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High Court News: छत्तीसगढ़ में बिना मान्यता के चल रहे CBSE स्कूलों का मामला पहुंचा हाई कोर्ट

High Court News: छत्तीसगढ़ में बिना मान्यता के सैकड़ों स्कूलों का संचालन CBSE सिलेबस के अनुसार संचालित किए जा रहे हैं। पालकों व स्टूडेंट्स के बीच भ्रम की स्थिति निर्मित हो रही है और इसके चलते बच्चों का साल खराब हो रहा है। सीबीएसई के नाम पर भारी भरकम फीस लेकर स्कूल प्रबंधन सीजी बोर्ड की पढ़ाई करा रहे हैं। इसे लेकर कांग्रेस नेता विकास तिवारी ने अधिवक्ता संदीप दुबे और मानस वाजपेयी के माध्यम से बिलासपुर हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच में हुई। पढ़िए डिवीजन बेंच ने क्या कहा है।

CG High Court News:
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Bilaspur High Court

By Radhakishan Sharma

बिलासपुर। याचिकाकर्ता कांग्रेस नेता विकास तिवारी ने अधिवक्ता संदीप दुबे और मानस वाजपेयी के माध्यम से बिलासपुर हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि छत्तीसगढ़ में सीबीएसई पाठ्यक्रम संचालित करने वाले बड़े व निजी स्कूल प्रबंधन द्वारा एक स्कूल की मान्यता लेकर राज्य के अलग-अलग शहरों में कई स्कूलों का संचालन कर रहे हैं। इससे पालकों व स्टूडेंट के बीच भ्रम की स्थिति पैदा हो रही है। परीक्षा के समय पता चलता है कि सीबीएसई के बजाय सीजी बोर्ड की परीक्षा दिलानी होगी। याचिकाकर्ता ने ऐसी स्कूलों की जांच करने और कार्रवाई की मांग की है।

कांग्रेस नेता याचिकाकर्ता विकास तिवारी ने अपनी याचिका में कहा है कि छत्तीसगढ़ राज्य में संचालित सभी अनधिकृत और अपंजीकृत स्कूलों, विशेष रूप से उन स्कूलों के खिलाफ तत्काल और उचित कार्रवाई शुरू करने का निर्देश दिया जाए, जो अपेक्षित वैधानिक अनुमोदन प्राप्त किए बिना प्रतिष्ठित निजी संस्थानों के नाम का दुरुपयोग कर रहे हैं। ऐसे संस्थानों की विस्तृत जांच और निरीक्षण कर इसे चिन्हांकित की जाए। याचिकाकर्ता ने मांग की है कि जांच के बाद यह सुनिश्चित किया जाए कि केवल उन स्कूलों को ही संचालन की अनुमति दी जाए जो सभी वैधानिक आवश्यकताओं, अवसंरचना मानदंडों और नियामक अनुपालन को पूरा करते हैं। याचिकाकर्ता ने मांग की है कि अभिभावकों और छात्रों के बीच भ्रम को रोकने के लिए सार्वजनिक हित में मान्यता प्राप्त और पंजीकृत स्कूलों की सूची का व्यापक रूप से प्रचार करने के लिए राज्य शासन को जरुरी गाइड लाइन जारी करना चाहिए। याचिकाकर्ता ने मांग की है कि शैक्षिक सोसाइटियों और ऐसे अनधिकृत स्कूलों का संचालन करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ उचित दंडात्मक और कानूनी कार्रवाई शुरू करें, जिसमें प्रासंगिक के तहत मुकदमा चलाना भी शामिल है।

राज्य शासन की ओर से पैरवी करते हुए महाधिवक्ता प्रफुल्ल भारत ने कहा कि याचिकाकर्ता केवल एक स्कूल कृष्णा पब्लिक स्कूल को निशाना बना रहा है। महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ता के खिलाफ कृष्णा पब्लिक स्कूल के प्रबंधन द्वारा आईपीसी की धारा 294 और 452 के तहत अपराधों के लिए 06 जून 2024 को एक प्राथमिकी दर्ज की गई है। मामले की सुनवाई के दौरान डिवीजन बेंच ने कहा कि सीबीएसई मान्यता को लेकर बिलासपुर हाई कोर्ट में एक और याचिका लंबित है। याचिकाकर्ता को कोर्ट ने रियायत दी कि चाहे तो पुरानी याचिका के साथ नई याचिका दायर की जा सकती है। हाई कोर्ट की छूट के बाद याचिकाकर्ता ने याचिका वापस ले लिया है। याचिकाकर्ता द्वारा याचिका वापस लेने के बाद डिवीजन बेंच ने याचिका दायर कर वक्त जमा की गई कोर्ट फीस को वापस लौटाने का निर्देश दिया है।

याचिकाकर्ता ने इन अफसरों को बनाया था प्रमुख पक्षकार-

1 छत्तीसगढ़ राज्य सचिव, स्कूल शिक्षा विभाग छत्तीसगढ़ शासन।

2- संचालक, लोक शिक्षण संचालनालय, स्कूल शिक्षा विभाग।

3- संयुक्त संचालक, शिक्षा संभाग रायपुर जिला- रायपुर।

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