छत्तीसगढ़ में गरीब बच्चों को उंची तालिम, गरीब बच्चों को मिली उच्च शिक्षा की मदद, मुख्यमंत्री नोनीबाबू मेधावी शिक्षा सहायता योजना से लग रहे सपनों को पंख
छत्तीसगढ़ में गरीबों के बच्चे अब उच्च तालिम से वंचित नहीं होंगे। इसके लिए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने मुख्यमंत्र नोनीबाबू मेधावी शिक्षा सहायता योजना लागू कर दिया है।
रायपुर। छत्तीसगढ़ के गरीब और मजदूर बच्चों के बच्चों को उच्च शिक्षा मिल सके इसके लिए प्रदेश की विष्णु देव साय की सरकार लगातार काम कर रही है। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री नोनी बाबू मेधावी शिक्षा सहायता योजना की शुरुआत की गई है। जिसके तहत छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार मंडल द्वारा पंजीकृत निर्माणी श्रमिकों के मेधावी बच्चों को, 10वीं कक्षा से लेकर स्नातकोत्तर एवं व्यवसायिक पाठ्यक्रम में 75 प्रतिशत या उससे अधिक अंक लाने पर 5 हजार रूपए से लेकर 12 हजार 500 रूपए तक की प्रोत्साहन राशि दी जाती है।
इस योजना के तहत पंजीकृत निर्माणी श्रमिकों के बच्चे जो छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल की बोर्ड परीक्षा में टॉप-10 में स्थान प्राप्त करते हैं, उन्हें एक लाख रूपए की प्रोत्साहन राशि तथा दोपहिया वाहन क्रय करने के लिए एक लाख रूपए का अनुदान भी दिए जाने का प्रावधान है। व्यवसायिक पाठ्यक्रम में अध्ययन हेतु शैक्षणिक शुल्क हॉस्टल एवं मेस फीस के साथ-साथ स्टेशनरी के लिए 2 हजार रूपए प्रतिवर्ष दिए जाने का प्रावधान है। यदि किसी निर्माणी श्रमिक का मेधावी बच्चा विदेश में अध्ययन के लिए चयनित होता है तो अध्ययन हेतु वास्तविक व्यय अथवा अधिकतम 50 लाख रूपए की सहायता राशि दी जाती है। इस योजना हेतु हितग्राही का पंजीयन 90 दिवस पूर्व का होना अनिवार्य है। इस योजना के माध्यम से अब गरीब मजदूर अपने बेटे-बेटियों के भविष्य में सुधार आ रही है।
डॉक्टर बनने का पूरा होगा सपना
शासकीय उच्चतर माध्यमिक स्कूल जरहाडीह के कक्षा दसवीं की छात्रा अंशिका गुप्ता ने 97.6 प्रतिशत लाकर प्रदेश में 7वां स्थान हासिल किया है। इसकी घोषणा 9 मई 2024 को की गई थी। अंशिका गुप्ता के पिता सुजीत गुप्ता श्रम विभाग के तहत पंजीकृत श्रमिक हैं। अंशिका गुप्ता बलरामपुर जिले की छोटे से गांव झलपी की रहने वाली हैं। इनके पिता कृषि और मजदूरी का काम करते हैं। उनकी मां ग्रहणी है, जो अपने पति के साथ मजदूरी का काम कर अपनी तीनों बेटियों को पढ़ा रहे हैं। उनकी आर्थिक स्थिति ज्यादा मजबूत नहीं है। अंशिका गुप्ता का कहना है कि, पढ़ लिखकर डॉक्टर बनना चाहती हूं। लेकिन परिवार की आर्थिक स्थिति बेहतर नहीं होना बड़ी समस्या है। हालांकि अब सरकार से सहायता मिलने पर उसका मनोबल बढ़ा है। जिससे आगे की पढ़ाई के लिए संकल्पित है। टॉपर अंशिका गुप्ता को सीएम विष्णुदेव साय और श्रम मंत्री लखन राम देवांगन ने सम्मानित किया है। रायपुर में नोनी बाबू मेधावी शिक्षा सहायता योजना के तहत 2 लाख रुपए का चेक भी दिया। मुख्यमंत्री ने उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं भी दी।
रुबीना की बदल गई जिंदगी
दुर्ग शहर की रहने वाली निर्माणी श्रमिक ज़रीना बेगम की बिटिया रूबीना अपनी स्नातक की शिक्षा पूरी करने के साथ ही कौशल विकास का प्रशिक्षण प्राप्त कर राजस्थान की एक ऑटोमोबाइल कंपनी में इंटर्नशिप भी पूरी कर ली है। आर्थिक रूप से बेहद कमजोर परिवार से ताल्लुक रखने वाली जरीना को उच्च शिक्षा हासिल करने और कैरियर बनाने में छत्तीसगढ़ सरकार की मुख्यमंत्री नोनी बाबू मेधावी शिक्षा सहायता योजना मददगार बनी है। निर्माणी श्रमिक जरीना बेगम ने जब अपनी बिटिया की पढ़ाई के लिए मुख्यमंत्री नोनीबाबू मेधावी शिक्षा सहायता योजना के अंतर्गत आवेदन करने हेतु श्रमिक सहायता केन्द्र से संपर्क किया, तो उन्हें नहीं पता था कि इस योजना अंतर्गत क्या-क्या लाभ मिल सकते हैं। निर्माणी श्रमिक जरीना के आवेदन पर उसे बिटिया के आगे की शिक्षा के लिए योजना अंतर्गत मिली मदद से उसका सपना हकीकत में तब्दील हुआ और उसकी बेटी के हौसले को एक नया पंख मिल गया। श्रमिक माता-पिता के संघर्ष और त्याग को ध्यान में रखते हुए रुबीना ने खुद को पढ़ाई के लिए समर्पित कर दिया। रुबीना स्नातक होने के बाद, कौशल विकास कार्यक्रम और राजस्थान में एक ऑटो वाहन कंपनी में अल्पकालिक इंटर्नशिप की। राजस्थान में रहना और काम करना रुबीना के लिए जीवन बदलने वाला अनुभव बन गया। रुबीना ने कहा, मुझे एहसास हुआ कि शिक्षा हमारे जैसे गरीब परिवारों के लिए एक नई और बेहतर दुनिया के द्वार खोलती है। रूबीना की इच्छा मास्टर डिग्री हासिल करना है और वह अपने सपने को पूरा करने के लिए पूरे मनोयोग से जुटी है।
मुख्यमंत्री ने सपनों को दिए पंख
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने रायपुर स्थित अपने निवास कार्यालय में श्रम विभाग के अंतर्गत छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल अंतर्गत पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के 13 बच्चों को कुल दो-दो लाख रूपए का चेक दिए। जिसमें रायगढ़ जिले की दो छात्राएं बबिता पटेल एवं उमा बरेठ शामिल थी। इस अवसर पर प्रदेश के श्रम मंत्री लखनलाल देवांगन उपस्थित रहे। रायगढ़ जिले के सहायक श्रमायुक्त घनश्याम पाणिग्रही ने बताया कि श्रम विभाग रायगढ़ अंतर्गत छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल में नर्मदा बरेठ पति अनिल बरेठ एवं मोंगरा पटेल पति परमानंद पटेल पंजीकृत हितग्राही है। नर्मदा बरेठ की पुत्री कु.उमा बरेठ एवं मोंगरा पटेल की पुत्री कु.बबीता पटेल जो कि छ.ग.माध्यमिक शिक्षा मंडल के तहत कक्षा 10 वीं में टॉप-10 में उत्तीर्ण हुई है जिसमें कु.उमा बरेठ ने सातवां एवं कु बबीता पटेल ने 10 वां स्थान प्राप्त की है।
मजदूरों के 13 बच्चों को मिला दो-दो लाख का चेक
सीएम हाउस रायपुर में आयोजित गरिमामय प्रोत्साहन वितरण व सम्मान कार्यक्रम में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने श्रमवीरों के मेधावी बच्चों को प्रोत्साहन राशि दो-दो लाख रुपए प्रदान की। यह दो लाख रुपए की राशि अलग-अलग मद से दी गई है। कार्यक्रम के दौरान सीएम साय ने मुख्यमंत्री नोनी-बाबू मेधावी शिक्षा सहायता योजना के तहत श्रमिकों के 13 मेधावी बच्चों को दो-दो लाख रुपए की राशि के चेक प्रदान किए। इस राशि में एक लाख रुपए की प्रोत्साहन राशि और स्कूटी खरीदने के लिए एक लाख रुपए की राशि दी गई है। योजना के तहत पंजीकृत मजदूरों के 10वीं एवं 12वीं में टॉप-10 सूची में रहे बच्चों को ये राशि दी गई है। इसमें 13 बच्चे मजदूरों के थे। छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा आयोजित परीक्षा वर्ष 2023-24 में निर्माण श्रमिक के 13 बच्चे टॉप-10 सूची में है। उन्हें इस योजना के अंतर्गत लाभान्वित किया जाएगा। इनमें कक्षा 10वीं में गरियाबंद जिले से कुमारी होनिशा, महासमुंद जिले से कुमारी डेनिसा, रायगढ़ जिले से कुमारी बबीता एवं उमा, सूरजपुर जिले से आयुष कुमार, बलरामपुर जिले से कुमारी अंशिका, जशपुर जिले से कुमारी मीना यादव, राजनांदगांव जिले से कुमारी वंशिका, बालोद जिले से तोषण कुमार, खोमेन्द्र, कुमारी पद्मनि, जिज्ञासा एवं कांकेर जिले से कक्षा 12वीं की छात्रा कुमारी वीदेका का नाम शामिल है।
ऐसे करें आवेदन
मुख्यमंत्री नोनी बाबू मेधावी शिक्षा सहायता योजना में आवेदन करने के लिए सबसे पहले श्रम विभाग के आधिकारिक वेबसाइट को ओपन करना होगा। जिसके लिए गूगल ब्राउज़र के सर्च बार में टाइप करके बहसंइवनत.दपब.पद सर्च कीजिए या दिए गए लिंक को चुनें। अधिकारिक वेबसाइट ओपन होने के बाद होम पेज में आपको संसाधन विकल्प को चयन करना है। जिसके बाद योजनाओं का ऑप्शन को सेलेक्ट करना है। दवदप इंइन लवरदं जैसे ही आप योजनाओं के ऑप्शन को सेलेक्ट करेंगे, उसके बाद श्रम विभाग के अंतर्गत सभी योजनाओं का पेज ओपन हो जाएगा। जिसमें आप मुख्यमंत्री नोनी बाबू मेधावी शिक्षा सहायता योजना को सेलेक्ट कर सकते हैं। इसके बाद योजना के आपको आवेदन करें लिंक को सेलेक्ट करना है। इसके बाद योजना का आवेदन फार्म और स्वघोषणा प्रमाण प्रपत्र डाउनलोड करना होगा। जिसके लिए डाउनलोड का ऑप्शन को सेलेक्ट करना है। फिर डाउनलोड किए गए आवेदन फार्म को प्रिंट आउट निकलवा करके उसमें पूछे हुए सभी जानकारी दर्ज करना होगा। सभी जानकारी दर्ज करने के बाद योजना के अंतर्गत सभी दस्तावेज को आवेदन फार्म और स्वघोषणा प्रमाण पत्र के साथ संलग्न करना होगा। उसके बाद उस आवेदन फार्म, स्वघोषणा प्रमाण पत्र और सभी दस्तावेज को एक साथ अटैच करके श्रम विभाग कार्यालय या अपने विद्यालय में जाकर जमा कर देना है। इस प्रकार आप इस मुख्यमंत्री नोनी बाबू मेधावी शिक्षा सहायता योजना के आवेदन फॉर्म प्राप्त कर सकते हैं या सीएससी सेंटर से भी जाकर इस योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं।
आवेदन के लिए जरुरी दस्तावेज
मुख्यमंत्री नोनी बाबू मेधावी शिक्षा सहायता योजना में आवेदन जमा करने के लिए जो दस्तावेज आवश्यक होते हैं, इसकी सूची यहां देख सकते हैं।
0 आवेदक छात्र-छात्राएं की आधार कार्ड।
0 प्राचार्य द्वारा हस्ताक्षर किये हुए अंकसूची।
0 बैंक ख़ाता पासबुक।
0 पासपोर्ट साइज फोटो।
0 स्व घोषणा प्रमाण पत्र।
0 श्रमिक कार्ड।
0 मेरिट लिस्ट का प्रमाण।
0 मोबाइल नंबर।
0 आय प्रमाण पत्र।
0 बीपीएल कार्ड।
0 निवास प्रमाण पत्र।