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CM विष्णुदेव साय की योजनाओं से आत्मनिर्भरता की मिसाल बनी महिला समूह, शासन की योजनाओं का ग्रामीण महिलाएं ले रही सही लाभ...

राज्य की महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के विशेष प्रयास किया जा रहे हैं। विभिन्न विभागों द्वारा चलाई जा रही हितग्राहीमूलक योजनाओं से जोड़कर उन्हें आर्थिक गतिविधियों में सम्मिलित करते हुए लाभ के अवसर प्रदान किये जा रहे हैं

CM विष्णुदेव साय की योजनाओं से आत्मनिर्भरता की मिसाल बनी महिला समूह, शासन की योजनाओं का ग्रामीण महिलाएं ले रही सही लाभ...
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By Sandeep Kumar

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की मंशा के अनुसार राज्य की महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के विशेष प्रयास किया जा रहे हैं। विभिन्न विभागों द्वारा चलाई जा रही हितग्राहीमूलक योजनाओं से जोड़कर उन्हें आर्थिक गतिविधियों में सम्मिलित करते हुए लाभ के अवसर प्रदान किये जा रहे हैं । ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़कर विशेष प्रशिक्षण प्राप्त कर महिलाएं व्यवसाय प्रारंभ कर आत्मनिर्भर हो रही हैं।

महासमुंद जिले के ग्राम गुलझर की महिलाओं ने यह सिद्ध कर दिखाया है कि आत्मनिर्भरता का रास्ता दूर नहीं, यदि सही दिशा, दृढ़ इच्छाशक्ति और सामूहिक प्रयास साथ हों। वर्ष 2019 में गठित जय बड़ादेव महिला स्व-सहायता समूह ने स्थानीय संसाधनों का उपयोग कर आजीविका का सशक्त साधन तैयार किया और अपनी आर्थिक स्थिति को नई दिशा दी।

बकरी पालन को बनाया आय का स्थायी माध्यम

समूह की अध्यक्ष गोमती ध्रुव बताती हैं कि उन्होंने शुरुआत में बकरी पालन को एक व्यवसाय के रूप में अपनाया, क्योंकि यह ग्रामीण परिवेश में कम लागत और कम प्रशिक्षण में भी लाभकारी साबित हो सकता है। उनके अनुसार बकरी पालन सिर्फ पशुपालन नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ने का एक प्रभावी माध्यम बन गया है।

बिहान योजना से मिली आर्थिक ताकत

बकरी पालन की शुरुआत उन्होंने बिहान योजना के अंतर्गत 1 लाख रुपये के ऋण से की। नियमित किस्त चुकाने के बाद वे ऋणमुक्त हुईं और फिर क्रमशः 2 लाख और 4 लाख रुपये का ऋण लेकर व्यवसाय का विस्तार किया। समय पर ऋण अदायगी के फलस्वरूप समूह को 15 हजार रुपये का रिवॉल्विंग फंड और 60 हजार रुपये का सामुदायिक निवेश कोष भी प्राप्त हुआ।

बकरी खाद से अतिरिक्त आय और बाजार में मांग

आज समूह की 8 महिला सदस्यों के पास चार से पाँच बकरियाँ हैं। वे न केवल बकरी पालन कर रही हैं, बल्कि उससे उत्पादित जैविक बकरी खाद को तैयार कर बाज़ार में बेच रही हैं, जिससे प्रत्येक महिला को प्रति माह 4 से 5 हजार रुपये की अतिरिक्त आय हो रही है। बकरी खाद की गुणवत्ता और जैविक प्रकृति के कारण इसकी मांग पुणे जैसे बड़े शहरों में भी बनी हुई है।

आकांक्षा हाट में शानदार प्रदर्शन

हाल ही में जिला पंचायत परिसर में आयोजित आकांक्षा हाट में समूह द्वारा लगाए गए स्टॉल में बकरी खाद को लोगों का जबरदस्त प्रतिसाद मिला। इससे महिलाओं का उत्साह और आत्मविश्वास और भी बढ़ा है।

प्रेरणास्रोत बनीं ग्रामीण महिलाएं

गोमती ध्रुव और उनकी साथी महिलाओं ने यह सिद्ध कर दिखाया है कि यदि ग्रामीण महिलाएं संगठित होकर कार्य करें और शासन की योजनाओं का सही लाभ उठाएं, तो न केवल वे अपनी आजीविका को सशक्त बना सकती हैं, बल्कि अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बन सकती हैं। समूह की महिलाएं बिहान योजना और अन्य आजीविका उन्मुख सरकारी योजनाओं के लिए शासन का आभार व्यक्त करती हैं, जिन्होंने उन्हें यह मंच और अवसर प्रदान किया।

सरगुजा में बिहान योजना से ग्रामीण महिलाएं बनीं आत्मनिर्भर

छत्तीसगढ़ शासन द्वारा संचालित बिहान योजना के माध्यम से सरगुजा जिले के लूण्ड्रा विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत करौली की महिलाएं आज आत्मनिर्भरता और सशक्तिकरण की नई कहानी लिख रही हैं। बिहान योजना के तहत गठित हिग्लेश्वरी स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने तेल प्रोसेसिंग इकाई स्थापित कर आर्थिक स्वावलंबन की दिशा में उल्लेखनीय कार्य किया है।

समूह की अध्यक्ष सरोज के नेतृत्व में 5 स्व-सहायता समूहों की 28 महिलाओं को एकजुट कर प्रोड्यूसर ग्रुप का गठन किया गया। इस समूह ने सरसों तेल निर्माण की फूड प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित कर स्थानीय स्तर पर स्वरोजगार का प्रभावी मॉडल प्रस्तुत किया है। वर्तमान में समूह द्वारा सरसों तेल निर्माण की सम्पूर्ण प्रक्रिया-बीज की सफाई, प्रोसेसिंग, भंडारण, पैकिंग एवं विपणन स्वयं संचालित की जा रही है।

इस इकाई में कार्यरत प्रत्येक महिला को प्रतिदिन 200 रूपए की मजदूरी प्राप्त हो रही है। तेल बिक्री से समूह को प्रतिमाह औसतन 50-60 हजार रूपए की शुद्ध बचत भी हो रही है। शासन द्वारा प्रोसेसिंग इकाई के लिए शेड एवं मशीनरी की सुविधा प्रदान की गई है। तेल को स्टील ड्रम में संग्रहित कर दो दिनों तक स्थिर रखने के उपरांत बोतलों में भरकर बाज़ार में विक्रय हेतु भेजा जाता है। उच्च गुणवत्ता एवं शुद्धता के कारण स्थानीय बाज़ार में इन उत्पादों की मांग निरंतर बढ़ रही है।

सरोज ने बताया कि बिहान योजना से पहले गांव की महिलाएं घरेलू कार्यों तक सीमित थीं, परंतु अब उन्हें आर्थिक संबल के साथ-साथ समाज में नई पहचान मिली है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि शासन की योजनाओं ने ग्रामीण महिलाओं की जीवनशैली को सकारात्मक रूप से परिवर्तित किया है।

बिहान योजना के प्रभावी संचालन से सरगुजा जिले की स्व-सहायता समूहों की महिलाएं आज ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूत कड़ी बनकर उभर रही हैं। करौली का हिग्लेश्वरी समूह महिला सशक्तिकरण और सामुदायिक आजीविका विकास का प्रेरणादायी उदाहरण बन गया है, जिसकी सफलता ने यह सिद्ध किया है कि यदि अवसर और संसाधन उपलब्ध हों, तो ग्रामीण महिलाएं भी आर्थिक प्रगति एवं सामाजिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे सकती हैं।

Sandeep Kumar

संदीप कुमार कडुकार: रायपुर के छत्तीसगढ़ कॉलेज से बीकॉम और पंडित रवि शंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी से MA पॉलिटिकल साइंस में पीजी करने के बाद पत्रकारिता को पेशा बनाया। मूलतः रायपुर के रहने वाले हैं। पिछले 10 सालों से विभिन्न रीजनल चैनल में काम करने के बाद पिछले सात सालों से NPG.NEWS में रिपोर्टिंग कर रहे हैं।

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