News Impact: एनपीजी खबर का असर, अटैचमेंट खत्म, गुरुजी अब दफ्तरों के बजाय स्कूल में आएंगे नजर, डीईओ,बीईओ सहित विभाग प्रमुखों से कलेक्टर ने मांगी जानकारी
एनपीजी की खबर के बाद कलेक्टर कार्यालय से डीईओ,बीईओ सहित विभिन्न विभाग प्रमुखों को पत्र जारी कर अटैचमेंट में काम करने वाले कर्मचारियों की जानकारी मांगी है। पत्र में साफ लिखा है कि राज्य शासन ने 5 जून को जारी स्थानांतरण नीति में संलग्नीकरण को समाप्त कर दिया है। कलेक्टर ने इस संबंध में सभी विभाग प्रमुखों से जानकारी मांगी है।

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बिलासपुर। एनपीजी ने 6 जून को गुरुजी स्कूल से गायब,दफ्तरों में हाजिर, रोक के बावजूद जारी है अटैचमेंट का खेला, शीर्षक से खबर का प्रकाशित किया था। डीईओ, कलेक्टोरेट, एसडीएम व तहसील कार्यालय में अटैचमेंट कराने के बाद गुरुजी लोग स्कूल की ओर झांक तक नहीं रहे हैं। बिलासपुर ही नहीं समूचे छत्तीसगढ़ में संलग्नीकरण के नाम पर गजब का खेल चल रहा है। स्कूल शिक्षा से जुड़े शिक्षक जोड़-जुगाड़ पर कुछ ज्यादा ही भरोसा कर रहे हैं और कामयाब भी हो रहे हैं। तभी तो स्कूल में पढ़ाने के बजाय कलेक्टर,एसडीएम व तहसील कार्यालय में जमे हुए हैं।
अपर कलेक्टर ने जिले में संचालित राज्य शासन के सभी विभाग प्रमुखों को पत्र लिखकर अटैचमेंट में कार्यरत कर्मचारियों के बारे में जानकारी मांगी है। जारी पत्र में इस बात का भी हवाला दिया है कि राज्य शासन ने स्थानांतरण नीति जारी करने के साथ ही पांच जून से प्रदेश के विभिन्न विभाग में संलग्नीकरण के तहत काम करने वाले कर्मचारियों का संलग्नीकरण समाप्त कर दिया है। अपर कलेक्टर ने पूछा है कि शासन के निर्देश और नई स्थानांतरण नीति के बाद अपने कार्यालयों में अटैच कर्मचारियों को मूल विभाग के लिए रिलीव किया है या नहीं।अगर नहीं किया है तो कारण बताने कहा है। अपर कलेक्टर ने यह भी पूछा है कि किस विभाग में कितने कर्मचारी किस विभाग के बतौर अटैचमेंट काम कर रहा था।
छत्तीसगढ़ में जारी अटैचमेंट के इस खेल में गुरुजी ज्यादा रुचि ले रहे हैं। स्कूल शिक्षा विभाग के जरिए नौकरी हासिल करने के बाद स्कूल में बच्चों का भविष्य संवारने के बजाय अलग खेल करने लगे हैं। स्कूल शिक्षा विभाग से हर महीने सैलेरी उठा रहे हैं और मलाईदार विभागों में जमे हुए हैं। छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के बाद कुछ नामचीन और रसूखदार गुरुजी स्कूल के बजाय जिला पंचायत से लेकर एसडीएम व तहसील कार्यालय में ज्यादा नजर आते हैं। अब तो कलेक्टर कार्यालय तक इनकी पहुंच हो चुकी है। कलेक्टर कार्यालय में अटैचमेंट का जब खेल चल रहा हो तो जिले में प्रशासनिक दक्षता और व्यवस्था को लेकर सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है। छत्तीसगढ़ सरकार ने 5 जून को दो आदेश एक साथ निकाला। स्थानांतरण नीति जारी करने के साथ ही यह भी आदेश जारी किया कि संलग्नीकरण अटैचमेंट कल्चर को समाप्त कर दिया है।
छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से कैबिनेट बैठक में प्रस्ताव पास कर ट्रांसफर से बैन हटाने के साथ ही स्थानांतरण नीति लाया गया है। स्थानांतरण नीति में ही विशेष तौर पर यह बात उल्लेखित है कि सभी जिला स्तरीय कर्मचारियों का संलग्नीकरण 5 जून से समाप्त माना जाएगा। यह भी कहा गया है कि जहां किसी कर्मचारी की आवश्यकता होगी स्थानांतरण नीति के अनुरूप स्थानांतरण किया जा सकेगा।