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Guru Ghasidas Jayanti RSS Controversy: गुरुघासीदास जयंती समारोह से उलटे पांव लौटे RSS के पदाधिकारी, RSS के खिलाफ जमकर लगे नारे

Guru Ghasidas Jayanti RSS Controversy: गुरुघासीदास जयंती समारोह में शिरकत करने पहुंचे राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ RSS के पदाधिकारियों को सतनामी समाज के युवाओं का भारी विरोध का सामना करना पड़ा। आरएसएस के पदाधिकारियों को कार्यक्रम में देखकर समाज के युवा भड़क उठे। नाराज युवाओं ने पदाधिकारियों को वापस जाने कहा। युवाओं के विरोध के बीच जब राजमंहत ने बात संभालने की कोशिश की तो युवाओं ने उनकी नहीं सुनी और आरएसएस के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। बहस और विवाद के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पदाधिकारियों को कार्यक्रम से वापस लौटना पड़ा।

Guru Ghasidas Jayanti RSS Controversy: गुरुघासीदास जयंती समारोह से उलटे पांव लौटे RSS के पदाधिकारी, RSS के खिलाफ जमकर लगे नारे
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By Radhakishan Sharma

Guru Ghasidas Jayanti RSS Controversy: बिलासपुर। गुरुघासीदास जयंती समारोह में शिरकत करने पहुंचे राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ RSS के पदाधिकारियों को सतनामी समाज के युवाओं का भारी विरोध का सामना करना पड़ा। आरएसएस के पदाधिकारियों को कार्यक्रम में देखकर समाज के युवा भड़क उठे। नाराज युवाओं ने पदाधिकारियों को वापस जाने कहा। युवाओं के विरोध के बीच जब राजमंहत ने बात संभालने की कोशिश की तो युवाओं ने उनकी नहीं सुनी और आरएसएस के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। बहस और विवाद के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पदाधिकारियों को कार्यक्रम से वापस लौटना पड़ा। नारेबाजी कर रहे युवाओं ने आरएसएस के पदाधिकारियों से दोटूक कहा, निकलिए यहां से। कार्यक्रम से आरएसएस के पदाधिकारियों को अपमानित होकर लौटना पड़ा। वीडियो अब सोशल मीडिया में तेजी के साथ वायरल हो रहा है।

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में गुरु घासीदास जयंती समारोह के दौरान उस वक्त जमकर बवाल हो गया। जब समाज के भाजपा समर्थित लोगों ने RSS के पदाधिकारियों को कार्यक्रम में शामिल होने आमंत्रित कर दिया। आमंत्रण के बाद पदाधिकारी कार्यक्रम स्थील पहुंचे। आरएसएस के पदाधिकारियों को देखते ही समाज के युवा भड़क उठे। पदाधिकारियों की कार्यक्रम में मौजूदगी को लेकर युवाओं ने सवाल उठाए और वापस जाओ के नारे लगाने लगे। नारेबाजी के बीच युवाओं ने आरएसएस वापस जाओ के नारे लगाने लगे। युवाओं के विरोध को देखते हुए महंत बाड़ा के राजमहंत डा बसंत अंचल ने हस्तक्षेप करते हुए मनखे-मनखे एकसमान जैसे गुरुघासीदास के संदेश को बोलते हुए कहा कि अगर आ गए हैं तो आपत्ति क्यों होनी चाहिए। नाराज युवाओं ने राजमंहत की भी एक नहीं सुनी और नारेबाजी करते रहे। इसके चलते कार्यक्रम स्थल जरहाभाठा मिनीबस्ती महंत बाड़ा का माहौल कुछ देर के लिए असहज हो गया था। नारेबाजी के बीच आरएसएस के पदाधिकारियों ने अपनी बात भी रखी। हंगामा मचाने वाले युवाओं ने उनकी एक नहीं सुनी।

18 दिसंबर को देश व प्रदेश के साथ ही शहर में गुरु घासीदास जयंती के अवसर पर समारोह का महंत बाड़ा में आयोजन किया गया था। सतनामी समाज के लोगों ने श्रद्धा और उत्साह के साथ समारोह का आयोजन किया। इस दौरान महिला और पुरुष श्रद्धालु अपनी-अपनी मन्नत लेकर नारियल और पूजा सामग्री के साथ जैतखंभ पहुंचे, जहां विधि विधान से पूजा-अर्चना की गई।


राजमहंत के आमंत्रण पर पहुंचे थे आरएसएस के पदाधिकारी, होना पड़ा अपमानित

महंत बाड़ा के राजमहंत डॉ. बसंत अंचल के आमंत्रण पर राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के विभाग संघ चालक डॉ राजकुमार सचदेव, जिला संघ चालक रामधन रजक, नगर संघ चालक प्रदीप शर्मा सहित RSS के पदाधिकारी व स्वयंसेवक कार्यक्रम स्थल महंत बाड़ा पहुंचे थे। जब कार्यक्रम में RSS के पदाधिकारी पहुंचे, तब उन्हें देखकर समाज के युवा भड़क गए। उन्होंने सामाजिक कार्यक्रम में RSS की मौजूदगी पर आपत्ति जताई, जिसके बाद नारेबाजी करते हुए उन्हें वापस जाने के लिए दबाव बनाने लगे। युवाओं ने RSS के खिलाफ जमकर नारेबाजी की, जिसके चलते माहौल तनावपूर्ण हो गया। आरएसएस के पदाधिकारियों को कार्यक्रम स्थल में देखते ही समाज के युवा जितेंद्र बंजारे सहित अन्य लोगों ने विरोध करते हुए RSS के पदाधिकारियों को अपमानित करना शुरू किया, तब राजमहंत डॉ. बसंत अंचल ने विरोध करने वालों को समझाइश देने की कोशिश की, पर विरोध दर्ज करा रहे युवाओं ने उनकी एक नहीं सुनी। कार्यक्रम में मौजूद आरएसएस के पदाधिकारियों को अपमानतित करते रहे। उनकी हरकतों को देखकर RSS के पदाधिकारी कहते रहे कि वे पूजा-आराधना करने आए थे। जब उन्हें आपत्ति है तो वे जा रहे हैं।

वीडियो में यह सब

सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर वायरल हो रहे वीडियो में यह सब वीडियो में युवाओं के नारेबाजी और आरएसएस पदाधिकारियों को अपमानित करने के बीच राजमहंत डॉ. अंचल ने युवाओं को चेतावनी दी तब मामला और गरमा गया। डॉ. अंचल का कहना था कि यह हरकत बाबा गुरु घासीदास के आदर्शों के खिलाफ है। उन्होंने खुद कहा था मनखे-मनखे एक समाज, वो किसी एक समाज के गुरु नहीं थे। उनकी बातों को सुनकर युवा भड़क गए और RSS के पदाधिकारियों से कहने लगे कि जाओ अपने घर में गुरु घासीदास जयंती मनाना। यह उनका पारिवारिक आयोजन है। जिसमें वो शामिल नहीं हो सकते।

राजमहंत ने घटना पर जताई आपत्ति

घटना के बाद महंत बाड़ा के राजमहंत डॉ. बसंत अंचल ने आपत्ति दर्ज कराई है। सतनामी समाज ने हंगामा करने वाले जितेंद्र बंजारा पर साम्प्रदायिक उन्माद फैलाने का आरोप लगाया है और शिकायत करने का फैसला किया है। सभी मुख्यमंत्री, गृह मंत्री और जिले के SSP से शिकायत करेंगे।


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