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Education News: क्लर्क निलंबित: मेडिकल बिल के जारी करने के एवज में उगाही: क्लर्क निलंबित, DEO ने जारी किया आदेश

CG Education News: मेडिकल बिल जारी करने के बजाय फ़ाइल दबाकर बैठने वाले क्लर्क अनूपम शुक्ला को डीईओ ने सस्पेंड कर दिया है. पैसे के लेनदेन के मामले में आडियो वायरल हुआ था. NPG.BEWS की खबर के बाद डीईओ ने कार्रवाई की है.

Education News: क्लर्क निलंबित: मेडिकल बिल के जारी करने के एवज में उगाही: क्लर्क निलंबित, DEO ने जारी किया आदेश
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By Gopal Rao

CG Education News: डीईओ ने जारी निलंबन आदेश में लिखा है, अनुपम शुक्ला, पदनाम सहायक ग्रेड-02 कार्यालय विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी बिल्हा विकासखण्ड-बिल्हा, जिला बिलासपुर के संबंध में शिकायत प्राप्त हुई थी जिसकी प्रतिवेदन कार्यालय विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी बिल्हा, जिला बिलासपुर के द्वारा दी गई प्रतिवेदन के द्वारा इस कार्यालय को अवगत कराया गया है। कि अनुपम शुक्ला सहायक ग्रेड-02 के विरूद्ध प्राप्त प्रतिवेदन अनुसार वायरल आडियो के वार्तालाप को सुनने से आवाज अनुपम शुक्ला एवं शिल्पा का प्रतीत होता है। वार्तालाप में चिकित्सा प्रतिपूर्ति देयक के संबंध में किसी को जानकारी नही देने संबंधी बात हो रही है जो दूषित मंशा को प्रदर्शित करता है, तथा दो वर्षों तक चिकित्सा प्रतिपूर्ति देयक को भुगतान हेतु सक्षम अधिकारी के समक्ष निर्धारित समयावधि में प्रस्तुत नहीं करना प्रथम दृष्टया स्वेच्छाचारिता को दर्शाता है जो कि सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के विपरित है। का लेख किया गया है।

अतएव अनुपम शुक्ला पदनाम सहायक ग्रेड-02 कार्यालय विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी बिल्हा विकासखण्ड-बिल्हा, जिला बिलासपुर का उक्त कृत्य कर्मचारी आचरण के प्रतिकूल एवं छाग सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 03 विपरीत होने के कारण अनुपम शुक्ला, पदनाम सहायक ग्रेड-02 कार्यालय विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी बिल्हा विकासखण्ड-बिल्हा, जिला बिलासपुर को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है।

अनुपम शुक्ला, पदनाम सहायक ग्रेड-02 कार्यालय विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी बिल्हा विकासखण्ड-बिल्हा, जिला बिलासपुर का निलंबन काल में मुख्यालय कार्यालय विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी कोटा वि.ख. कोटा में रहेगा एवं उन्हे नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता होगी।

क्या है मामला

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के अंतर्गत बिल्हा ब्लाॅक में मेडिकल बिल निकालने के नाम पर फर्जीवाड़ा करना कोई नया नहीं है। इस बार कुछ अलग हुआ। एक कर्मचारी की मेडिकल बिल पास करने के एवज दो कर्मचारियों का आडिया वायरल हुआ है। इसमें लेनदेन के बाद ही बिल पास करने की हिदायत एक कर्मचारी द्वारा दूसरे कर्मचारी को दी जा रही थी। NPG.NEWS ने इस खबर को प्रमुखता के साथ प्रकाशित किया। मेडिकल बिल पास करने के एवज में उगाही को लेकर दो कर्मचारियों के बीच बातचीत का आडियो भी जारी किया था। NPG.NEWS की खबर को संज्ञान में लेते हुए आला अधिकारियों ने दोषी कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई प्रारंभ करने का निर्देश दिया है।

NPG.NEWS ने एक बार फिर बिलासपुर शिक्षा विभाग में चल रहे भ्रष्टाचार को उजागर किया है, जिसके तहत विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय बिल्हा में सहायक ग्रेड 2 अनुपम शुक्ला जिसका कल ऑडियो वायरल हुआ था, उनकी गड़बड़ी जांच में प्रमाणित हो गई है। NPG.NEWS की खबर प्रकाशित होने के बाद जब विकासखंड शिक्षा अधिकारी भूपेंद्र कौशिक ने इस मामले को संज्ञान में लेकर कार्यालय की अलमारी चेक करवाई तो अनुपम शुक्ला के सामने ही उनके अलमारी से अर्चना मिश्रा का बिल निकाला। यह पूरी तरह से प्रमाणित करता है कि अर्चना मिश्रा ने पैसा नहीं दिया था जिसके कारण उसके बिल को गायब कर दिया गया था। यही आरोप अर्चना मिश्रा ने अपने पत्र में भी लगाया था और इसी बात को लेकर अनुपम शुक्ला ने कार्यालय की ही एक और कर्मचारी शिल्पा शर्मा को निर्देशित किया था कि यदि अर्चना मिश्रा पूछे तो उसे बोल देना कि उसका बिल नहीं मिल रहा है और जब तक वह पैसा नहीं देगी तब तक उसका काम नहीं करना है ।

इस मामले में जब विकासखंड शिक्षा अधिकारी भूपेंद्र कौशिक से बात की तो उन्होंने बताया कि अर्चना मिश्रा का बिल अनुपम शुक्ला के ही अलमारी से मिला है। बीईओ ने बताया कि जेडी कार्यालय समेत राज्य कार्यालय से भी इस मामले में उचित कार्यवाही हेतु प्रतिवेदन भेजने का निर्देश प्राप्त हो गया है । अब देखना होगा कि इस मामले में कितनी जल्दी कार्रवाई होती है।

बिल्हा विकासखंड में मेडिकल बिल के नाम पर जमकर होता है फर्जीवाड़ा!

बिल्हा विकासखंड में मेडिकल बिल के नाम पर होने वाला यह पहले फर्जीवाड़ा नहीं है। इससे पहले संकुल समन्वयक साधेलाल पटेल का भी मामला उजागर हो चुका है, जिसमें उन्होंने फर्जी मेडिकल बिल के जरिए 30 लाख रुपए की राशि निकालने की कोशिश की थी। शिकायत के बाद विभाग के संज्ञान में आ गई थी और जब इस मामले की जांच हुई तो जिला चिकित्सालय कार्यालय बिलासपुर ने भी बिल का फर्जी होना प्रमाणित किया। इसके बाद इस मामले में FIR करने के निर्देश भी उच्च कार्यालय से दिए गए थे। अचरज की बात ये कि आजतलक एफआईआर दर्ज नहीं कराया गया है। साफ है कि दोषी कर्मचारियों को बचाने और संरक्षण देने की कोशिश हो रही है । यही नहीं इस मामले में ₹9 लाख की राशि साधे लाल पटेल पहले ही निकलवा चुके थे और इसमें तत्कालीन विकासखंड शिक्षा अधिकारी को भी दोषी माना गया बावजूद इसके किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की गई।

सर्विस बुक भी है गायब , कागजों में दिए जा रहे आंकड़ों में भी है भारी गड़बड़ी

बिल्हा विकासखंड में सर्विस बुक भी गायब है जिसकी शिकायतें शिक्षक संघ कई बार कर चुके हैं पर विभाग इस पर संज्ञान नहीं ले रहा है और फर्जी आंकड़े जानकारी मांगने पर भेज दिए जाते हैं लेकिन वास्तविकता यह है कि सैकड़ो की संख्या में सर्विस बुक कार्यालय से नदारद है और हर आने वाला नया विकासखंड शिक्षा अधिकारी ऐसे मामलों की जांच से बचता है अब देखना होगा कि उच्च कार्यालय इस मामले को कब संजीदगी से लेता है।




Gopal Rao

गोपाल राव: रायपुर में ग्रेजुएशन करने के बाद पत्रकारिता को पेशा बनाया। विभिन्न मीडिया संस्थानों में डेस्क रिपोर्टिंग करने के बाद पिछले 8 सालों से NPG.NEWS से जुड़े हुए हैं। मूलतः रायपुर के रहने वाले हैं।

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