CG में नक्सलियों की टूटी कमर: 'इंटेलिजेंस बेस्ड ऑपरेशन्स' से बड़े लीडरों में डर, 18 लाख के इनामी 12 माओवादियों ने किया सरेंडर
छत्तीसगढ़ में लगातार नक्सली संगठन कमजोर पड़ता जा रहा है, इसी कड़ी में आज तक़रीबन 12 कुख्यात नक्सलियों ने सरेंडर किया है

12 Maoists surrender (NPG FILE PHOTO)
रायपुर। छत्तीसगढ़ में चल रहे एंटी-नक्सल ऑपरेशन लगातार सफल हो रहे हैं। ऐसा लग रहा है कि, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का 2026 तक नक्सल-मुक्त छत्तीसगढ़ का सपना जल्द ही सच हो जाएगा। सुरक्षाबलों ने पिछले कुछ समय से नक्सलियों के खिलाफ लगातार सर्च ऑपरेशन चलाए हैं, जिससे नक्सली बौखला गए हैं और बस्तर जैसे इलाकों में ग्रामीणों को परेशान कर रहे हैं। हालांकि, जिन इलाकों में सुरक्षाबलों ने अपने कैंप बना लिए हैं, वहां नक्सलियों का आना-जाना लगभग नामुमकिन हो गया है। इसी कड़ी में आज को छत्तीसगढ़ पुलिस और सुरक्षाबलों को एक और बड़ी कामयाबी मिली है।
बता दें कि, नारायणपुर में 12 सक्रिय नक्सलियों ने पुलिस अधीक्षक रोबिनसन गुड़िया के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। इन सभी पर कुल मिलाकर 18 लाख रुपये का इनाम था। इनमें 2 एरिया कमेटी सदस्य, LOS-CNM सदस्य, मिलिट्री प्लाटून सदस्य और अन्य कई पदों के नक्सली शामिल थे। इससे कुछ दिन पहले, 11 सितंबर को भी 16 नक्सलियों ने सरेंडर किया था, जिससे यह साबित होता है कि नक्सली संगठन लगातार कमजोर हो रहा है।
नक्सलियों के सरेंडर के पीछे क्या है वजह?
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, ये सभी नक्सली लंबे समय से संगठन में सक्रिय थे और कई बड़ी वारदातों में शामिल थे। लेकिन सुरक्षाबलों के बढ़ते दबाव और लगातार नए कैंपों की स्थापना ने उन्हें बुरी तरह से घेर लिया है। इसके अलावा नक्सलियों की विचारधारा से भी उनका मोहभंग हो चुका है। इन आत्मसमर्पित नक्सलियों ने पूछताछ में बताया कि, शीर्ष माओवादी लीडर ही आदिवासियों के असली दुश्मन हैं। ये नेता जल, जंगल और जमीन के झूठे वादे करके भोले-भाले आदिवासियों को अपना गुलाम बनाते हैं।
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि, महिला नक्सलियों के साथ शारीरिक और मानसिक शोषण भी होता है। उन्हें शहरों और विदेशों में अच्छी जिंदगी के झूठे सपने दिखाकर निजी दासी की तरह रखा जाता है। इस तरह के शोषण और संगठन में भेदभाव से तंग आकर इन नक्सलियों ने मुख्यधारा में लौटने का फैसला किया।
नक्सलियों को मिलेगा नया जीवन
सरेंडर करने वाले सभी 12 नक्सलियों को 50-50 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि का चेक दिया गया। इसके अलावा उन्हें छत्तीसगढ़ सरकार की नक्सल उन्मूलन पुनर्वास नीति के तहत सभी तरह की सुविधाएं दी जाएंगी, ताकि वे एक नया और बेहतर जीवन शुरू कर सकें।
आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में शामिल हैं:
आत्मसमर्पित नक्सलियों के नाम, पद और घोषित इनामी राशि इस प्रकार है :
1. सुदरेन नेताम उर्फ सुधाकर – एरिया कमेटी सदस्य, इनाम ₹5 लाख
2. धोबा सलाम उर्फ महेश सलाम – एरिया कमेटी सदस्य, इनाम ₹5 लाख
3. सतारो सलाम – AOS-CNM सदस्य, इनाम ₹2 लाख
4. लक्ष्मण माडवी – मिलिट्री लाटून PPCM, इनाम ₹2 लाख
5. राजू राम ओयाम – पार्टी सदस्य (PM), इनाम ₹1 लाख
6. चैतू उर्फ बलदेव मरकाम – जनताना सरकार अडयाभ, इनाम ₹1 लाख
7. आयते पोडियाम – SZCM पार्टी सदस्य, इनाम ₹1 लाख
8. कुमे माड़वी– CNM सदस्य, इनाम ₹50 हजार
9. मंगतू वड्डदा– CNM सदस्य, इनाम ₹50 हजार
10. रुक्मी पोडियाम – जनताना सरकार सदस्य
11. शंकर मड़काम – मिलिशिया कमांडर
12. मंगलो पोडियाम – जनताना सरकार उपाध्यक्ष
पुलिस अधिकारियों का संदेश
पुलिस अधीक्षक रोबिनसन गुड़िया ने कहा कि, हमारा मुख्य मकसद अबूझमाड़ के दुर्गम जंगलों में रहने वाले आदिवासियों को माओवादी विचारधारा से बचाना और उन्हें विकास की मुख्यधारा से जोड़ना है। उन्होंने बाकी बचे नक्सलियों से भी अपील की है कि, वे हिंसा छोड़कर आत्मसमर्पण करें और एक सामान्य जीवन जिएं।
वहीं, बस्तर पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी. ने कहा कि, वर्ष 2025 में सुरक्षाबलों ने माओवादी संगठन के शीर्ष नेतृत्व को भारी नुकसान पहुंचाया है, जिसके कारण अब उनके पास आत्मसमर्पण के अलावा कोई और रास्ता नहीं बचा है।
नारायणपुर में लगातार हो रहे ये आत्मसमर्पण इस बात का साफ संकेत हैं कि, अबूझमाड़ में अब नक्सलवाद की पकड़ कमजोर हो रही है। आदिवासी समाज नक्सली विचारधारा से तंग आ चुका है और अब वह विकास की राह पर लौट रहा है. यह सिर्फ सुरक्षाबलों की जीत नहीं, बल्कि स्थानीय आदिवासी समाज के लिए एक नई उम्मीद भी है।
