर्थिक सहायता और समाज की मुख्यधारा में वापस लौटने के अवसर प्रदान किए जा रहे हैं। यह पुनर्वास नीतियां न केवल उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास कर रही हैं, बल्कि समाज में भी शांति और विश्वास का माहौल बना रही हैं। 1177 नक्सलियों की गिरफ्तारी राज्य सरकार की मजबूत सुरक्षा नीति का परिणाम है। राज्य सरकार ने सुरक्षा बलों को अत्याधुनिक उपकरण, उन्नत प्रशिक्षण और बेहतर समन्वय से लैस किया है। यह सुनिश्चित किया गया है कि नक्सल संगठनों की गतिविधियों को जड़ से खत्म किया जा सके। गिरफ्तार किए गए नक्सलियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जा रही है, जिससे राज्य में न्याय और कानून व्यवस्था मजबूत हो सके।

बुनियादी ढांचे के विकास पर विशेष ध्यान

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि उनकी सरकार की प्राथमिकता न केवल नक्सलियों को हथियार डालने के लिए प्रेरित करना है, बल्कि यह सुनिश्चित करना भी है कि वे समाज में पुनः जुड़कर सम्मानजनक जीवन जी सकें। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के पुनर्वास के लिए विशेष योजनाएं बनाई गई हैं, जिनके तहत उन्हें रोजगार और व्यावसायिक प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके अलावा, नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास पर भी विशेष ध्यान दिया गया है। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सड़क, बिजली, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसी बुनियादी सुविधाओं का तेजी से विस्तार किया है। इन क्षेत्रों में विकास कार्यों ने न केवल स्थानीय जनजातीय समुदायों का विश्वास बढ़ाया है, बल्कि युवाओं को हिंसा का रास्ता छोड़कर समाज की मुख्यधारा में शामिल होने के लिए भी प्रेरित किया है।

इन विकास कार्यों का असर यह हुआ है कि अब नक्सल प्रभावित क्षेत्र धीरे-धीरे शांति और समृद्धि की ओर बढ़ रहे हैं। राज्य सरकार ने नक्सल समस्या को सुलझाने में अधिक प्रभावी और दूरगामी दृष्टिकोण अपनाया है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार छत्तीसगढ़ को न केवल नक्सल मुक्त बनाना चाहती है, बल्कि इसे शांति और विकास का प्रतीक राज्य भी बनाना चाहती है। नक्सल उन्मूलन के लिए सरकार की दीर्घकालिक योजनाओं में औद्योगिक निवेश को प्रोत्साहित करना, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार करना और युवाओं के लिए कौशल विकास के अवसर बढ़ाना शामिल है। सीएम साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ अब निर्णायक मोड़ पर है। नक्सलवाद की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है, और अब प्रदेश में केवल विकास, शांति और सुरक्षा का वातावरण स्थापित होगा। हम 31 मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ को नक्सलवाद से पूर्णतः मुक्त कर देंगे। यह केवल एक घोषणा नहीं, बल्कि सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता और प्रदेश के हर नागरिक से किया गया वादा है। उन्होंने कहा कि नक्सलियों के विरुद्ध सुरक्षाबलों की सफलता और सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन से अब बस्तर में सुरक्षित और समृद्ध भविष्य की दस्तक सुनाई दे रही है।

नेशनल डिफेंस कॉलेज के अफसरों का दौरा

नेशनल डिफेंस कॉलेज से आए 18 सैन्य और सिविल सर्विस के अधिकारियों के दल ने छत्तीसगढ़ भ्रमण किया। नेशनल डिफेंस कॉलेज के अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि उन्होंने अपने प्रवास के दौरान आईआईएम रायपुर, इंटीग्रेटेड कमांड कंट्रोल सेंटर, ग्रीन फील्ड सिटी और स्मार्ट सिटी परियोजनाओं का अवलोकन किया। इसके अलावा उन्होंने मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक से कानून व्यवस्था और नक्सल उन्मूलन अभियान के संबंध में चर्चा की। अधिकारियों ने सिरपुर, एजुकेशन सिटी दंतेवाड़ा, कांकेर वुड आर्ट सेंटर, जंगल वारफेयर कॉलेज, कोंडागांव के टाटामारी और शिल्पग्राम, बादल एकेडमी और चित्रकोट जलप्रपात का भ्रमण किया। दल का नेतृत्व कर रहे एडमिरल संदीप सिंह संधु ने बताया कि नेशनल डिफेंस कॉलेज के द्वारा प्रति वर्ष एक वर्षीय कोर्स संचालित किया जाता है, जिसमें सेना, सिविल सेवा और अंतरराष्ट्रीय रक्षा अधिकारियों को रणनीतिक विषयों पर प्रशिक्षित किया जाता है। इस वर्ष 124 अधिकारी इस कोर्स में शामिल हैं, जिनमें 13 भारतीय और 5 अन्य देशों के अधिकारी छत्तीसगढ़ के सांस्कृतिक एवं प्रशासनिक ढांचे को समझने के लिए भ्रमण पर आए है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सभी अधिकारियों का आत्मीय स्वागत करते हुए प्रदेश की भौगोलिक विशेषताओं, सांस्कृतिक धरोहर और विकास यात्रा पर विस्तार से चर्चा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ का सौंदर्य अनुपम है। आपने जो यात्रा की है, वह सिर्फ प्राकृतिक दृश्यों का अनुभव नहीं, बल्कि एक जीवंत संस्कृति और इतिहास से जुड़ा हुआ सफर भी है। यह अनुभव सदैव आपकी स्मृतियों में अंकित रहेगा। मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ में नक्सल उन्मूलन को लेकर किए जा रहे प्रयासों पर विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि नक्सल उन्मूलन की दिशा में छत्तीसगढ़ ने उल्लेखनीय सफलता प्राप्त की है। हम न केवल सुरक्षा दृष्टिकोण से बल्कि शिक्षा, बुनियादी ढांचे और आर्थिक अवसरों के माध्यम से भी इस समस्या का समाधान कर रहे हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि छत्तीसगढ़ में हमने औद्योगिक और शहरी विकास के साथ-साथ ग्रामीण एवं आदिवासी समुदायों के उत्थान पर भी समान रूप से ध्यान दिया है। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि हमारी सरकार का प्रयास है कि छत्तीसगढ़ आत्मनिर्भरता, नवाचार और उत्कृष्ट शासन प्रणाली का उदाहरण बने। आपका यह भ्रमण हमारे प्रयासों को एक राष्ट्रीय और वैश्विक दृष्टिकोण से देखने का अवसर प्रदान करता है।

Sandeep Kumar

संदीप कुमार कडुकार: रायपुर के छत्तीसगढ़ कॉलेज से बीकॉम और पंडित रवि शंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी से MA पॉलिटिकल साइंस में पीजी करने के बाद पत्रकारिता को पेशा बनाया। मूलतः रायपुर के रहने वाले हैं। पिछले 10 सालों से विभिन्न रीजनल चैनल में काम करने के बाद पिछले सात सालों से NPG.NEWS में रिपोर्टिंग कर रहे हैं।

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