High Court News: हाईवे हादसों पर हाई कोर्ट सख्त, NHAI अफसरों को आवारा मवेशियों से होने वाली दुर्घटनाएं रोकने के निर्देश
Bilaspur High Court News: एनएच पर लगातार हो रही दुर्घटनाओं, आवारा मवेशियों की मौत को लेकर हाई कोर्ट ने एनएचएआई के अफसरों को हाईवे में हो रहे एक्सीडेंट को रोकने प्रभावी उपाय का निर्देश दिया है।

Bilaspur Crime News
High Court News: बिलासपुर। राष्ट्रीय राजमार्ग पर आवारा मवेशियोंकी हो रही मौतें और सड़कों पर मवेशियों के इकट्ठा होने के कारण हो रही दुर्घटनाओं को लेकर हाई कोर्ट ने एनएचएआई के अफसरों को रोकथाम के प्रभावी उपाय करने का निर्देश दिया है। डिवीजन बेंच ने रतनपुर-केंदा मार्ग NH 45 पर एक अज्ञात वाहन की चपेट में आने से 16 लावारिस मवेशियों की मौत से संबंधित अपने 16 जुलाई के आदेश के मद्देनजर चीफ सिकरेट्री द्वारा पेश जवाब पर बेंच ने गौर किया। चीफ सिकरेट्री ने उठाए गए कदमों और भविष्य की योजनाओं को लेकर जानकारी पेश की थी।
चीफ सिकरेट्री ने दी ये जानकारी-
ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में संयुक्त निगरानी दल गठित करना, 2000 से अधिक मवेशियों पर रेडियम पट्टी लगाना, पशुपालन विभाग के साथ मिलकर नसबंदी और कान टैगिंग अभियान चलाना, सड़कों पर घूमने वाले आवारा मवेशियों के लिए आश्रय स्थल और आश्रय स्थल स्थापित करना, उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों की पहचान और चिह्नांकन करना, राजमार्गों के किनारे के गांवों में जागरूकता अभियान चलाना, लापरवाह पशुपालकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करना और आवारा मवेशियों के दीर्घकालिक प्रबंधन के लिए जोगीपुर में 205.10 एकड़ का गौ अभयारण्य प्रस्तावित करना।
राज्य और एनएचएआई के उपायों को बताया नाकाफी-
चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रवींद्र कुमार अग्रवाल की डिवीजन बेंच ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण एनएचएआई के परियोजना निदेशक को सड़क पर पाए जाने वाले आवारा पशुओं के संबंध में एनएचएआई द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में शपथ पत्र के साथ जानकारी देने का निर्देश दिया। डिवीजन बेंच ने राज्य और एनएचएआई द्वारा किए जा रहे उपाय को नाकाफी बताते हुए इस दिशा में ठोस उपाय करने का निर्देश दिया।
एनएचएआई के अफसर,लोगों को दें समझाइश-
डिवीजन बेंच ने एनएचएआई के अफसरों से कहा कि जनता को हर संभव तरीके से जागरूक करने के लिए सकारात्मक उपाय” करे। आम लोगों को बताए कि वाहन चलाते समय सावधानी बरतें ताकि लोगों के साथ-साथ सड़क पर बैठे पशुओं के साथ कोई अप्रिय घटना न घटे।
पेंड्रीडीह बाईपास पुल के नीचे ना हो अतिक्रमण-
सुनवाई के दौरान डिवीजन बेंच के संज्ञान में यह भी लाया गया कि पेंड्रीडीह बाईपास के किनारे सरकारी ज़मीन पर स्थित दुकानें ग्राम पंचायत द्वारा किराए पर दी जा रही है। इन दुकानों का उपयोग भारी ट्रकों सहित बड़ी संख्या में वाहनों को जलपान और मरम्मत के लिए रखने के लिए किया जा रहा है। कोर्ट ने कहा कि हमने पहले भी आदेश दिया था कि पेंड्रीडीह बाईपास के पास पुल के नीचे कोई अतिक्रमण नहीं होना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि पूर्व में आदेश के तहत पुल के नीचे की जगह को साफ़-सुथरा बनाया जाए और पर्याप्त स्ट्रीट लाइट आदि के साथ सौंदर्यीकरण किया जाए।
ग्राम पंचायत को दी कड़ी चेतावनी-
कोर्ट ने ग्राम पंचायत, पेंड्रीडीह को निर्देश जारी कर कहा कि यह सुनिश्चित करना पंचायत की जिम्मेदारी है कि पेंड्रीडीह बाईपास में चल रही दुकानें ट्रक मालिकों या किसी अन्य व्यक्ति को वहां अपना वाहन रोककर जलपान या दोपहर का भोजन करने की अनुमति न दें, अन्यथा, यह न्यायालय उचित आदेश पारित करेगा। जनहित याचिका की अगली सुनवाई के लिए डिवीजन बेंच ने 19 अगस्त की तिथि तय कर दी है।
