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CRPF DG GP Singh Biography in Hindi: सीआरपीएफ डीजी आईपीएस जीपी सिंह का जीवन परिचय, जानिए कौन है सीआरपीएफ के नए डीजी ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह?

CRPF DG GP Singh Biography in Hindi: केंद्रीय कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने 1991 बैच के असम-मेघालय कैडर के आईपीएस ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह को सीआरपीएफ का नया डीजी बनाया है। वे वर्तमान में असम के डीजीपी हैं। उनकी पत्नी भी आईएएस रहीं हैं। एक बेटी भी आईपीएस हैं। केंद्र और राज्य दोनों जगहों पर महत्वपूर्ण पोस्टिंग में ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह रहे हैं।

CRPF DG GP Singh Biography in Hindi: सीआरपीएफ डीजी आईपीएस जीपी सिंह का जीवन परिचय, जानिए कौन है सीआरपीएफ के नए डीजी ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह?
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By Supriya Pandey

CRPF DG GP Singh Biography in Hindi: एनपीजी। केंद्रीय कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने असम मेघालय कैडर के 1991 बैच के आईपीएस ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह को सीआरपीएफ का नया डीजी नियुक्त किया है। वे मूलतः उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं। 31 दिसंबर 2024 को सीआरपीएफ के पूर्व महानिदेशक अनीश दयाल सिंह सेवानिवृत हो गए थे उसके बाद आईपीएस वितुल कुमार सीआरपीएफ के प्रभारी डीजी का कार्यभार सम्हाल रहे थे। अब केंद्रीय कैबिनेट की नियुक्ति समिति एसीसी ने ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह को स्थायी डीजी बनाया है। 30 नवंबर 2027 को उनकी सेवानिवृत्ति हैं। ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह की पत्नी आईएएस रहीं हैं और पुत्री भी आईपीएस हैं। आईए जानते हैं उनके बारे में...


जन्म और शिक्षा-

ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह मूलतः उत्तरप्रदेश के रहने वाले हैं। 8 नवंबर 1967 को उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में हुआ। ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह की स्कूलिंग उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हुई। जिसके बाद उन्होंने बीएससी फिर एमएससी की डिग्री प्राप्त की। सिविल सर्विसेज में रुझान के चलते उन्होंने यूपीएससी क्रैक की और आईपीएस बन गए। वे 1991 बैच के आईपीएस हैं।


प्रोफेशनल कैरियर-

सरदार वल्लभभाई पटेल पुलिस प्रशिक्षण अकादमी हैदराबाद में ट्रेनिंग खत्म करने के बाद उन्होंने अपने कैडर में आमद दी। उनकी पहली पोस्टिंग एसीपी सोनितपुर के पद पर हुई। फिर एसडीओपी राँगिया उसके बाद एडिशनल एसपी नलबारी बने। बतौर पुलिस अधीक्षक उनकी पहली पोस्टिंग गुवाहाटी में हुई।

ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह का कैरियर-

आतंकवाद विरोध, आंतरिक सुरक्षा, और भ्रष्टाचार नियंत्रण जैसे संवेदनशील क्षेत्रों से गहराई से जुड़ा रहा है। एसपीजी (विशेष सुरक्षा समूह) में रहते हुए उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्रियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी निभाई। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) में महानिरीक्षक (IG) के रूप में कार्य करते हुए उन्होंने पुलवामा, उरी, समझौता एक्सप्रेस, मालेगांव, और अजमेर शरीफ बम विस्फोट जैसे जटिल मामलों की जांच का नेतृत्व किया। दिसंबर 2019 में असम लौटने पर उन्हें एडीपीजी की जिम्मेदारी मिली। उन्होंने सीएए विरोध के दौरान राज्य में कानून-व्यवस्था बनाए रखने में अहम भूमिका निभाई। फरवरी 2023 में उन्हें असम पुलिस का महानिदेशक (DGP) नियुक्त किया गया। इस पद पर रहते हुए उन्होंने उग्रवादी गतिविधियों के विरुद्ध निर्णायक अभियान चलाए और अपराध नियंत्रण में उल्लेखनीय सफलता अर्जित की।

रिहानो पोचिंग टास्क फोर्स का नेतृत्व करते हुए उन्होंने 2022 में असम में एक भी गैंडे के शिकार न होने की ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की। भ्रष्टाचार विरोधी अभियानों में उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों तक के खिलाफ जांच आरंभ कर यह संदेश दिया कि कानून सबके लिए एक समान है। उन्होंने पुलिस बल में अनुशासन, शारीरिक दक्षता और डिजिटल तकनीक के इस्तेमाल पर विशेष जोर दिया। ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह तब भी चर्चाओं मे आए थे जब उन्होंने असम में पुलिसकर्मियों की तीन माह में वजन कम करने की चेतावनी देते हुए निर्देश दिए थे कि ऐसा नहीं करने पर वे नौकरी से हाथ धो सकते हैं।

पारिवारिक जीवन-

ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह का पारिवारिक जीवन भी सार्वजनिक सेवा से जुड़ा है। उनकी पत्नी अनामिका सिंह असम काडर की पूर्व आईएएस हैं। उन्होंने बॉटनी में पीएच.डी. की है और अपनी सेवाओं से काडर में खास पहचान बनाई है। 2006 तक असम काडर में सेवाओं के दौरान अतिरिक्त मुख्य सचिव स्तर पर पहुंचीं, लेकिन दोनों बेटियों की पढ़ाई और भविष्य के मद्देनजर नौकरी छोड़ी दी।

ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह की बड़ी बेटी ऐश्वर्या सिंह एजीएमयूटी कैडर की आईपीएस अधिकारी हैं और वर्तमान में दिल्ली में लाजपतनगर एसीपी के पद पर तैनात हैं। ऐश्वर्या सिंह ने अपनी स्कूलिंग असम से की है। इसके बाद दिल्ली के लेडी श्रीराम कॉलेज से ग्रेजुएशन कर यूपीएससी की तैयारी में जुट गई। पहले प्रयास में 249 वें रैंक के साथ आईआरएस सेंट्रल एक्साइज और कस्टम बनीं। ज्वाइन कर ट्रेनिंग के दौरान दूसरा प्रयास किया और साक्षात्कार तक पहुंची। तीसरे प्रयास में 97 वे रैंक के साथ आईपीएस बनीं।

दूसरी बेटी अराधिता सिंह ने असम से स्कूलिंग के बाद दिल्ली के हिंदू कॉलेज से ग्रेजुएशन किया। फिर राज्यसभा सचिवालय में सीनियर पीएस के पद पर पदस्थ हैं। ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह सोशल मीडिया पर वे सक्रिय रहते हैं और उनके X (पूर्व ट्विटर) पर 2.15 लाख से अधिक फॉलोअर हैं।

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