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छत्तीसगढ़ में एक पेड़ मां के नाम एक अभियान बन गया, पौने तीन करोड़ लगे पौधे, पीएम मोदी के आव्हान को एडप्ट करने वाला छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने राज्य में 4 जुलाई को ’एक पेड़ माँ के नाम’ वृक्षारोपण महाअभियान की शुरुआत की थी। उन्होंने रायपुर स्थित अपने निवास पर दहीमन का पौधा लगाया और नागरिकों से अपनी माँ के नाम पर एक पेड़ लगाने का आग्रह किया

छत्तीसगढ़ में एक पेड़ मां के नाम एक अभियान बन गया, पौने तीन करोड़ लगे पौधे, पीएम मोदी के आव्हान को एडप्ट करने वाला छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य
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By Sandeep Kumar

रायपुर। छत्तीसगढ़, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और घने जंगलों के लिए प्रसिद्ध है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में ’एक पेड़ मां के नाम’ एक अनूठा वृक्षारोपण अभियान शुरू किया गया है। इस अभियान का उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ मातृत्व का सम्मान, हरे-भरे परिदृश्य को और अधिक हराभरा बनाना है। इस अभियान के तहत हर व्यक्ति को अपनी मां के सम्मान में एक पौधा लगाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इस विचार के पीछे एक गहरा भावनात्मक तत्व है, जो मां के अनमोल योगदान का प्रतीक है।

यहां यह उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर एक पेड़ मां के नाम वृक्षारोपण अभियान का शुभारंभ किया गया है। इस अभियान के अंतर्गत देश में सितम्बर 2024 तक 80 करोड़ एवं मार्च 2025 तक 140 करोड़ वृक्षों के रोपण का लक्ष्य है। ‘एक पेड़ मां के नाम‘ महावृक्षारोपण अभियान के अंतर्गत छत्तीसगढ़ राज्य में 2 करोड़ 75 लाख पौधों का रोपण एवं वन विभाग द्वारा वन एवं वनेत्तर क्षेत्रों में 03 करोड़ 95 लाख 85 हजार पौधों का रोपण किया किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने राज्य में 4 जुलाई को ’एक पेड़ माँ के नाम’ वृक्षारोपण महाअभियान की शुरुआत की थी। उन्होंने रायपुर स्थित अपने निवास पर दहीमन का पौधा लगाया और नागरिकों से अपनी माँ के नाम पर एक पेड़ लगाने का आग्रह किया। सरगुजा क्षेत्र में प्रचुर मात्रा में पाया जाने वाला दहीमन का पौधा अपने औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है और इसका उपयोग विभिन्न बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में क्रियान्वित इस अभियान के तहत लोग अपनी माता कि सम्मान में पेड़ लगाने के अलावा अपनी आस्था के अनुसार देवी-देवताओं के नाम पर भी पौधे लगा रहे है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस अभियान के तहत वृक्षारोपण स्थलों का नामकरण स्थानीय देवी-देवताओं के नाम से करने का आह्वान किया है। सभी जिलों में ग्राम एवं पंचायत स्तर पर कार्यक्रम आयोजित कर जनप्रतिनिधियों की भागीदारी से वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। इस अभियान के तहत आम, जामुन, बेल, कटहल, सीताफल, अनार, शहतूत, बेर, तेन्दू, गंगाईमली जैसे फलदार पौधे तथा लघु वनोपज एवं औषधीय प्रजाति के पौधों जैसे-हर्रा, बहेड़ा, आंवला, नीम, पुत्रजीवा, काला सिरस, रीठा, चित्रक आदि प्रजातियों के पौधों का रोपण हो रहा है। शहरी क्षेत्रों में छायादार प्रजातियां बरगद, पीपल, मौलश्री, कदम, पेल्ट्राफार्म, गुलमोहर, करंज, अशोक, अर्जुन के साथ अन्य प्रजातियों का रोपण किया जा रहा है। अभियान अंतर्गत सभी स्कूलों, छात्रावासों, आंगनवाड़ी केन्द्र, पुलिस चौकी, अस्पताल, शासकीय परिसर, शासकीय एवं अशासकीय भूमि, विभिन्न औद्योगिक संस्थानों की रिक्त भूमि पर इस महावृक्षारोपण अभियान के अंतर्गत वृक्षारोपण का कार्य किया जा रहा है।

वर्तमान समय में वनों की कटाई और प्रदूषण की बढ़ती समस्या को देखते हुए, इस अभियान का मुख्य उद्देश्य अधिक से अधिक पेड़ लगाकर पर्यावरण को सुरक्षित रखना है। हर व्यक्ति के जीवन में मां का स्थान विशेष होता है। इस अभियान के माध्यम से, लोग अपनी मां के प्रति अपने प्रेम और सम्मान को व्यक्त कर सकते हैं।

इस अभियान को सफल बनाने के लिए प्रचार-प्रसार विभिन्न माध्यमों, सोशल मीडिया, रेडियो, और टीवी के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा रहा है। वन विभाग द्वारा विभिन्न प्रजातियों के पौधों की व्यवस्था की गई, जो स्थानीय वातावरण के अनुकूल हों। प्रत्येक जिले में वृक्षारोपण के कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे है, जहां जनसमुदाय अपनी भागीदारी सुनिश्चित करते हुए अपनी मां के नाम पर पौधा लगा रहे है। अभियान की शुरुआत के कुछ ही दिनों में अपार सफलता मिली।

छत्तीसगढ़ में एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत जून माह में 13 लाख और जुलाई माह में 01 करोड़ 38 लाख पौधों का रोपण किया जा चुका है। अगस्त माह के अंत तक राज्य में कुल 2 करोड़ 75 लाख पौधों का रोपण किया जाएगा। वन विभाग द्वारा विभिन्न योजनाओं के तहत 3 करोड़ 95 लाख 85 हजार से अधिक पौधे लगाकर वनीकरण एवं पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा दिया जा रहा है। छत्तीसगढ़ राज्य में पेड़ लगाने का यह अभियान न केवल पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि यह मातृत्व का सम्मान करने का एक अनूठा तरीका भी है। यह अभियान न केवल छत्तीसगढ़ के लोगों को प्रकृति के प्रति जागरूक बना रहा है, बल्कि उन्हें अपनी जड़ों से जोड़ने का काम भी कर रहा है।

पर्यावरण को शुद्ध बनाए रखने के लिए पेड़-पौधे लगाना जरूरी हैं। ये हमें जीवन के लिए आक्सीजन, खाने के लिए फल और गर्मी में छांव देते हैं। धरा को हरा-भरा करने एवं जीवन को बचाने के लिए पेड़ लगाना चाहिए। ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान आक्सीजन की मात्रा बढ़ाने, धरती का तापमान कम करने, भूजल स्तर को ऊपर लाने और प्रदूषण नियंत्रण में महत्वपूर्ण योगदान होगा। इस प्रकार के अभियानों से हम एक हरित और स्वच्छ भविष्य की कल्पना कर सकते हैं।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने नवा रायपुर के अटल नगर स्थित जैव विविधता पार्क में ‘एक पेड़ मां के नाम’ महावृक्षारोपण अभियान-2024 का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री श्री साय ने पूर्ण विधि विधान से पूजन कर पीपल के पौधे का रोपण कर महावृक्षारोपण अभियान की शुरुआत की। मुख्यमंत्री द्वारा अभियान का बैनर जारी किया गया। इस अभियान के तहत वन विभाग द्वारा प्रदेशभर में 4 करोड़ वृक्ष लगाये जाएंगे। इसी के अंतर्गत में आज प्रदेश के 33 जिलों में कुल 4 लाख पेड़ लगाए गए। आज महावृक्षारोपण अभियान के शुभारंभ के मौके पर जैव विविधता पार्क में मुख्यमंत्री साय के साथ सभी कैबिनेट मंत्रीगणों, स्कूली बच्चों, सीआरपीएफ के जवानों, पुलिस और वन विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों ने 20 हजार पेड़ लगाए। मुख्यमंत्री साय ने ओपन जिप्सी में वृक्षारोपण क्षेत्र का भ्रमण कर अभियान में हिस्सा ले रहे लोगों का उत्साह वर्धन किया।

छत्तीसगढ़ में अभियानः सीएम विष्णुदेव

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा है कि हम लोग छत्तीसगढ़ में इसको अभियान के रूप में ले रहे हैं और अकेले वन विभाग का 4 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश के 33 जिलों में वन विभाग द्वारा 6 लाख पौधे लगाए जा रहे हैं। बहुत सी प्रजातियों के पेड़ लगाएं जा रहे हैं। पीपल का पेड़ जो 24 घंटा ऑक्सीजन देता है, नीम का पेड़, हर्रा बहेड़ा आंवला जैसे गुणकारी पौधे लगाए जा रहे हैं हर किसी को पेड़ लगाना बहुत आवश्यक है आप सब लोग देख रहे हैं कि पेड़ कम होने से गर्मी के दिनों में गर्मी बहुत बढ़ रही है इस साल तो रिकॉर्ड तोड़ गर्मी पूरे देश में पड़ी है। पारा 50 डिग्री पहुंच गया। पूरे विश्व में गर्मी से मरने वालों की संख्या बहुत बढ़ गई है, ऐसे समय में बहुत आवश्यक हो जाता है कि हम सभी पेड़ लगाएं। आज वृक्षारोपण अभियान में हमारे स्कूली बच्चे शामिल हुए, हमारे सीआरपीएफ के जवान शामिल हुए, हमारे वन और पुलिस विभाग का अमला भी शामिल हुआ। इन सभी को बहुत-बहुत धन्यवाद। मुख्यमंत्री ने सभी स्कूलों से भी आह्वान किया है कि बच्चे अपने स्कूल परिसर में अपनी मां के नाम पर एक पेड़ अवश्य लगाएं।

महतारी वंदन योजना की बहनों से भी करेंगे पेड़ लगाने की अपील

मुख्यमंत्री ने कहा कि महतारी वंदन योजना की बहनों को राशि वितरण के लिए अगस्त माह में आयोजित होने वाले कार्यक्रम में वे माता-बहनों से अपनी मां के नाम पर एक पेड़ लगाने की अपील करेंगे। यदि 70 लाख महिलाएं पेड़ लगाएंगी तो लक्ष्य आसानी से पूरा होगा।

सीएम ने महतारी वंदन हितग्राही को सौंपा पौधा

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने ‘‘एक पेड़ मां के नाम’’ अभियान के तहत जशपुर जिले में चल रहे वृहत पौध वितरण अभियान का 2 लाखवां पौधा आज बंदरचुंआ की महतारी वंदन योजना की हितग्राही श्रीमती नीलम टोप्पो को सौंपा। गौरतलब है कि जशपुर जिले में एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत वृहत वृक्षारोपण के लिए महतारी वंदन योजना की हितग्राहियों को निःशुल्क पौधा वितरण किया जा रहा है, जिसकी शुरुआत मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बीते विगत् माह 14 जुलाई को दुलदुला से की थी। मुख्यमंत्री साय ने ‘‘एक पेड़ मां के नाम’’ अभियान के तहत जशपुर जिले में चल रहे वृहत पौध वितरण अभियान के हितग्राहियों को प्रमाण पत्र भी वितरण किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के साथ उनकी धर्मपत्नी कौशल्या साय उपस्थित रही।

टोप्पो ने बताया कि वह अपने घर के आंगन में अपनी सासु मां के नाम से यह आम का पौधा लगाएंगी। महतारी वंदन योजना को लेकर उन्होंने कहा कि उन्हें हर माह 1 हजार की राशि मिल रही है। पिछले माह मिली राशि से उन्होंने अपने बेटे ईशांत टोप्पो के लिए कॉपी, स्कूल बैग और पाठ्य सामग्री खरीद कर दिया, वह कक्षा 6 वीं का छात्र है। उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए बताया कि मैं अपने स्वयं की राशि से यह पहली बार है जब अपने बच्चे को स्कूल के लिए कुछ खरीद कर दिलवायी हूं। यह महतारी वंदन से मिली राशि से ही संभव हुआ है। महतारी वंदन की राशि का उपयोग मैं अपने दैनिक उपयोग की सामग्री क्रय करने पर व्यय करती हूं साथ ही कुछ राशि को भविष्य के लिए बचत करके रखती हूं ताकि आपात स्थिति में उस राशि का उपयोग किया जा सके।

Sandeep Kumar

संदीप कुमार कडुकार: रायपुर के छत्तीसगढ़ कॉलेज से बीकॉम और पंडित रवि शंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी से MA पॉलिटिकल साइंस में पीजी करने के बाद पत्रकारिता को पेशा बनाया। मूलतः रायपुर के रहने वाले हैं। पिछले 10 सालों से विभिन्न रीजनल चैनल में काम करने के बाद पिछले सात सालों से NPG.NEWS में रिपोर्टिंग कर रहे हैं।

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