High Court News: छत्तीसगढ़ में सड़कों की खराब हालत पर हाईकोर्ट नाराज, अफसरों से पूछा- जिम्मेदारी निभाने का इरादा है भी या नहीं?
High Court News: छत्तीसगढ़ की बदहाल सड़कों को लेकर हाई कोर्ट की नाराजगी सामने आई है। बारिश के इस मौसम में खराब सड़कों पर चलना जानलेवा साबित हो रहा है। जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान डिवीजन बेंच द्वारा लगातार सख्ती बरती जा रही है। सड़कों की मरम्मत ना होने से हाई कोर्ट की नाराजगी एक बार फिर सामने आई है। नाराज कोर्ट ने यहां तक कह दिया कि यह सब काम कोर्ट का नहीं है।

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High Court News: बिलासपुर। सड़कों की बदहाली को लेकर बिलासपुर हाई कोर्ट में पीआईएल पर सुनवाई चल रही है। सुनवाई के दौरान डिवीजन बेंच ने राज्य सरकार से पूछा कि आखिर ऐसी क्या बात है जिसके कारण सड़कों की मरम्मत नहीं हो पा रही है। खराब सड़कों के कारण हो रही दुर्घटनाओं में लोगों की मौत के अलावा मवेशियों की हादसे में लगातार मौत को लेकर कोर्ट ने चिंता जाहिर की। अफसरों के कामकाज के तरीके को लेकर नाराजगी जताई। नाराज कोर्ट ने कहा कि अगर कोर्ट निगरानी ना करें तो विभागीय अफसर कोई काम ही नहीं करेंगे।
राज्य की बदहाल सड़कों और निर्माण कार्यों की धीमी गति को लेकर बिलासपुर हाई कोर्ट के डिवीजन बेंच ने नाराजगी जताई है। डिवीजन बेंच ने यहां तक कह दिया कि अगर हम ना देखें तो लगता है सरकार काम ही ना कराए। डिवीजन बेंच ने सवाल उठाते हुए अफसरों से पूछा कि कोर्ट की निगरानी में ही सड़कें बनेगी क्या। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच में पीआईएल पर सुनवाई हो रही थी। डिवीजन बेंच ने बिलासपुर, रायपुर सहित प्रदेशभर की प्रमुख सड़कों की खराब हालत और समय पर काम पूरा ना होने को लेकर नाराजगी जताते हुए राज्य शासन को शपथ पत्र के साथ जवाब पेश करने का निर्देश दिया है।
डिवीजन बेंच ने अफसरों से पूछा-
डिवीजन बेंच ने अफसरों से पूछा कि प्रदेश की सड़कों के अलावा बिलासपुर की पेंड्रीडीह बाइपास से नेहरु चौक तक की सड़क का निर्माण कार्य अप्रैल तक पूरा हो जाना था। डेडलाइन तय कर दिया गया था। इसके बाद भी पूरा क्यों नहीं हो पाया। रायपुर के धनेली एयरपोर्ट रोड का काम भी अधूरा है। सेंदरी बाईपास में प्रस्तावित 5 फुट ओवरब्रिज को लेकर डीपीआर तक तैयार नहीं हो पाया है। आधे अधूरे स्टीमेट और जिन सड़कों के लिए फंड जारी हो गया है,उसे तय समय पर पूरा ना कर पाने को लेकर कोर्ट ने नाराजगी जताई। बेंच ने राज्य सरकार और विभागीय अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह स्थिति बेहद पीड़ाजनक है। महाधिवक्ता को अदालत में तलब कर कोर्ट ने कहा कि पूरे शहर की सड़कें खराब हैं, लेकिन इस पर कोई ठोस पहल नहीं की जा रही। सिर्फ कोर्ट के कहने पर ही काम क्यों होता है।
प्रदेशभर की सड़कों की स्थिति को लेकर मांगा जवाब-
नाराज कोर्ट ने राज्य सरकार से प्रदेशभर की सड़कों की स्थिति को लेकर शपथ पत्र के साथ जवाब पेश करने का निर्देश दिया है। राज्य शासन की ओर से पैरवी कर रहे महाधिवक्ता कार्यालय के विधि अधिकारियों ने इसके लिए समय की मांग की। इस पर डिवीजन बेंच ने समय देते हुए अगली सुनवाई के लिए 4 अगस्त का दिन तय कर दिया है।
