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Durg news: छत्तीसगढ़ के जेल में एक्सटॉर्शन गिरोह: आनलाइन घुसखोरी करने वाला सरगना जेल प्रहरी गिरफ्तार

Durg news: जेल में कैदियों के परिजनों से रुपयों की मांग की जाती थी। रुपए नहीं देने पर प्रताड़ित किया जाता था। पैसे मिलने पर सारी सुविधाएं है उपलब्ध करवाई जाती थी। जेल के कुछ कैदी गैंग बनाकर इस काम को अंजाम दे रहे थे। जेल का प्रहरी अपने फोन पे पर पैसा मंगवाता था। एक कैदी के परिजनों ने 500 रुपए वसूली की शिकायत पहुंचने पर पुलिस ने मामले की गंभीरता से जांच कर गिरोह के सरगना जेल प्रहरी को भी गिरफ्तार किया है।

Durg news: छत्तीसगढ़ के जेल में एक्सटॉर्शन गिरोह: आनलाइन घुसखोरी करने वाला सरगना जेल प्रहरी गिरफ्तार
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By Radhakishan Sharma

Durg news:। दुर्ग सेंट्रल जेल के अंदर एक्सटॉर्शन गिरोह सक्रिय था। जेल के कैदियों से परिजनों के माध्यम से पैसे मांगे जाते थे। पैसे नहीं देने पर कैदियों के साथ मारपीट कर उन्हें प्रताड़ित किया जाता था। इस गिरोह में जेल प्रहरी दिवाकर सिंह पैकरा शामिल था। उसी के द्वारा अपने फोन पे के जिरए आनलाइन पैसे जमा कराया जाता था। पुलिस ने सरगना जेल प्रहरी को गिरफ्तार कर लिया है। मामला पद्मनापुर थाना क्षेत्र का है।

मामले का खुलासा करते हुए पुलिस एएसपी पद्मश्री तंवर ने बताया कि नेवई मरोदा टैंक मार्केट लाइन निवासी हनुमान नायक उर्फ हनु की शिकायत पर जांच की गई थी। विचाराधीन बंदी संदीप वासनिक ने जेल के अंदर से अपने दोस्त हनु को फोन कर जानकारी दी। उसे मोबाइल पर बोला गया कि जेल में सुविधा के लिए पैसे देना पड़ेगा। नहीं देने पर प्रताड़ित किया जाएगा। तब हनु ने पूछा किस नंबर पर कॉल आया था। नंबर बताने पर हनु ने उस नंबर पर कॉल किया और पैसे देने की बात कही। हनु ने फोन-पे के माध्यम से आरोपी प्रतीक वासनिक और जेल प्रहरी दिवाकर सिंह पैकरा को पैसा भेजा। पैसा भेजने के बाद पुलिस में शिकायत की।

शिकायत मिलने पर पद्मनाभपुर पुलिस ने जेल प्रशासन के सहयोग से मामले की जांच की। जेल प्रहरी दिवाकर सिंह पैकरा से पूछताछ कर मोबाइल की जांच की गई। फोन-पे के माध्यम से रकम लेने की पुष्टि हुई। पूछताछ में खुलासा हुआ कि जेल में निरूद्ध बंदी संदीप वासनिक व्दारा आरोपी प्रतीक वासनिक के माध्यम सेे पैसा भिजवाया गया है। जेल प्रहरी दिवाकर सिंह पैकरा ने स्वीकार किया कि उसने जेल में सामान पहुंचाने और सुविधा मुहैय्या कराने के एवज में पैसा लिया। फोन-पे पर रकम आना पाया गया। जेल प्रहरी के खिलाफ साक्ष्य पाए जाने पर उसके मोबाइल फोन और स्टेटमेंट को जब्त किया किया। जिन पांच लोगों को पहले गिरफ्तार कर जेल भेजा गया उनका जेल से कोई ताल्लुकात नहीं लेकिन प्रहारी के साथ हैं। जेल प्रहरी दिवाकर सिंह पैकरा इनके माध्यम से पैसा मांगाता था। जेल कोई नया बंदी आने पर उनके घरवालों को फोन कर उगाही की जाती थी। जेल में पैसा उगाही का मामला नया नहीं है। बताया जाता है कि पैसा देने वाले बंदियों को वहां सारी सुविधाएं मिलती है। जो पैसा नहीं दे सकते उनसे मारपीट कर उनको परेशान किया जाता।

आरोपी जेल प्रहरी के खिलाफ धारा 308(2), 308 (5), 111 (2) (ख), 3.5 के तहत प्रकरण दर्ज कर उसे भी गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। इस मामले में पुलिस ने पांच आरोपियों इसराइल कुमार, अजय दीवान, प्रतीक वासनिक, संजय वासनिक और लोकेश्वरी साहू को पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। जेल प्रहरी इनके जरिए भी बंदियों के परिजनों से पैसा मंगवाता था। पैसे नहीं देने पर अपने गिरोह के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर जेल में प्रताड़ित करता था।

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