CM विष्णुदेव साय का कैम्प ऑफिस बगिया बना जरूरतमंदों के लिए वरदान, मदद की आस में संभाग भर से पहुंच रहे दुखी, पीड़ित
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के गृह ग्राम बगिया में लोगों की सुविधाओं के लिए कैंप आफिस खोला गया है। यह सिर्फ जशपुर ही नहीं बल्कि पूरे सरगुजा संभाग के लिए लोगों के आशा का किरण बन गया है। सीएम की पत्नी कौशल्या साय खुद भी पहल करके लोगां को मदद मुहैया कराती हैं।
जशपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के गृह ग्राम बगिया में जरूरतमंदों की सहायता के लिए बनाया गया कैंप ऑफिस सिर्फ बगिया, कुनकुरी या जशपुर का ही नहीं, बल्कि सरगुजा संभाग के लोगों के लिए आशा का केंद्र बन गया है। कैंप आफिस में मदद के लिए सरगुजा संभाग से लोग पहुंच रहे हैं।
दरअसल, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने अफसरों को निर्देश दिया है कि कैंप आफिस में उम्मीद से आने वाले जरूरतमंदों को मायूस जैसी स्थिति का सामना नहीं करना चाहिए। नियमानुसार जितनी सहायता बन सकती है, की जानी चाहिए।
विष्णु देव साय की संवेदनशील पहल से बगिया में स्थापित मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय के द्वारा लोगों की मदद करने का सिलसिला सतत् रूप से जारी है। इसी कड़ी में पैरालिसिस बीमारी से जूझ रही बगीचा तहसील के महादेवडांड टुकुपानी निवासी मानकुवेर नाग चलने-फिरने में असमर्थ थीं। उन्हें मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय से व्हील चेयर प्रदान की गई है। पैरालिसिस बीमारी से पीड़ित मानकुवेर नाग के परिजनों ने सीएम कैंप कार्यालय बगिया में पहुंचकर मदद के लिए आवेदन किया था। परिवार की इस अपील को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री के निर्देश पर तुरंत कार्रवाई की गई।
मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी कौशल्या साय ने पीड़ित परिवार से मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुनी और उन्हें व्हील चेयर प्रदान किया। उन्होंने परिवार को हरसंभव मदद देने का आश्वासन भी दिया। इस सहायता से मानकुवेर नाग और उनके परिजनों के चेहरे पर खुशी दिखी। मानकुवेर नाग ने कहा कि व्हील चेयर मिलने से अब वे अपने दैनिक कार्यों को आसानी से कर पाएंगी। परिवार ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और उनकी धर्मपत्नी के प्रति अपना आभार व्यक्त किया और कहा कि इस मदद से उनके जीवन में एक नई आशा और राहत आई है।
जशपुर अंचल में लोगों की उम्मीदों के अनुरूप उनकी समस्याओं का निराकरण अब प्राथमिकता से हो रहा है। बगिया स्थित मुख्यमंत्री कार्यालय से जरूरतमंद लोगों को मौके पर ही ईलाज की सुविधा, दिव्यांग जनों को हियरिंग एड, ट्राईसाइकिल, जैसे पुनर्वास उपकरण निःशुल्क उपलब्ध कराएं जा रहे है।
मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय में आने वाली मंदाकिनी यादव, जो लंबे समय से सुनने की समस्या से जूझ रही थीं, कई अस्पतालों का चक्कर काटने के बाद भी इन्हें फायदा नहीं मिला, तब उन्होंने मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय से सम्पर्क किया। जहां चिकित्सीय परीक्षण के बाद उन्हें तत्काल सुनने की मशीन उपलब्ध कराई गई। नई मशीन लगने पर वह स्पष्ट रूप से सुनने में सक्षम हो गई हैं। इसी प्रकार दिव्यांग गुरुदेव, जो बचपन से ही अस्थि बाधित थे, उन्हें ट्राईसाइकिल प्रदान की गई।
मंदाकिनी यादव और गुरूदेव ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के प्रति आभार व्यक्त करते हुए बताया कि मुख्यमंत्री कैम्प से उन्हें चिकित्सीय परीक्षण के बाद तत्काल निःशुल्क पुनर्वास उपकरण की व्यवस्था की गई। इससे उनका जीवन आसान हो गया है। कान में नई मशीन लगने के बाद अब बिल्कुल साफ सुनाई पड़ रहा है। वहीं गुरूदेव ने बताया कि अस्थि बाधित होने के कारण इन्हें अपने दैनिक कार्यो के लिए कहीं भी आने जाने के लिए परिवार के सदस्यों पर आश्रित रहना पड़ता था। अब ट्राईसाइकिल मिलने के बाद उन्हें अपने जरूरत के काम के लिए किसी पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।
सड़क दुर्घटना में अपना एक पैर गंवा चुके फरसाबहार तहसील के केंदवई गांव निवासी नंदकुमार के लिए एक नई उम्मीद की किरण तब आई जब मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पहल पर उन्हें कृत्रिम पैर उपलब्ध कराया गया। इससे नंदकुमार की जिंदगी में फिर से एक नई शुरुआत हुई है और उनके चेहरे पर मुस्कान लौट आई है।
कैंप कार्यालय में आवेदन
एक पैर गंवा चुके नंदकुमार जो दुर्घटना के बाद जीवन में कई परेशानियों से जूझ रहे थे। मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय बगिया में जाकर अपनी समस्या का आवेदन दिया था। उन्होंने मुख्यमंत्री से कृत्रिम पैर की मांग करते हुए अपनी स्थिति को साझा किया। इस पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने तत्काल संज्ञान लेते हुए अधिकारियों को निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि नंदकुमार को जल्द से जल्द कृत्रिम पैर उपलब्ध कराया जाए। इसके बाद इन्हें रायपुर भेज कर कृत्रिम पैर दिलाया गया। अब वह फिर से बिना परेशानी से अच्छे से चल फिर रहे हैं और बहुत खुश है। उन्होंने मुख्यमंत्री साय का आभार जताते हुए धन्यवाद दिया है।
नंदकुमार के चेहरे पर फिर से लौटी मुस्कान
नंदकुमार के चेहरे पर एक नई मुस्कान देखने को मिली। उन्होंने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का धन्यवाद करते हुए कहा कि यह कृत्रिम पैर उनके लिए एक नई जिंदगी जैसा है। अब वे सामान्य जीवन की तरफ वापसी कर सकते हैं और एक बार फिर से अपने पैरों पर खड़े होकर जीवन की चुनौतियों का सामना करने को तैयार हैं।
जरूरतमंदों के लिए बना आशा का केंद्र
मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय बगिया, अब लोगों के बीच आशा का केंद्र बन चुका है। जरूरतमंद लोग भी अपनी समस्याओं को लेकर यहां आकर सहायता प्राप्त कर रहे हैं। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की इस पहल की व्यापक स्तर पर सराहना हो रही है, राज्य सरकार समाज के कमजोर और जरूरतमंद तबके की समस्याओं को दूर करने पूरी संवेदनशीलता से कार्य कर रही है। बगिया कैंप कार्यालय अब उन लोगों के लिए एक प्रतीक बन गया है जो जीवन की कठिनाइयों से जूझ रहे हैं और किसी प्रकार की सहायता की उम्मीद कर रहे हैं।इस प्रकार, नंदकुमार की यह कहानी एक उदाहरण बन गई है कि कैसे सरकार और समाज के सहयोग से जीवन में नई उम्मीदें और खुशियाँ लौट सकती हैं।
बबिता को मिली सहायता
जशपुर की 10 वर्षीय बालिका बबिता को माता-पिता ने मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय बगिया पहुंचकर बच्ची के ईलाज के लिए फरियाद लगायी। यह बच्ची गुमसूम रहती थी, खेलने-कूदने में भी इसे दिक्कत होती थी। कैम्प कार्यालय के निर्देश पर इस बालिका का चिकित्सकीय परीक्षण हुआ। परीक्षण में चिकित्सकों ने दिल में छेद होने की आशांका जतायी और बालिका को समुचित उपचार करने के लिए उनके माता-पिता को समझाईश दी गई।
एम्स में ऑपरेशन
जिला प्रशासन जशपुर और चिरायु टीम के जरिए बबिता के दिल का एम्स रायपुर में सफल ऑपरेशन हुआ। अब वह पूरी तरह से स्वस्थ हो चुकी है। उसे कैम्प कार्यालय के जरिए नया जीवन मिला है। बबिता के माता-पिता बच्ची के हृदय में छेद होने की जानकारी मिलने पर बहुत चिंतित हो गए थे। लेकिन जिला प्रशासन और कैम्प कार्यालय की मदद से उनकी दिक्कत दूर हो गई। चिरायु टीम के अमित भगत ने बताया बचपन से बबीता को दिल में छेद था, सांस लेने और दौड़ने भागने में भी दिक्कत आती थी।
बबीता की मां जय कुमारी बाई और पिता झमेश राम ने बताया कि उनकी बेटी को जन्म से दिल में छेद होने का अंदेशा था। लेकिन आर्थिक तंगी और ईलाज में होने वाले खर्च को लेकर भी उन्हें दिक्कत महसूस हो रही थी। जैसे ही उनका आवेदन कैम्प कार्यालय को मिला मुख्यमंत्री ने तत्काल बबीता का ईलाज करने के निर्देश दिए। जिला प्रशासन और चिरायु टीम बच्ची के घर जाकर पालकों से सम्पर्क किया और ईलाज की व्यवस्था की गई।
बबीता के माता-पिता ने मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि उनके सार्थक प्रयास से उनकी बच्ची पूरी तरह से ठीक हो गई है। वर्तमान में कक्षा 6वीं में पढ़ाई कर रहीं हैं। स्कूल आने जाने में भी किसी भी प्रकार की कोई समस्या नहीं आ रही है। अपनी बच्ची को हंसता मुस्कुराता देखना अच्छा लगता है।
जब कोई व्यक्ति कहीं पर इस भरोसे के साथ जाता है कि उसकी सुनवाई होगी और उनकी समस्याओं का निराकरण हो पाएगा। यह भरोसा कायम होता है उस संस्थान की प्रतिबद्धता से। लोगों में यही भरोसा जगा है मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय द्वारा लोगों की मांगों और समस्याओं का पूरी तत्परता के साथ सतत रूप से निराकरण से। अपनी समस्याओं से परेशान लोग यहां आने के बाद चेहरे पर एक मीठी मुस्कान लेकर जाते हैं और मुख्यमंत्री साय को उनकी इस सकारात्मक पहल के लिए धन्यवाद देते हैं।
राजमिस्त्री को ट्राई सायकल
इसी क्रम में जशपुर जिले के कोतबा निवासी 44 वर्षीय रोहित कुमार साहू का पिछले वर्ष राजमिस्त्री का काम करने के दौरान पैर में किल लगने से संक्रमण हो गया था। संक्रमण बढ़ जाने की वजह से इलाज के दौरान रायपुर के अस्पताल में उनका पैर काटना पड़ा। उन्होंने सीएम कैंप कार्यालय बगिया में ट्राई सायकल की मांग की। कैंप कार्यालय बगिया द्वारा साहू को तत्काल ट्राई सायकल प्रदान किया गया। ट्राई सायकल मिलने से उत्साहित रोहित ने मुख्यमंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया।