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डिजिटल क्रांति की ओर बढ़ता छत्तीसगढ़, जन सुविधाओं के लिए हर विभाग में ई-ऑफिस प्रणाली लागू कर रही विष्णु देव साय की सरकार

छत्तीसगढ़ सरकार अब पूरा सिस्टम ऑनलाइन करने जा रही है। सरकार में बैठे लोगों के मानना है कि इससे न केवल फास्ट काम होगा, बल्कि पारदर्शित रहने से भ्रष्टाचार पर भी अंकुश लगेगा।

डिजिटल क्रांति की ओर बढ़ता छत्तीसगढ़, जन सुविधाओं के लिए हर विभाग में ई-ऑफिस प्रणाली लागू कर रही विष्णु देव साय की सरकार
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By Sandeep Kumar

रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य ने सरकार की योजनाओं और कार्यों को पारदर्शी और कुशल बनाने के लिए डिजिटल तकनीक को अपना प्रमुख साधन बनाया है। जनता की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए सरकार ने ई-ऑफिस प्रणाली लागू की है, जिसके माध्यम से सरकारी दस्तावेजों का प्रबंधन, सुरक्षा और फाइलों का निपटारा तेजी से किया जा रहा है। इस कदम से न केवल सरकारी प्रक्रिया की गति बढ़ी है, बल्कि कामकाज में पारदर्शिता भी आई है।

इसी तरह मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ मुख्यमंत्री कार्यालय छत्तीसगढ़ शासन) में भी डिजिटल रूपांतरण की दिशा में कदम उठाए गए हैं। ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से नागरिकों को मुख्यमंत्री के रोजमर्रा के कार्यक्रम, राज्य की योजनाओं और छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहरों के साथ विभिन्न जिलों की जानकारी उपलब्ध होने से आम लोगों को भी सहूलियत होगी। यह डिजिटल पहल न केवल सरकारी कार्यप्रणाली को सरल बना रही है, बल्कि नागरिकों को भी राज्य के विकास में भागीदार बना रही है। आज जब पूरी दुनिया डिजिटल क्रांति की ओर बढ़ रही है, भारत भी इस बदलाव की अगुवाई कर रहा है।

इसी क्रम में छत्तीसगढ़ राज्य भी डिजिटल युग में कदम से कदम मिलाते हुए अपने विकास की कहानी लिख रहा है। बीते कुछ महीनों में, छत्तीसगढ़ ने डिजिटल प्रगति और सुशासन की दिशा में जो उल्लेखनीय कदम उठाए हैं, वे न सिर्फ राज्य को विकास की ओर ले जा रहे हैं, बल्कि प्रदेश के नागरिकों के जीवन को भी सरल और सुविधाजनक बना रहे हैं। यह विकास प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की गारंटी और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के कुशल नेतृत्व का प्रमाण है।

सरकारी विभागों और संगठनों को आईसीटी यानी सूचना और संचार प्रौद्योगिकी सेवाएं प्रदान करने के लिए वर्ष 2001 में एनआईसी का छत्तीसगढ़ राज्य केन्द्र रायपुर में स्थापित किया गया था। जिला केन्द्रों की गतिविधियों का प्रबंधन करने के लिए अत्याधुनिक विडियो कॉन्फरेंसिंग स्टूडियो, हाई स्पीड निकनेट (एनआईसी इंटरनेट) कनेक्टिविटी और डीआईओ, डीआईए के साथ सभी 27 जिलों में जिला केंद्र कार्यरत हैं और राज्य में विभिन्न ई-गवर्नेंस नागरिक सेवाओं को निर्विघ्न प्रदाय करने के दायित्व का निर्वहन करते हैं।

एनआईसी ने पिछले 26 वर्षों के दौरान राष्ट्रीय, राज्य और जिला स्तर पर सूचना विज्ञान विकास कार्यक्रम में एक सक्रिय उत्प्रेरक और सूत्रधार की महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। एनआईसी ने सामाजिक रूप से ई-गवर्नेंस को बढ़ावा दिया है। डिजिटल प्रौद्योगिकी द्वारा प्रदान किए गए अवसरों का उपयोग करके प्रतिस्पर्धात्मक लाभ एनआईसी ने प्रत्येक स्तर तक पहुँचने एवं सूचना और संचार प्रौद्योगिकी को अपनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है यानी सामाजिक और लोक प्रशासन में आईटी अनुप्रयोगों को लागू करने में सहायता की है। राज्य सरकार, जिला सरकार और छत्तीसगढ़ के नागरिकों को अत्याधुनिक ई-गवर्नेंस समाधान प्रदान करने के लिए एनआईसी छत्तीसगढ़ के प्रयासों को राष्ट्रीय, राज्य और जिला स्तर पर विभिन्न प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है।

नक्सलवाद के खिलाफ डिजिटल क्रांति

बस्तर में डिजिटल क्रांति और राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण यानी एनआईए नक्सलवाद की लड़ाई में निर्णायक भूमिका निभा रही हैं। यहां घोर नक्सली क्षेत्र में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय सरकार ने 253 नए मोबाइल टॉवर स्थापित किए हैं। इससे जवानों को समय पर मोबाइल के जरिए ही कमांड मिल रहा है। धुर नक्सल क्षेत्र के कई इलाकों में पहली बार मोबाइल का नेटवर्क पहुंचा है। एनआईए ने अलग-अलग मामलों में 18 नए प्रकरण दर्ज किए हैं। ऐसे लोगों की गिरफ्तारियां हुई हैं जो कि नक्सलियों को फंड पहुंचाने का काम करते रहे हैं। इस तरह नक्सलियों के वित्तीय तंत्र को भी ध्वस्त किया जा रहा है। ऐसे मामलों में एनआईए यहां 27 प्रकरणों की जांच कर रही है।

इसके अलावा राज्य में घटित होने वाली नक्सल घटनाओं के कुशल अनुसंधान और अभियोजन की प्रभावी कार्रवाई के लिए राज्य सरकार ने राज्य अन्वेषण एजेंसी (एसआईए) का भी गठन किया है। पिछले नौ महीने के भीतर केंद्र और राज्य सरकार के बीच बेहतर समन्वय से जवानों का हौसला बढ़ा और सूचना तंत्र पहले से अधिक मजबूत हुआ है। नतीजा यह हुआ कि अब तक 188 नक्सलियों को जवानों ने मार गिराया।

बस्तर में डिजिटल क्रांति

केंद्र सरकार की एलडब्ल्यूई योजना के तहत शुरू किए गए इस प्रोजेक्ट में 841 करोड़ रुपये की लागत से 971 गांवों में मोबाइल टावर स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है। इनमें 550 गांवों तक नेटवर्क पहुंच गया है। यहां 5-जी नेटवर्क भी पहुंचाने की कवायद की जा रही है। भारत नेट परियोजना में केंद्र सरकार ने बस्तर को प्राथमिकता में रखा है। सरकार की पहल से नेटवर्क कनेक्टिविटी अब इन गांवों तक पहुंच रही है। एक समय था जब लोगों को आधार कार्ड, पैन कार्ड से लेकर एक फोटो कॉपी कराने के लिए भी जिला मुख्यालय और विकासखंड मुख्यालय तक दौड़ लगानी पड़ती थी।

ग्रामीण मीलों दूर का सफर कर अपना काम कराते थे। अब यहां गांव में ही पैन कार्ड, आधार कार्ड, आयुष्मान कार्ड और मनी ट्रांसफर की सुविधा का लाभ ग्रामीण उठाने लगे हैं। छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री व गृहमंत्री विजय शर्मा बताते हैं कि हम मोबाइल कनेक्टिविटी से सरकारी योजनाओं की जानकारी व सुविधा लोगों तक पहुंचा रहे हैं। नक्सली चाहते हैं कि यहां के लोगों को बिजली, पानी, सड़क, अस्पताल और अन्य सुविधा न मिले। मोबाइल नेटवर्क की सुविधा आज की मांग है और सरकार इस दिशा में भी काम कर रही है।

’स्वागतम’ पोर्टलः समय और सुविधा का संगम

छत्तीसगढ़ सरकार ने आम नागरिकों के लिए मंत्रालय में प्रवेश को सुगम बनाने के लिए ’स्वागतम’ पोर्टल की शुरुआत की है। इस पोर्टल के माध्यम से बड़े शहर हो या सुदूर क्षेत्र के लोग ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं और उन्हें एसएमएस और ई-मेल के जरिए प्रवेश पास प्राप्त होगा। इससे समय की बचत होगी और कतारों में लगने की आवश्यकता नहीं होगी। यह पहल न केवल प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सरल बना रही है, बल्कि आम जनता के लिए सरकार के द्वार खोल रही है।

दस महीनों में सुशासन की ओर कदम

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ ने करीब दस महीनों में ’’सुशासन’’ की एक नई परिभाषा गढ़ी है। सरकार ने विकास के साथ-साथ आम जनता का विश्वास वापस पाने में भी सफलता हासिल की है। ’मोदी की गारंटी’ को पूरा करने के लिए विष्णु सरकार ने कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। इन दस महीनों में सरकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन पर विशेष ध्यान दिया गया, जिससे जनता को सीधे लाभ मिल रहा है।

डिजिटल छत्तीसगढ़ः भविष्य की ओर बढ़ता राज्य

छत्तीसगढ़ का डिजिटल सफर न केवल राज्य को प्रगति के पथ पर ले जाएगा, बल्कि यह भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए भी राज्य को तैयार कर रहा है। डिजिटल माध्यमों का प्रभावी उपयोग जहां सरकारी प्रक्रियाओं को तेज और पारदर्शी बना रहा है, वहीं यह नागरिकों के लिए भी एक आसान और त्वरित सेवा का माध्यम बन रहा है।

’’मोदी की गारंटी’’ और ’’विष्णु के सुशासन’’ में छत्तीसगढ़ जिस तेजी से डिजिटल युग की ओर कदम बढ़ा रहा है, वह न केवल राज्य के वर्तमान को समृद्ध बना रहा है, बल्कि आने वाले समय में छत्तीसगढ़ को एक मॉडल राज्य के रूप में स्थापित करेगा। यह डिजिटल क्रांति प्रदेश के विकास की कहानी का नया अध्याय लिख रही है और छत्तीसगढ़ को एक नई दिशा में ले जा रही है।

डिजिटल सेक्रे‍टेरिएट सिस्‍टम लागू

छत्‍तीसगढ़ में इसी साल से डिजिटल सेक्रे‍टेरिएट सिस्‍टम लागू किया गया है। अभी यह काम किसी विभाग को नहीं सौंपा गया था, लेकिन अब सरकार ने अधिसूचना जारी करके डिजिटल सेक्रे‍टेरिएट के साथ ही ई- समीक्षा और ई- लोक सेवा गारंटी के लिए विभाग तय कर दिया है।

सामान्‍य प्रशासन विभाग ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है। डिजिटल सेक्रे‍टेरिएट के साथ ही ई- समीक्षा और ई- लोक सेवा गारंटी राज्‍य सरकार के विभाग क्रमांक 58 का हिस्‍सा होंगे। राज्‍य सरकार का यह विभाग है सुशासन एवं अभिसरण विभाग।

Sandeep Kumar

संदीप कुमार कडुकार: रायपुर के छत्तीसगढ़ कॉलेज से बीकॉम और पंडित रवि शंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी से MA पॉलिटिकल साइंस में पीजी करने के बाद पत्रकारिता को पेशा बनाया। मूलतः रायपुर के रहने वाले हैं। पिछले 10 सालों से विभिन्न रीजनल चैनल में काम करने के बाद पिछले सात सालों से NPG.NEWS में रिपोर्टिंग कर रहे हैं।

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