डॉक्टर्स फेडरेशन ने स्टाइपेंड और हॉस्टल फीस की अनियमितता को लेकर स्वास्थ्य मंत्री से की मुलाकात, मंत्री ने दिया आश्वासन
छत्तीसगढ़ डॉक्टर्स फेडरेशन की टीम ने स्टाइपेंड और हॉस्टल फीस की अनियमितता को लेकर स्वास्थ्य मंत्री को ज्ञापन सौंपा है।

रायपुर। छत्तीसगढ़ डॉक्टर्स फेडरेशन की टीम ने डीएम/एमसीएच (सुपरस्पेसिलिटी) की पढ़ाई कर रहे डॉक्टर की स्टाइपेंड और हॉस्टल फीस की अनियमितता को लेकर स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल को ज्ञापन सौंपा है। डॉक्टरों की मांगों पर स्वास्थ्य मंत्री ने उचित कार्यवाही का आश्वासन दिया है।
ज्ञापन में निम्न विषय का उल्लेख किया गया...
1. छत्तीसगढ़ में। डीएम/ एमसीएच कैंडिडेट को MD/Ms पीजी के बराबर का वेतन मिल रहा है जो कि एनएमसी नियम विरूद्ध है एवं अन्य राज्यों की अपेक्षा बहुत ही कम वेतन मिलता है इसका मुख्य कारण छत्तीसगढ़ में सुपरस्पेशलिटी का अलग कैडर का ना होना है, जिसके कारण यहाँ डीएम/एमसीएच डॉक्टर्स को एमडी/एमएस के बराबर वेतन मिलता है।
2. छत्तीसगढ़ में डीकेएस हास्पिटल के सुपरस्पेसिलिटी रेसिडेंट डॉक्टर्स का हॉस्टल फीस भी 5 हज़ार रुपये प्रति महीने की दर से वसूला जा रहा है जबकि अन्य मेडिकल कॉलेज मे पीजी हॉस्टल का चार्ज मात्र 650 रुपया है, एनएमसी में डिग्री (डीएम/एमसीएच) बढ़ने के साथ वेतन वृद्धि भी की जाती है। लेकिन छत्तीसगढ़ में डिग्री बढ़ने के साथ वेतन वृद्धि नहीं हुई है लेकिन हॉस्टल फीस में 2022 सें एकाएक वृद्धि ज़रूर की गई है। अन्य राज्यों की तुलना (यूपी/दिल्ली/महाराष्ट्र/ओडिशा/बिहार)में यहाँ DM MCH पीजी डॉक्टर्स को 20 तीस हज़ार हर महीने कम वेतन मिल रहा है।
3. यहाँ एमसीएच/डीएम की पढ़ाई कर रहे एकमात्र सरकारी हॉस्पिटल डीकेएस की सीट को अभी भी एनएमसी से मान्यता नहीं मिली है ,उस पर त्वरित कार्यवाही का आग्रह किया गया।
4. इसके साथ ही रेगुलर डॉक्टर्स की 3 वर्ष की पीजी पढ़ाई हेतु सवैतनिक अध्यन अवकाश पर भी जल्दी कार्यवाही करने का निवेदन किया गया! स्वास्थ्य मंत्री ने उचित कार्यवाही का आश्वासन दिया है