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High Court News: साजिश, संपत्ति और सुनवाई, कोल घोटाले में ED की कार्रवाई पर हाई कोर्ट में फैसला जल्द

High Court News: छत्तीसगढ़ में कोल लेव्ही के जरिए 540 करोड़ का घोटाला करने वालों ने परिजनों के नाम संपत्ति खरीदी है। ED ने जांच पड़ताल के बाद घोटालेबाजों की 49.73 करोड़ की संपत्ति को अटैच किया है। अब इसकी नीलामी की तैयारी शुरू होगी। इसी बीच ईडी की कार्रवाई को चुनौती देते हुए घोटालेबाजों के परिजनों ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। मामले की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने फैसला सुरक्षित Reserve for order रख लिया है।

High Court News: साजिश, संपत्ति और सुनवाई, कोल घोटाले में ED की कार्रवाई पर हाई कोर्ट में फैसला जल्द
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High Court News

By Radhakishan Sharma

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित कोल लेव्ही घोटाले में दो आईएएस, राज्य सेवा संवर्ग की एक अधिकारी के अलावा मास्टर माइंड सूर्यकांत तिवारी सहित एक दर्जन से अधिक लोगों ने ईडी व ईओडब्ल्यू ने आरोपी बनाया है। आरोपियों ने मिलकर 540 करोड़ के घोटाले को अंजाम दिया है। घोटाले से अर्जित संपत्ति को परिजनों व अन्य के नाम पर अलग-अलग निवेश किया है। ईडी व ईओडब्ल्यू की जांच में इस बात की पुष्टि भी हो चुकी है। पुष्टि के बाद ईडी ने 49.73 करोड़ की संपत्ति को अटैच किया है। ईडी की इसी कार्रवाई को चुनौती देते हुए घोटालेबाज के परिजनों ने अपने-अपने अधिवक्ताओं के जरिए हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। सभी याचिकाओं की एकसाथ सुनवाई हो रही थी। सभी पक्षों को सुनने के बाद हाई कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच में हुई।

कोल स्कैम से जुड़े मामले में ईडी ने 30 जनवरी 2025 को Priventation of Moneuy Londrining Act, PMLA Act 2002 के तहत मामला दर्ज करते हुए तकरीबन 49.73 करोड़ रुपये मूल्य की 100 से अधिक चल-अचल संपत्तियां अस्थायी रूप से अटैच की थी। इनमें बैंक बैलेंस, नकदी, वाहन, जेवर और भूमि आदि शामिल हैं। अटैच की गई संपत्तियों में सूर्यकांत तिवारी, उनके भाई रजनीकांत तिवारी, कैलाशा तिवारी और दिव्या तिवारी, तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की तत्कालीन डिप्टी सिकरेट्री और पूर्व आइएएस समीर विश्नोई से जुड़ी संपत्तियां भी शामिल हैं।

संपत्ति कुर्क करने ईडी की कार्रवाई को याचिकाकर्ताओं ने हाई कोर्ट में चुनौती दी है। इन याचिकाओं में KJSL कोल पावर और इंद्रमणि मिनरल्स की ओर से भी अपील दाखिल की गई थी। कुल 10 याचिकाओं पर एक साथ डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता हर्षवर्धन परगनिहा, निखिल वार्ष्णेय, शशांक मिश्रा, अभ्युदय त्रिपाठी सहित अन्य ने पक्ष रखा। ईडी की ओर से अधिवक्ता डा. सौरभ कुमार पांडे ने दस्तावेजी प्रमाण के साथ अपनी बातें रखी और ईडी की कार्रवाई को उचित बताया। सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच ने निर्णय सुरक्षित रख लिया है।

केंद्रीय जांच एजेंसी CBI ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध छत्तीसगढ़ राज्य में कोल लेवी घोटाला करने के लिए एक "बड़ी साजिश" रची गई थी। जिसमें पिछले दो वर्षों में लेवी के नाम पर 540 करोड़ की "उगाही" की गई थी। आयकर विभाग ने जब मामला दर्ज किया तब मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत ईडी ने इस दिशा में जांच पड़ताल शुरू की।

रायपुर में प्रवर्तन निदेशालय ED ने 30 जनवरी 2025 को धन शोधन निवारण अधिनियम PMLA 2002 के तहत सूर्यकांत तिवारी, उनके भाई रजनीकांत तिवारी, कैलाशा तिवारी, दिव्या तिवारी, सौम्या चौरसिया, उनके भाई अनुराग चौरसिया, मां शांति देवी, समीर विश्नोई और अन्य से संबंधित 49.73 करोड़ रुपये की 100 से अधिक चल और अचल संपत्तियों को कुर्क किया। इनमें बैंक बैलेंस, वाहन, नकदी, आभूषण और जमीन शामिल हैं।

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