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Rojari Maharani Church Jashpur : हमारी धरा में एशिया का सबसे बड़ा दूसरा चर्च ! 7 अंक है यहाँ की खासियत, जानिए कहाँ

Rojari Maharani Church Jashpur : एशिया का बसे बड़ा चर्च नागालैंड में है. उसके बाद दूसरा सबसे बड़ा चर्च कुनकुरी का है. यहाँ एक साथ 10 हजार श्रद्धालु बैठ सकते हैं. इसे बनने में करीब 17 साल लगे थे.

Rojari Maharani Church Jashpur : हमारी धरा में एशिया का सबसे बड़ा दूसरा चर्च ! 7 अंक है यहाँ की खासियत, जानिए कहाँ
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By Meenu Tiwari

Rojari Maharani Church Jashpur : हमारे छत्तीसगढ़ में एक ऐसा चर्च है, जो पूरे एशिया में दूसरे नंबर का चर्च है. हम बात कर रहे हैं छत्तीसगढ़ के जशपुर के कुनकुरी की, जहां रोजरी महारानी महागिरजाघर है, जो एशिया के चर्चों में दूसरे नंबर पर है. गौरतलब है की एशिया का बसे बड़ा चर्च नागालैंड में है. उसके बाद दूसरा सबसे बड़ा चर्च कुनकुरी का है. यहाँ एक साथ 10 हजार श्रद्धालु बैठ सकते हैं. इसे बनने में करीब 17 साल लगे थे.


इस चर्च की खासियत यह है कि इसकी बनावट बाइबिल में लिखे तथ्यों के आधार पर है। यह विशाल इमारत एक ही बीम के सहारे खड़ी है. यह जशपुर जिला मुख्यालय से 50 किलोमीटर की दूरी पर है।




रोजरी की महारानी महागिरजाघर का इतिहास


इस चर्च की स्थापना 1962 में हुई थी और इसे बनने में करीब 17 साल लगे थे. महागिरजाघर को आदिवासी मजदूरों ने बनाया था। चर्च का निर्माण बिशप स्तानिसलाश और बेल्जियम के प्रसिद्ध वास्तुकार कार्डिनल जेएम कार्सी एसजे की मदद से किया गया था. चर्च की वास्तुकला में सात छतों और सात दरवाजों का खास महत्व है, जिन्हें जीवन के सात संस्कारों का प्रतीक माना जाता है.




7 अंक है खास

इस चर्च की एक और विशेषता है, जो अपने आप में अलग है. इस महागिरजाघर में 7 अंक का विशेष महत्व है. इस चर्च में 7 छत और 7 दरवाजे हैं. कैथोलिक वर्ग में 7 नंबर को खास माना गया है, हफ्ते में भी 7 दिन होते हैं. 7वां दिन भगवान का होता है. चर्च की 7 छतें एक ही बीम पर टिकी हुई हैं. ये चर्च इतना विशाल है कि इसके अंदर एक साथ 10 हजार लोगों के बैठने की क्षमता है. इस बार महागिरजाघर में क्रिसमस का त्योहार सादगी भरे अंदाज में मनाया जा रहा है.




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