Durg News: अस्पताल में बच्चा अदला-बदली में बड़ी कार्रवाई, 1 बर्खास्त, 5 की वेतन वृद्धि रुकी
Durg News: जिला अस्पताल में साधना का बच्चा शबाना को और शबाना का बच्चा साधना को देने के मामले में कलेक्टर ने टीम गठित करवा जांच करवाई थी। इसमें लापरवाही पाए जाने पर एक कर्मी को बर्खास्त किया गया है। वही पांच कर्मियों की एक वेतन वृद्धि रोकी गई है।

Durg News दुर्ग। जिला अस्पताल में बच्चा बदलने के मामले में कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी के द्वारा गठित जांच टीम की रिपोर्ट मिलने के बाद कार्यवाही हुई है। इसमें ओटी टेक्नीशियन की सेवा समाप्त कर दी गई है। जिस ओटी टेक्नीशियन को बर्खास्त किया गया। वह डीएमएफ कर्मी था। वहीं पांच कर्मियों की एक वेतन वृद्धि रोक दी गई है। जीवनदीप समिति के कर्मी पर कार्यवाही करने उसके नियुक्ति अधिकारी सिविल सर्जन डॉक्टर हेमंत साहू के पास रिपोर्ट भेज दी गई है। पत्र में ललित का पद नाम स्वीपर की बजाय वार्ड बॉय लिखा मिला। इसलिए 6 कर्मियों के साथ तत्काल ललित पर कार्यवाही नहीं हो पाई। सिविल सर्जन ने ललित के नाम व पदनाम की सही जानकारी देते हुए सीएमएचओ से मार्गदर्शन मांगा था। अब मार्गदर्शन के अनुसार ही स्वीपर ललित पर नियमानुसार कार्यवाही होगी।
23 जनवरी 2025 को जिला अस्पताल दुर्ग में साधना सिंह और शबाना कुरैशी की डिलीवरी हुई थी। बच्चों को सौंपने के दौरान साधना का बच्चा शबाना को और शबाना का बच्चा साधना को सौंप दिया गया। एक हफ्ते बाद जब शबाना टांका खुलवाने पहुंची तो बच्चे के हाथ में लगे टैग में साधना का नाम लिखा था। इससे पता चला की बच्चा अदली–बदली हो गया है। फिर डीएनए टेस्ट कराकर दोनों माता-पिता उनके बच्चों को सौंपा गया।
मामले में बवाल मचने के बाद कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी ने दो सदस्यीय जांच टीम गठित की थी। टीम ने प्रसूति विभाग में लगे सीसीटीवी, फाइल, स्टाफ से पूछताछ कर रिपोर्ट सौंपी। खुलासा हुआ कि कर्मचारियों की लापरवाही से यह गलती हुई। कलेक्टर ने सीएमएचओ को कार्रवाई के निर्देश दिए। सीएचएमओ ने कार्रवाई के आदेश देते हुए सीएस हेमंत कुमार साहू को पत्र भेजा। जिसके अनुसार एक स्टाफ का सेवा समाप्त और 5 नर्सिंग स्टाफ की एक साल की वेतन वृद्वि रोकी है।
मामले में सीएमएचओ दुर्ग डॉक्टर मनोज दानी का कहना है कि कलेक्टर के आदेश पर जांच टीम बनी थी। उनके आदेश पर दोषी कर्मचारियों पर कार्रवाई की गई है।
इन पर गिरी गाज
ओटी टेक्नीशियन मोतिम साहू को बर्खास्त किया गया। उसके द्वारा बेबी टैग में माताओं का पूरा नाम नहीं लिखा था।
ओटी टेक्नीशियन कीर्ति कुर्रे की एक वेतन वृद्धि रोकी गई। उसके द्वारा बच्चों के टैग में उनकी माता के नाम का सही सत्यापन नहीं किया गया।
सिस्टर सुशीला व नर्स उषा – एक वेतन वृद्धि रोका गया। इनके द्वारा बेबी रिसीविंग कॉर्नर व अन्य जगह में एंट्री करते समय वेरीफाई नहीं किया गया।
सिस्टर उषा गुप्ता एवं नर्स नम्रता – एक वेतन वृद्धि रोका गया। इनके द्वारा वार्ड में उनकी माताओं के नाम से बच्चों को वेरीफाई नहीं किया गया।