High Court News: प्रिंसिपल पदोन्नति में एक और विवाद: वरिष्ठता सूची में गड़बड़ी, सीनियर हेड मास्टर को किया बाहर- जूनियर को प्राचार्य बनाने की तैयारी
High Court News: प्राचार्य पदोन्नति को लेकर विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। टी संवर्ग के 1335 शिक्षकों को पोस्टिंग से पहले काउंसलिंग को लेकर अब विवाद छिड़ गया है। डीपीआई के आदेश को चुनौती देते हुए 11 शिक्षकों ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर दी है। इधर पदोन्नति सूची में हेड मास्टर कैडर में वरिष्ठता सूची में गड़बड़ी सामने आइ है। सीनियर का नाम प्रिंसिपल पोस्टिंग से गायब कर दिया गया है। जूनियर का नाम शामिल कर लिया है। मोहम्मद मुस्तका ने अधिवक्ता मतीन सिद्धीकी के माध्यम से हाई कोर्ट में याचिका दायर कर इसकी शिकायत की है। हाई कोर्ट ने डीपीआई को नोटिस जारी कर वरिष्ठता सूची दुरुस्त करने का निर्देश दिया है।

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High Court News: बिलासपुर। प्रिंसिपल के पद पर पदोन्नति से पहले वरिष्ठता सूची जारी की गई थी। हेड मास्टर कैडर में सीनियर हेड मास्टर की जगह जूनियर को पदोन्नति देने सूची में नाम शामिल कर लिया है। हेड मास्टर मोहम्मद मुस्ताक ने अधिवक्ता मतीन सिद्धीकी के जरिए हाई कोर्ट में याचिका दायर कर वरिष्ठता सूची में जरुरी सुधार की मांग की है। याचिकाकर्ता हेड मास्टर का नाम वरिष्ठता सूची से ही गायब कर दिया गया है। डीईओ, उप संचालक शिक्षा से लेकर डीपीआई तक गुहार लगाने के बाद कुछ नहीं हुआ। हाई कोर्ट ने डीपीआई को नोटिस जारी कर 45 दिनों के भीतर वरिष्ठता सूची को अपडेट करने का निर्देश दिया है।
सरगुजा जिले के शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला चिरंगा में प्रधान पाठक के पद पर पदस्थ मोहम्मद मुस्ताक खान की वरिष्ठता सूची से ही नाम विलोपित कर जूनियर का नाम प्रिंसिपल पोस्टिंग में शामिल कर लिया है। मोहम्मद मुस्ताक खान की प्रथम नियुक्ति वर्ष 1983 को सहायक शिक्षक के पद पर हुई थी। कलेक्टर सरगुजा के 5 सितंबर 2005 के आदेश के बाद सहायक शिक्षक से अपर डिविजन टीचर के पद पर प्रमोशन दिया गया। 6 नवंबर 2009 को मोहम्मद मुस्ताक खान का प्रमोशन प्रधान पाठक मिडिल स्कूल के पद पर हुआ। लोक शिक्षण संचनालय DPI द्वारा 1 अप्रैल 2024 की स्थिति में प्रधान पाठक पूर्व माध्यमिक शाला के राज्य स्तरीय अंतिम वर्ष काीसूची का प्रकाशन किया गया। जिसमें मोहम्मद मुस्ताक खान की वरिष्ठता सीरियल नंबर 901 पर अंकित किया गया था, और सहायक शिक्षक से अपर डिवीजन टीचर प्रमोशन आदेश 14 अक्टूबर 2008 अंकित किया गया था। जबकि मोहम्मद मुस्ताक खान को 5 सितंबर 2005 को प्रमोशन दिया गया था।
सूची जारी करने के तत्काल बाद याचिकाकर्ता ने जिला शिक्षा अधिकारी DEO अंबिकापुर के समक्ष 16 मई 2024 को आवेदन पेश किया था। इसमें याचिकाकर्ता ने प्रमोशन आदेश की त्रुटि सुधार की मांग की थी। याचिका के अनुसार उसके आवेदन पर विचार करते हुए डीईओ अंबिकापुर ने वरिष्ठता सूची में सुधार के लिए 5 नवंबर 2024 को लोक शिक्षण संचनालय डीपीआई को पत्र लिखा था। डीपीआई ने डीईओ के पत्र को संज्ञान में नहीं लिया। इसी बीच 30 अप्रैल 2025 को स्कूल शिक्षा विभाग ने प्राचार्य प्रमोशन हेतु लिस्ट जारी कर दिया गया।
स्कूल शिक्षा विभाग की सूची से याचिकाकर्ता का नाम गायब , जूनियर का नाम शामिल
मामले की सुनवाई जस्टिस रविंद्र कुमार अग्रवाल के सिंगल बेंच में हुई। याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी करते हुए अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी ने कहा कि वरिष्ठता सूची बनाते वक्त विभागीय त्रुटि हुई है। इसे सुधारने के लिए याचिकाकर्ता ने डीईओ को पत्र लिखा था। डीईओ ने संज्ञान में लेते हुए डीपीआई को पत्र भेज दिया था। डीपीआई ने इसे संज्ञान में ही नहीं लिया और सूची जारी कर दी। जारी सूची में उसके जूनियरों के नाम है,उनका नाम नहीं है। यह तो सीधा-सीधा वरिष्ठता को दरकिनार करने का मामला है।
45 दिनों के भीतर करना होगा निराकरण
मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस रविंद्र अग्रवाल ने डीपीआई को नोटिस जारी कर डीईओ अंबिकापुर व संयुक्त संचालक शिक्षा सरगुजा संभाग के दो सितंबर 2024 और 5 नवंबर 2024 और याचिकाकर्ता द्वारा 20 मार्च 2025 काो दिए गए आवेदन का निराकरण नियमानुसार करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने इसके लिए डीपीआई को 45 दिन का समय दिया है।
