Begin typing your search above and press return to search.

छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की योजनाओं से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिल रही मजबूती, महिलाएं बन रही स्वावलंबी...

सरकार की बेहतर नीतियों का परिणाम से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने का अवसर मिल रहा है...लखपती दीदी बन आर्थिक स्वतंत्रता की ओर बढ़ती महिलाएं...

छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की योजनाओं से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिल रही मजबूती, महिलाएं बन रही स्वावलंबी...
X
By Sandeep Kumar

रायपुर। जशपुर जिले के कांसाबेल विकासखंड अंतर्गत ग्राम टाटीडांड की रहने वाली रिंकी यादव आज सफलता की मिसाल बन चुकी हैं। पारंपरिक छिंद कांसे से बनी सुंदर टोकरियों को अपनी आजीविका का साधन बनाकर उन्होंने गांव की अन्य महिलाओं को भी आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा दी है।

रिंकी यादव पिछले 6 वर्षों से राज्य शासन की महत्वाकांक्षी ‘बिहान’ योजना के तहत संचालित राखी स्व-सहायता समूह से जुड़ी हैं। वर्ष 2019 में उन्होंने पारंपरिक टोकरी निर्माण के कार्य को केवल घरेलू उपयोग से आगे बढ़ाकर इसे आर्थिक सशक्तिकरण का माध्यम बना लिया। समूह से जुड़ने के बाद उन्हें इस कार्य को व्यावसायिक रूप देने का अवसर मिला।

आज उनकी वार्षिक आमदनी समूह के माध्यम से लगभग एक लाख रुपये तक पहुँच चुकी है। इसके अतिरिक्त, वे व्यक्तिगत स्तर पर भी छिंद कांसे की टोकरियाँ बनाकर 20 से 30 हजार रुपये तक की अतिरिक्त आमदनी अर्जित कर रही हैं। यह आमदनी उनके परिवार के भरण-पोषण, बच्चों की पढ़ाई और घरेलू आवश्यकताओं को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। उनकी मेहनत और लगन का ही परिणाम है कि अब वे अपने सपनों का पक्का घर भी बना रही हैं, जिसका निर्माण कार्य तेजी से जारी है। इस सफलता के लिए रिंकी यादव ने छत्तीसगढ़ शासन और विशेष रूप से मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का आभार जताया है।

रिंकी यादव का कहना है कि स्व-सहायता समूह में जुड़ने के बाद उन्हें शासन की योजनाओं, प्रशिक्षणों और अवसरों की जानकारी मिली। इससे उनके जीवन में न केवल आत्मविश्वास का संचार हुआ बल्कि सामाजिक स्तर पर भी सहभागिता बढ़ी। बिहान योजना से जुड़ने के बाद मेरे जीवन की दिशा ही बदल गई। आज मैं खुद को आत्मनिर्भर महसूस करती हूं और अपने बच्चों को बेहतर भविष्य देने का सपना भी साकार होते देख रही हूं। शासन की योजनाओं ने मुझे हौसला और सम्मान दिया है।

लखपती दीदी बन आर्थिक स्वतंत्रता की ओर बढ़ती महिलाएं

बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के विकासखण्ड राजपुर के ग्राम पंचायत बघिमा की निवासी मीना मरावी, जो पहले एक साधारण गृहिणी थी। आज लखपति दीदी बन गई हैं। उनको यह सफलता संतोषी महिला स्व-सहायता समूह से जुड़ने के बाद मिली। समूह से जुड़ने के बाद मीना मरावी के परिवार की वार्षिक आय लगभग 01 लाख 25 हजार से भी अधिक है।

मीना बताती है कि समूह से जुड़ने से पहले उनकी स्थिति अच्छी नहीं थी। मीना मरावी का जीवन पहले बहुत कठिनाइयों से भरा हुआ था। उनके परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत खराब थी और उन्हें अपने घर की रोजी-रोटी के लिए मजदूरी करने और कृषि कार्यों में कठिन परिश्रम करना पड़ता था। उनके पास कोई स्थिर आय का स्रोत नहीं था, बड़े मुश्किल हालात में मजदूरी व खेती-बाड़ी से पैसे जोड़ती थी। लेकिन जब उन्होंने संतोषी महिला स्व-सहायता समूह से जुड़ने का निर्णय लिया, तो उनकी जिंदगी संवरने लगी। मीना ने समूह में जुड़ने के बाद सीआईएफ से लोन लेकर किराना दुकान शुरू किया है।

इस व्यवसाय ने उनके परिवार की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाया और मीना की मेहनत और लगन का ही परिणाम है कि आज उनकी सालाना आय 1 लाख रुपये से भी अधिक है। सरकार के बेहतर नीतियों का नतीजा है कि आज महिलाएं सरकारी योजनाओं का लाभ ले रही है और वे आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं। उनका साहस और आत्मविश्वास दूसरों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना हुआ है। मीना मरावी का यह सफर उन सभी महिलाओं को प्रेरित करता है जो अपनी मुश्किलों के बावजूद अपने जीवन में बदलाव लाने का सपना देखती हैं। और अपनी मेहनत और दृढ़ संकल्प से अपनी पहचान बनाना चाहती है।

कुनकुरी में सी मार्ट का हुआ शुभारंभ

जशपुरनगर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व वाली सरकार में स्व सहायता समूह की महिलाएं बन रही है आर्थिक रूप सक्षम इसी कड़ी में विकासखंड कुनकुरी में शुक्रवार को सी मार्ट का शुभारंभ जनपद पंचायत अध्यक्ष सुशीला साय जनपद पंचायत उपाध्यक्ष बालेश्वर यादव जी के द्वारा किया गया, जिसमे अन्य जनपद सदस्य, पार्षद ,मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत कुनकुरी प्रमोद सिंह और कुनकुरी एन आर एल एम के डी पी एम अमीन खान, भरत पटेल सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण उपस्थित थे।

उल्लेखनीय है कि सी -मार्ट राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन संपोषित मधेश्वर कृषक उत्पादक संगठन कुनकुरी द्वारा संचालित किया जा रहा है जिसमे बिहान के दीदियों द्वारा बनाई गई विभिन्न प्रकार के सामग्री जैसे पापड़, अचार, कोदो कुटकी, रागी कुकीज, महुआ अचार, सरसो तेल, छिंद टोकरी, बड़ी, महुआ बिस्किट, महुआ कैंडी जैसे उत्पादों का विक्रय किया जा रहा है। और समूह की महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही है।

Sandeep Kumar

संदीप कुमार कडुकार: रायपुर के छत्तीसगढ़ कॉलेज से बीकॉम और पंडित रवि शंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी से MA पॉलिटिकल साइंस में पीजी करने के बाद पत्रकारिता को पेशा बनाया। मूलतः रायपुर के रहने वाले हैं। पिछले 10 सालों से विभिन्न रीजनल चैनल में काम करने के बाद पिछले सात सालों से NPG.NEWS में रिपोर्टिंग कर रहे हैं।

Read MoreRead Less

Next Story