Begin typing your search above and press return to search.

DA Hike News: डीए बढ़ने व डीए के मूल वेतन में समायोजित होने से कर्मचारियों को कैसे होगा फायदा, पढ़े खबर

Da Hike News: डीए जब बढ़कर मूल वेतन के 50% तक पहुंच जाए तो उसे मूल वेतन में समायोजित कर दिया जाता है। यदि दस हजार वेतन में 50%अर्थात 5 हजार की वृद्धि हो तो मूल वेतन दस की बजाय डीए के समायोजित होने के बाद 15 हजार हो जाएगा। फिर मूल वेतन की दर से डीए बढ़ेगा। डीए बढ़ने से ग्रेजुएटी और सेवारत कर्मचारियों के मृत्यु देयक में भी वृद्धि होती है सौर सरकारी कर्मचारियों को लाभ पहुंचता है।

DA Hike News: डीए बढ़ने व डीए के मूल वेतन में समायोजित होने से कर्मचारियों को कैसे होगा फायदा, पढ़े खबर
X
By Sandeep Kumar Kadukar

DA Hike News एनपीजी। वेतन के अलावा डीए सरकारी कर्मचारियों के लिए संजीवनी के समान माना जाता है। द्वितीय विश्व युद्ध के समय में इस प्रिय भोजन भत्ते के रूप में शुरू किया गया था। पर अब यह डीए के रूप में सरकारी कर्मचारियों–अधिकारियों को बढ़ती महंगाई व मुद्रास्फीति से लड़ने में सहयोग प्रदान कर रहा है। प्रतिवर्ष साल में दो बार बढ़ने वाले डीए को जानने के लिए सरकारी कर्मचारियों में अक्सर उत्सुकता रहती है। उन्हें उनके मूल वेतन के प्रतिशत के आधार पर बढ़ाने के बाद वेतन के साथ जुड़कर मिलता है। डीए बढ़ाने के लिए कुछ मानक तय किए गए है।

डीए में वृद्धि प्रतिवर्ष जनवरी और जुलाई माह में दो बार होता है। इस महंगाई भत्ते के रूप में भी जाना जाता है। डीए में वृद्धि एआईसीपीआई संख्याओं के द्वारा निर्धारित होती है। एआईसीपीआई सूचकांक संख्या जो सीपीएक्स महंगाई भत्ता स्कोर निर्धारित करती है के आधार पर होता है। वेतन के साथ महंगाई की दर को झेलने की क्षमता प्रदान करने में डीए महत्वपूर्ण है। अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक अर्थात एआईसीपीआई इंडेक्स द्वारा डीए में वृद्धि की दर तय की जाती है। एआईसीपीआई इंडेक्स श्रम ब्यूरो द्वारा हर महीने के अंतिम कार्य दिवस पर निर्धारित किया जाता है। हालांकि इसके आंकड़े एक माह बाद आते है। जनवरी के आंकड़े फरवरी में आते हैं। इसके सूचकांक की संख्या निर्धारित करती है कि महंगाई भत्ता कितना बढ़ेगा। श्रम ब्यूरो द्वारा हर महीने जीवन उपयोगी विभिन्न वस्तुओं को इकट्ठा किया जाता है और उसकी मार्केट रेट देखी जाती है। इस आधार पर वह आंकड़े जारी करता हु। श्रम ब्यूरो के गणना के आधार पर जनवरी और जुलाई में महंगाई भत्ता बढ़ाया जाता है।

डीए बढ़ने और मूल वेतन में समायोजित होने से कैसे होगा लाभ

यदि महंगाई भत्ते की दर बढ़ते बढ़ते मूल वेतन के 50% में पहुंचता है तो उसे मूल वेतन में समायोजित कर दिया जाता है। सीधे शब्दों में समझे तो यदि मान लीजिए किसी कर्मचारी की तनख्वाह 1 लाख रुपए है और महंगाई भत्ता बढ़ते बढ़ते उसे कुल डेढ़ लाख रुपए मिलते हैं ( एक लाख मूल वेतन+ 50 हजार रुपए भत्ते) तो 50 फीसदी भत्ता को मूल वेतन में समायोजित कर दिया जाता है। मतलब अब कर्मचारी का मूल वेतन डेढ़ लाख रुपए हो जायेगा।

अब इसके आगे जो भी डीए बढ़ेगा वह डेढ़ लाख मूल वेतन के प्रतिशत के आधार पर बढ़ेगा। पहले मान लीजिए एक लाख वेतन था और चार प्रतिशत डीए बढ़ता था तो कर्मचारी को चार हजार का फायदा होता था। अब मूल वेतन डेढ़ लाख रुपए है तो डेढ़ लाख का यदि चार प्रतिशत डीए बढ़ने पर कर्मचारी को 6 हजार रुपए का फायदा होगा। मतलब डीए का प्रतिशत नहीं भी बढ़े तो भी कर्मचारी फायदे में रहेंगे। डीए को मूल वेतन में समायोजित करने से यदि किसी कर्मचारी का मूल वेतन 20 हजार है तो यह तीस हजार हो जाएगा। हालांकि यह जुलाई में ही स्पष्ट हो सकेगा कि महंगाई भत्ते को मूल वेतन में समायोजित किया जा रहा है या नहीं।

ग्रेजुएटी भी बढ़ेगी

महंगाई भत्ता बढ़ाने के साथी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति और मृत्यु की ग्रेजुएटी में भी वृद्धि होगी। भारत सरकार के श्रम और रोजगार मंत्रालय के कार्यालयीन आदेश दिनांक 30 अप्रैल 2024 के अनुसार ओएम संख्या के पैरा 6.2 के अनुसार भारत सरकार के कार्मिक लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय पेंशन और पेंशन भोगी कल्याण विभाग द्वारा जारी 38/3712016–पी एंड पीडब्लू (ए) (1) दिनांक ,4 अगस्त 2016, सेवानिवृत्ति और मृत्यु ग्रेजुएटी की अधिकतम सीमा बढ़ाई जाएगी। जब भी महंगाई भत्ता मूल वेतन का 50% बढ़ जाता है तो सेवानिवृत्ति और मृत्यु उपदान की अधिकतम सीमा भी 25% बढ़ाकर 4 अगस्त ,2016 कर dop&pwom में उल्लिखित अन्य शर्तों के अधीन 1 जनवरी 2024 से केंद्र सरकार के कर्मचारियों को देय महंगाई भत्ते को मूल वेतन के 50% तक संशोधित करने के कारण कर्मचारियों को फायदा होगा।

Sandeep Kumar Kadukar

संदीप कुमार कडुकार: रायपुर के छत्तीसगढ़ कॉलेज से बीकॉम और पंडित रवि शंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी से MA पॉलिटिकल साइंस में पीजी करने के बाद पत्रकारिता को पेशा बनाया। मूलतः रायपुर के रहने वाले हैं। पिछले 10 सालों से विभिन्न रीजनल चैनल में काम करने के बाद पिछले सात सालों से NPG.NEWS में रिपोर्टिंग कर रहे हैं।

Read MoreRead Less

Next Story