Election News: पहले मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ और अब झारखंड व महाराष्ट्र में महिलाओं ने सौंपी सत्ता...
पिछले विधानसभा चुनाव से भाजपा के रणनीतिकारों की रणनीति पर नजर डालें तो महिला मतदाताओं पर कुछ ज्यादा ही फोकस करते रहे हैं। मध्य प्रदेश में लाडली बहन योजना तो छत्तीसगढ़ में महतारी वंदन योजना की घोषणा की थी। महाराष्ट्र में भी मध्य प्रदेश की तर्ज पर एनडीए गठबंधन ने लाड़ली बहन योजना को लांच किया था। चुनाव परिणाम से यह साफ हो गया है कि मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की तरह महाराष्ट्र में भी महिलाओं के सहारे एनडीए ने सत्ता पर कब्जा कर लिया है। महाराष्ट्र की राजनीति में भाजपा जिस अंदाज में प्रभावी ढंग से उभरकर सामने आई है इससे राष्ट्र्रीय राजनीति में असर दिखाई देगा। झारखंड की राजनीति में भी महिला मतदाताओं का प्रभावी असर दिखाई दे रहा है। महिलाओं ने सोरेन सरकार को दोबारा सत्ता की चाबी सौंप दी है।
Election News: बिलासपुर। पिछले विधानसभा चुनाव से भाजपा के रणनीतिकारों की रणनीति पर नजर डालें तो महिला मतदाताओं पर कुछ ज्यादा ही फोकस करते रहे हैं। मध्य प्रदेश में लाडली बहन योजना तो छत्तीसगढ़ में महतारी वंदन योजना की घोषणा की थी। महाराष्ट्र में भी मध्य प्रदेश की तर्ज पर एनडीए गठबंधन ने लाड़ली बहन योजना को लांच किया था।
चुनाव परिणाम से यह साफ हो गया है कि मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की तरह महाराष्ट्र में भी महिलाओं के सहारे एनडीए ने सत्ता पर कब्जा कर लिया है। महाराष्ट्र की राजनीति में भाजपा जिस अंदाज में प्रभावी ढंग से उभरकर सामने आई है इससे राष्ट्र्रीय राजनीति में असर दिखाई देगा। झारखंड की राजनीति में भी महिला मतदाताओं का प्रभावी असर दिखाई दे रहा है। महिलाओं ने सोरेन सरकार को दोबारा सत्ता की चाबी सौंप दी है।
81 विधानसभा सीटों वाली झारखंड में विधानसभा चुनाव के अपने खास मायने रहा है। भाजपा जहां घुसपैठिए को चुनावी मुद्दा बनाया था। चुनावी मुद्दे के बीच राजनीति भी उसी अंदाज में गरमाई। मतदान के बाद जब आंकडों पर नजर गया तो चौंकाने वाली बात सामने आई। पुरुषों के मुकाबले महिला मतदाताओं ने बढ़चढ़कर हिस्सा लिया। झारखंड की 81 विधानसभा सीटों में कुल 67.74% कुल मतदान हुआ। पहले चरण की 43 सीटों पर जहां 66.65% प्रतिशत वहीं, दूसरे चरण के 38 सीटों पर 68.95% मतदान हुआ।
0 महिलाओं का वोटिंग प्रतिशत बढ़ा
चुनाव आयोग के आंकडा़ें पर नजर डालें तो प्रथम चरण में के 43 में से 37 सीटों पर महिला मतदाताओं का वोटिंग प्रतिशत ज्यादा रहा. वहीं, दूसरे चरण की 38 में से 31 सीटों पर पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं ने ज्यादा मतदान किया है। दोनों चरण में पुरुषों की अपेक्षा 5,51,797 से ज्यादा महिलाओं ने मतदान किया है। मतदान के बाद एक और परिदृश्य उभरकर सामने आया। शहरी व ग्रामीण मतदाताओं की मतदान के प्रति जागरूकता और रूचि भी सामने आई। दोनों चरणों में शहरी वोटर्स के मुकाबले ग्रामीणों ने ज्यादा वोट किए। झारखंड में जिस तरह महिलाएं घर से निकलकर मतदान केंद्र तक पहुंची और अपने मताधिकार का प्रयोग इससे साफ हो गया था कि सरकार बनाने में इनकी भूमिका सबसे खास रहने वाली है। हुआ भी यही। चुनाव परिणम से स्पष्ट हो गया है कि महिलाओं ने झारखंड मुक्ति मोर्चा को बिना किसी संकोच के सत्ता सौंप दी है।
0 महायुति की जीत के अपने मायने
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति गठबंधन ने लाड़ली बहिन योजना को लांच किया था। इस योजना ने छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश की तरह महाराष्ट्र में भी काम किया और सत्ता महायुति गठबंधन को सौंप दिया है। महायुति और महाविकास अधाड़ी की राजनीति और रणनीति की चर्चा करना भी जरुरी है। महाविकास अघाड़ी का ओवर कांफिडेंस और गठबंधन के स्थानीय प्रादेशिक नेताओं के बीच आपसी खिंचतान भी सत्ता से बाहर रहने का कारण बना है।
0 प्याज के किसान बदल देते हैं सत्ता
महाराष्ट्र में एक और बड़ा फैक्टर प्याज उत्पादक किसान हैं। ऐसा माना जाता है कि किसान अगर सरकार से नाराज हुआ तो सत्ता से बेदखल कर ही मानते हैं। भाजपा ने इसे पहले ही भांप लिया था। प्याज उत्पादक किसानों का उत्पाद का वाजिब दाम मिले इसके लिए भाजपा ने एक्सपोर्ट से प्रतिबंध हटा लिया था। एक्सपोर्ट से प्रतिबंध हटते ही इसका सीधा फायदा किसानों को मिलने लगा। किसानों की खुशी का मतलब अब दिखाई दे रहा है। एक्सपोर्ट से बैन हटने का सीधा फायदा किसानों और वोट के बाद भाजपा को मिला है।