IAS, IPS News: सभी प्रमोटी आईएएस और आईपीएस कलेक्टर, एसपी क्यों नहीं बन पाते, जानिये इसके दो कारण
IAS, IPS News: राज्य प्रशासनिक और पुलिस सेवा के अधिकारियों को एक निश्चित समय के बाद आईएएस और आईपीएस अवार्ड हो जाता है मगर यह आवश्यक नहीं कि आईएएस, आईपीएस बने हैं तो कलेक्टर-एसपी भी बन जाएं।
IAS, IPS News: रायपुर। कलेक्टर और एसपी बनने का रास्ता सिर्फ यूपीएससी नहीं है। राज्य प्रशासनिक और पुलिस सेवा के अफसर भी प्रमोट होकर आईएएस और आईपीएस बनते हैं और फिर जिलों में कलेक्टर और एसपी का दायित्व संभालते हैं।
दरअसल, राज्य प्रशासनिक और पुलिस सेवा के अधिकार 15 बरस की सर्विस के बाद आईएएस, आईपीएस प्रमोशन के पात्र हो जाते हैं। राज्य में वैकेंट पोस्ट के अनुसार उनका प्रमोशन होता है। राज्य सरकार के प्रस्ताव पर यूपीएससी डीपीसी यानी डिपार्टमेंटल प्रमोशन कमेटी की बैठक करती है। इसमें यूपीएससी के चेयरमैन, डीओपीटी सिकरेट्री के साथ ही संबंधित राज्य के चीफ सिकरेट्री और सीनियर एसीएस इसके मेम्बर होते हैं। और अगर राज्य पुलिस सेवा से आईपीएस का प्रमोशन हो तो चीफ सिकरेट्री के साथ डीजीपी और प्रमुख सचिव गृह मेंबर होते हैं।
यूपीएससी में डीपीसी के बाद अगर गोपनीय चरित्रावली ठीक रही और कोई शिकायत या विभागीय जांच नहीं है तो फिर आईएएस, आईपीएस अवार्ड होता है। यूपीएसस के क्लियरेंस के बाद फिर डीओपीटी नोटिफिकेशन जारी करता है। उसके बाद राज्य सरकार फिर पोस्टिंग आदेश निकालती है।
कलेक्टर, एसपी नहीं बनने के 2 कारण
प्रमोशन से आईएएस, आईपीएस अफसर जरूरी नहीं कि कलेक्टर, एसपी की पोस्टिंग उन्हें मिल जाए। राज्य सरकार अपने हिसाब से उन्हें जिलों में कलेक्टर, एसपी नियुक्त करती हैं। कई प्रमोटी आईएएस, आईपीएस कलेक्टर और एसपी नहीं बन पाते, इसकी दो प्रमुख वजह हैं...
पहला आईएएस, आईपीएस बन जाने के बाद कुछ अफसरों का पारफारमेंस ठीक नहीं रहता। सो, राज्य सरकारें उन्हें कलेक्टर, एसपी की जिम्मेदारी देने से कतराती हैं। और दूसरा, प्रमोटी आईएएस, आईपीएस की अगर एप्रोच और फील्डिंग ठीकठाक नहीं रहती, तब भी कई बार प्रमोटी आईएएस, आईपीएस को कलेक्टर, एसपी बनने का अवसर नही मिल पाता।