GST Scam: 512 करोड़ की फर्जी बिलिंग, 150 बैंक अकाउंट और कागजों पर खड़ा किया कोल साम्राज्य
GST Scam: छत्तीसगढ़ के मरवाही के कोल कारोबारी ने गजब का घोटाला किया है। 150 बैंक अकाउंट के जरिए 512 करोड़ की फर्जी बिलिंग कर राज्य सरकार को जमकर चूना लगाया है। भोपाल EOW के अफसरों ने कोयला काराेबारी को मरवाही से गिरफ्तार किया है। जांच में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि करोड़ो के फर्जीवाड़ा कागजों में ही किया है। मौके पर ना तो कंपनी और ना ही फर्म मिला है। ट्रांसपोर्टिंग भी कागजों में ही बताते रहा है।

GST Scam: बिलासपुर। मध्य प्रदेश के EOW के अफसरों ने जीएसटी घोटाले में छत्तीसगढ़ के गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले के मरवाही के कोयला काराेबारी शेफ जफर को गिरफ्तार किया है। कोल व्यवसायी पर आरोप है कि फर्जी इनवायस बनाकर करोड़ों का इनपुट टैक्स क्रेडिट क्लेम किया है। ईओडब्ल्यू के अफसरों का कहना है कि फर्जीवाड़ा करने वाले कोयला व्यापारी से पूछताछ की जा रही है। एक बड़े नेटवर्क का खुलासा होने की संभावना अफसर जता रहे हैं।
पूछताछ में जानकारी मिली है कि शेख जफर नेटवर्क के मास्टर माइंड विनोद कुमार सहाय के लिए काम करता है। सहाय को ईओडब्ल्यू ने 25 जून को झारखंड के रांची से गिरफ्तार किया था। शेख जफर के दो फर्म अंबर कोल डीपो और अनम ट्रेडर्स जबलपुर के पते पर रजिस्टर्ड है। ईओडब्ल्यू की जांच में यह सामने आया है कि मास्टर माइंड सहाय ने बेनामी कंपनियां व फर्म बनाए। जांच में तकरीबन 23 फर्जी फर्म और कंपनियांं का खुलासा हुआ है। इन्हीं कंपनियों और फर्मों के लिए 150 से ज्यादा बैंक खातों का इस्तेमाल किया। इन्हीं खातों के जरिए 512 करोड़ से भी ज्यादा की फर्जी बिलिंग की।
छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में किया उपयोग-
फर्जी फर्मों और कंपनियों का उपयोग छत्तीसगढ़ के अलावा झारखंड व महाराष्ट्र में किया गया है। कोराज टेक्निक्स, मां नर्मदा ट्रेडर्स,जगदंबा कोल कैरियर, अभिजीत ट्रेडर्स,नमामि ट्रेडर्स, महामाया ट्रेडर्स जैसे नामों से बेनामी फर्म व कंपनियां खड़ी की गई। इन्हीं कंपनियों व फर्म के जरिए करोड़ो का वारा-न्यारा किया गया। फर्जी कंपनियों व फर्मों के जरिए माल की सप्लाई करना बताया और इनवायस बनवाए। जीएसटी रिटर्न में फर्जी आईटीसी क्लेम के जरिए 34 करोड़ का चूना सरकारी खजाना को अलग लगाया है।
फर्जी आधार,पैन कार्ड व फोटाे का किया इस्तेमाल-
नेटवर्क के मास्टर माइंड विनोद सहाय ने लोगों को फर्जी नाम से फोन करता था, लोन दिलाने का झांसा देकर आधार कार्ड,पैनकार्ड और फोटो व जमीन के दस्तावेज ले लेता था। इन्हीं सबका उपयोग फर्जी फर्म व कंपनी बनाने में करता था। फर्जीवाड़ा करने के दौरान पूरी प्लानिंग से यह सब किया। कंपनियों के नाम पर इनवायसिंग के जरिए फर्जी लेन-देन दिखाने का काम चालाकी के साथ करता था। यह सब कागजों में चल रहा था। जांच में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि व्यापार, माल स्टाक या ट्रांसपाेर्ट का काम मौके पर मिला ही नहीं। करोड़ो का फर्जीवाड़ा कागजाें में ही किया।
