Holiday News: अवकाश पर ब्रेकः ई-ऑफिस को लेकर सरकार एक्शन में, ट्रेनिंग के लिए छुट्टियों पर लगाई रोक, पढ़िये जीएडी सिकरेट्री का लेटर...
Holiday News: ई-ऑफिस का सही ढंग से क्रियान्वयन न होने से सरकार खुश नहीं है। जीएडी सिकरेट्री अविनाश चंपावत ने आज सारे विभाग प्रमुखों को पत्र जारी कर अनिवार्य प्रशिक्षण तय कर दिया है। उस अवधि में किसी भी अधिकारी, कर्मचारी को अवकाश नहीं मिलेगा।

Holiday News: रायपुर। एक जनवरी 2025 को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने पारदर्शिता के साथ फास्ट काम करने के लिए अफसरों को ऑनलाईन काम करने का आदेश दिया था। इसके लिए साल के पहले ही दिन मुख्यमंत्री ने मंत्रालय में सचिवों और विभाग प्रमुखों की अहम मीटिंग ली थी। इसके बाद मंत्रालय में ई-आफिस तो प्रारंभ हो गया मगर विभागाध्यक्ष कार्यालयों का हाल बुरा है। ऑनलाइन के चलते विभागाध्यक्ष कार्यालय से जिस गति से फाइलें लौटनी चाहिए, वह हो नहीं पा रहा। उपर से विभागाध्यक्ष कार्यालय अभी भी नीचे के ऑफिसों से नोटशीट से काम चला रहा है।
विभागाध्यक्ष ऑफिसों की शिथिलता को देखते मंत्रालय के जिम्मेदार अधिकारियों ने इसका पता लगाया तो मालूम हुआ कि ऑनलाइन काम करने में उन्हें अभी पारंगता हासिल नहीं हुई है। दरअसल, जीएडी ने इसके लिए सभी विभागों को ट्रेनिंग दी थी। मगर अफसर और कर्मचारी ढंग से उसे समझ नहीं पाए।
वस्तुस्थिति जानने के बाद जीएडी ने फिर से 15 दिन का प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाने का फैसला किया है। 9 जून से 23 जून तक मंत्रालय में यह ट्रेनिंग चलेगी। इस बारे में जीएडी सिकरेट्री अविनाश चंपावत ने सभी विभाग प्रमुखों को पत्र जारी कर दिया है। उन्होंने यह भी ताकीद की है कि इस दौरान किसी भी मुलाजिम को अवकाश स्वीकृत नहीं किया जाए। पढ़िये जीएडी सिकरेट्री का पत्र....
- ई-ऑफिस को लेकर छत्तीसगढ़ सरकार अब गंभीर हो गई है। विभागों से इस दिशा में प्रॉपर काम नहीं होने से कामकाज पर
- मंत्रालय में बरसों से अटैच 200 से अधिक कर्मचारियों, अधिकारियों को किया जाएगा बाहर, जीएडी ने तीन दिन में मांगी रिपोर्ट
छत्तीसगढ़ के मंत्रालय में सामान्य प्रशासन विभाग की बिना जानकारी अटैच 200 से अधिक कर्मचारियों, अधिकारियों को हटाया जा सकता है। सामान्य प्रशासन विभाग ने तीन दिन में इसकी रिपोर्ट मांगी है। जीएडी के अफसरों का कहना है कि बेहद जरूरत वाले कर्मचारियों, अधिकारियों को ही मंत्रालय में रखा जाएगा। नीचे पढ़िये अटैचमेंट समाप्त करने की नौबत आखिर आई क्यों?
रायपुर। सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी विभागों को पत्र लिख बिना मंत्रालय में अटैच अधिकारियों, कर्मचारियों की जानकारी मांगी है। जीएडी के अंडर सिकरेट्री ने यह पत्र जारी किया है। इसके लिए तीन दिन का समय दिया गया है। इसके बाद जीएडी फिर कार्रवाई करेगा।
असल में, कई विभागों ने बाहर के कर्मचारियों, अधिकारियों को मंत्रालय में अटैच कर लिया है। तीन-चार विभाग ऐसे हैं, जिसमें दस-दस साल से कर्मचारी, अधिकारी मंत्रालय में जमे हुए हैं। उपर से सामान्य प्रशासन विभाग को इसकी जानकारी भी नहीं होती।
अटैचमेंट समाप्त किया जाएगा!
जीएडी के अफसरों का कहना है कि तीन दिन में विभागों से रिपोर्ट मांगी गई है। रिपोर्ट मिलने के बाद विभागों से स्पष्टीकरण मांगा जाएगा कि आपने बिना जीएडी की सहमति के कैसे अटैचमेंट किया? फिर उनसे यह भी पूछा जाएगा कि अटैचमेंट कितना जरूरी है। इसके बाद फिर अटैचमेंट समाप्त कर उन्हें मंत्रालय से बाहर किया जाएगा।
क्यों पड़ी जरूरत?
अटैचमेंट समाप्त करने के लिए जीएडी ने यह कदम क्यों उठाया है? इस बारे में बताया जाता है कि मंत्रालय में 200 से अधिक कर्मचारी अधिकारी अटैचमेंट में हैं। मंत्रालय में अब कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए बैठने की जगह कम पड़ जा रही है। जीएडी के अधिकारियों के संज्ञान में यह विषय आया तो इसकी पूछताछ शुरू हुई। फिर मालूम पड़ा कि मंत्रालय में सालों से अटैचमेंट का खेल चल रहा है। वैसे मंत्रालयीन कर्मचारी संघ भी इसको लेकर कुछ दिनों से काफी मुखर था। इसके बाद जीएडी एक्शन में आया है।
